THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Friday, July 6, 2012

Fwd: पौड़ी म पाणि टापि टापि



---------- Forwarded message ----------
From: Bhishma Kukreti <bckukreti@gmail.com>
Date: 2012/7/5
Subject: पौड़ी म पाणि टापि टापि
To: kumaoni garhwali <kumaoni-garhwali@yahoogroups.com>, shilpkaar_of_uttaranchal <shilpkaar_of_Uttaranchal@yahoogroups.com>, arju <uttranchalkalasangam@googlegroups.com>, uttarakhandpravasi <uttarakhandpravasi@yahoogroups.com>, uttaranchalwasi <uttaranchalwasi@yahoogroups.com>


चबोड़ इ चबोड़ मा
                     पौड़ी म पाणि टापि टापि
                                 भीष्म कुकरेती
                     मै पता नि लग बल पौड़ी मा पाणि अ इथगा टापि हुईं च. सुबेर बिटेन अपण पाँच रिसेतेदारू पौण बणिक बि पता नि चौल कि पौड़ी निपाणि डाँडो ह्व़े ग्याई.
सुबेर जब बस अड्डा बिटेन उकाळ चौढ़ी पस्बोला जी इ ड़्यार ग्यों त ऊन म्यार स्वागत डब्बा बन्द मौसम्बी रस से कार इनी भुला प्रेम सिंग क इख मेरो स्वागत मिल्क डेयरी चोकलेट से ह्व़े. यार पन्ना क इख आदिर खातिर मा बि डब्बा बन्द नारंगी रस थौ. मीन बि सोची याल छौ कि मुंबई जैक अपण स्टैण्डर्ड बढाण पोडल अर पौणु स्वागत पाणि से ना फ्रूट जूस से करण पोडल. मीन लंच अपण स्याळो स्याळअ स्याळ (त रिश्ता मा स्याळ इ ह्व़े कि ना !) क इख खाई अर मी पौड़ी क स्टैण्डर्ड मा इथगा परिवर्तन देखिक चकरे ग्यों.प्रथम स्वागत बि बियर से अर आन्द दै बि बियर ! इख मुंबई मा बि म्यार दगड्या छन पण इथगा बियर पिलंदर क्वी नी च . खाणो मा भुन्यु मटन अर बिरयानी , दही अर पाणि जगा बियर अर हथ धूणो केवल बनि बनि क नेपकिन अर तौलिया. मी तै शरम लग कि मी मुंबई मा रैक अबि तलक गढ़वळि इ रै ग्यों अर म्यार स्याळो स्याळअ स्याळ गढवाळ क पौड़ी मा बि जर्मनी से अग्वाड़ी बढ़ी गे. हमर इख उ उथगा बड़ो मौडर्न माने जांद जु जथगा खुले आम शराब परोसद. इख त म्यार म्यार स्याळो स्याळअ स्याळ क बेटी बियर बोतल खोलिक मै तै सर्व करणि छे. या इ त अल्ट्रा मौडर्न कल्चरो निसाणि च.
उ त स्याम दै पता चौल कि फ्रूट जूस दीण या पाणि जगा बियर सर्व करण क्वी हौर कारणो से छौ. मौडर्निटी से दूरौ सम्बन्ध नि छौ.
स्याम दै वीरेन्द्र पंवारौ किताब 'बीं' प्रकाशन क खुसि मा एक पार्टी छे त उख पता चौल कि अचाणचक पौड़ी वाल इथगा अल्ट्रा मॉडर्न ह्व़े गेन.हिन्दुस्तान मा पार्टी माने दारु -सारु , शराब -उराब. बगैर शराबौ खाणक पीणक तै पार्टी ना जीमण बोले जांद . चूंकि इख शराब उराब बि छे त या पार्टी छे.
स्वागत भाषण नरेंद्र कठैत जीक का जिम्मा छौ त ऊन स्वागत भाषण कि जगा पौड़ी म्युनिस्पल कोर्पोरेसन कमिसनरो SMS पौड़ीक सुणाइ कि मानसूनौ देर से आण से पौड़ी मा अगला दस दिन तलक पाणि नि आलो. एक व्यंगकार जैन पाणी पर खंडकाव्य लेखी हो त वैक मुखन याँ से बढिया स्वागत भाषण ह्वेई नि सकद.
मीन पूछ बल वीरेंद्र जी कख छन त बताये गे कि बस आण इ वाळ छन .
दारु क टेबल मा दारु अर बियर बोतल अर गिलास धर्याँ छा.
मिन बार टेंडर कुणि ब्वाल," रम विद वाटर !"
बार टेंडर न अळग छत जिना नजर घुमै दे.
मीन दुबर ब्वाल," चलो रम नि ह्वाओ त व्हिस्की विद वाटर"
बार टेंडर अब तौळ दिखण मिसे गे.मीन ब्वाल," चलो व्हिस्की नी च त जिन पाणि दगड "
बार टेंडर भ्युं बैठी गे अर इथगा मा बी. मोहन नेगी जी दौड़ी दौड़ी क सि ऐन , बियर गिलासुन्द भौर अर फिर पीण दै ऊन ब्वाल,," कुकरेती जी ! यार क्या करणा छंवां. शराब कु मजा त कोकटेल मा इ हूंद."
मि घंघणे ग्यों बस बेसुध हूण बाकी थौ.जु बी. मोहन नेगी जी शराब त छ्वाड़ो कोक पेप्सी बि नि चखदन वो बियर पीणा छन !
म्यार पुछण से पैलि नेगी जीन बोली," कुकरेती जी आप व्हिस्की, रम , जिन जु ब्वालो ओ पी सकदन पण आप तै व्हिस्की मा पाणी जगा बियर मिलाण पोडल. आप नीट बि पे सकदन . बट नो वाटर प्लीज! इख पाणि अकाळ पड्यु च "
औ म्यार भुभरड़ ! त या बात च . पौड़ी मा पाणि टापि टापि च अर मी समजणो छौ कि पौड़ी वळा अल्ट्रा मौडर्न ह्व़े गेन .
मीन ब्वाल,' व्हिस्की विद स्टोंग बियर" अर म्यार इन बुलण छौ कि बैरा क मुख पर पाणी ऐ गे. वैन व्हिस्की विद स्ट्रौंग बियर तैयार कार.
मीन बी.मोहन जी तै पूछ, "भै !भुला वीरेंद्र कख च"
नेगी जीन उत्तर दे, " बस आण इ वाळ छन '
मी गिलास लेकी पौणु खबर सार पुछणो हौल मा घुमण मिसे ग्यों .
उख एक एक्स-मिलिटरी क कप्तान साब बि छ्या ऊन बोली," भै ! यू पौड़ी त जैसलमेर अर बाड़मेर से बि फंड ह्व़े गे. वन्स अपौन ए टाइम आइ वज पोस्टेड इन जैसलमेर ...." मै तै बळु से क्वी लगाव नी च त मि दुसर पौणो ध्वार् चलि ग्यों ।
गणेश गणी जी बुलणा छ्या," मी त रोज सुबेर उठिक मोटर साइकल से श्रीनगर जान्दो उख अलकनंदा मा नयान्दो अर अपण परिवारों बान एक कन्टर पाणी लेक ऐ जान्दो . काम चली जान्दो"
गणेश जी से इ पता चौल बल पौड़ी मा वाटर टैंकर लाण पर बैन (मनाही) लग्युं च. वाटर टैंकर आन्द अर लोग बाग़ तलवार, कुलाड़ी, दाथड़ी लेकी पाणी लुठणो ऐ जान्दन. जैमा जथगा बड़ा हथियार वी पाणी लूठिक ली जांद
मीन गणेश गणी जी तै पूछ बल वीरेंद्र जी कख छन त ऊंको बि उत्तर छौ बल --पंवार जी बस आण इ वाळ छन
एल.एम् कोठियाल जी त्रिभुवन उनियाल जी तै पौड़ी क इतिहास सुणाणा छ्या बल पौड़ी कि स्थापना सन १८४० क करीब ह्व़े अर तै दिन बिटेन इ पौड़ी मा पाणि कमी महसूस ह्व़े गे छौ
पौड़ी इतिहास सुणण वाळ गढ़वाली व्यंग्यकार त्रिभुवन उनियाल जीन कोठियाल जी मा अपण दुखड़ा सुणाइ," यार आप त जाणदा छन. हम बगैर नौकरों रै इ नि सकदां अर नौकर पाणि चोरी गीजि गेन. बस अब हमन नौकर रखण बन्द कौरी आलिन.ड़्यार बिटेन बौ तै बि भटे सकदा छा पण एक मनिखौ कुण एक्स्ट्रा पाणि इंतजाम कु कारो . बस अच्काल मै तै इ रसोई, बणाण पड़द"
खबर सार का विमल नेगी जीन जोरै धाई लगाई," अबि अबि पौड़ी क डी.एम को SMS आइ कि क्वी बि अखबार पौड़ी इ ना गढ़वाल मा पाणि कमी बारा मा क्वी खबर नि छपी सकदो . अर मीन आजि 'खबर सार ' को ताजा अंक छपाई अर पौड़ी मा पाणि त्राहिमाम पर इ सरा अखबार केन्द्रित छौ." अर फिर विमल नेगी जी अखाबार इ पड़ण लगी गेन
सौब विमल जी छोडि बार टेबलों तरफ आइ गेन.
मीन उखम डा. विनय डबराल जी तै पूछ , यार जैकी पार्टी छे उ घराती कख च भै?"
विनय डबराल जीन त जबाब नि दे किलैकी ऊंक मूक पुटुक टंगड़ी कबाब छौ
त इतिहासकार डा. यशवंत कटोच जीन मी तै चखणा (मंचिंग) ब्वालो या डिन्नर टेबलों तरफ लिजांद लिजांद बताई बल बस वीरेन्द्र जी आण इ वाळ छन.
डिन्नर टेबल की जुमेवारी श्रीनगर बटे अयाँ संदीप रावत जी की छे. डिनर टेबल मा सौब खाणा सूखो छौ जन कि बनि बनि क वेज-नोन वेज तंदूरी कबाब, तंदूरी मुर्गा, भुनी मुंगरी आदि आदि.एक बि रसा वळो साग नि छौ. सौब सूखो चखणा या खाणो मजा लीणा छ्या अर पाणी जगा बियर घटकाणा छ्या. हथ पुंजणो खूब नेपकिन छ्या.
पौड़ी नगर का इतिहासकार कोठियाल जी न सांख्यकी क पोथी से बताई बल आज नेपकिन की खपत या 'पर कैपिटा कंजम्पसन' का मामला मा दुनिया मा पौड़ी शहर सबसे अळग च. अमेरीकी कम्पनी देहरादून या उधम सिंग नगर मा फक्ट्री डाळण वाळ च .
घन्ना भाई जी न बथाई बल यि नेपकिन कम्पनी वळा पाइलेट बाबा से यग्य कराणा छन कि इना मानसून नि आओ.
इथगा मा घ्याळ ह्वाई कि वीरेन्द्र जी ऐ गेन ! वीरेन्द्र जी ऐ गेन !
मीन द्वार ज़िना द्याख कि वीरेन्द्र पंवार जी अर अर नरेंद्र सिंग नेगी जी भितर आणा छ्या.
वीरेन्द्र जीक हथुं मा एक द्वी लीटर की परोठी छे. नरेंद्र सिंग नेगी जीक हथ मा एक प्लास्टिकौ थैला छौ.
वीरेन्द्र जीन परोठी वाइन टेबल मा धार , नेगी जीन प्लास्टिकऐ थैली बिटेन द्वी औंस का कप गाडिक टेबल मा धार . फिर वीरेन्द्र जीन सबी पौणु तैं जुगराज रयाँ ब्वाल याने थैंक्स ब्वाल.
अब विमल नेगी जी न ब्वाल बल वीरेन्द्र जी तै आण मा अबेर इलै ह्वाई कि पंवार जी पौड़ी शहर से तौळ पौड़ी गाँ मा नेगी जीक दगड पाणी मांगणो जयां छ्या. सरा गाँ से पाणीक एकी परोठी जमा ह्व़े
कार्यकर्म मा 'बीं' पर क्वी बि बात नि ह्व़े हाँ पौड़ी मा पाणी टापि टापि पर इ बात ह्वेन
आन्द दै डा. यशवंत कटोच जी न हरेक तैं 'बीं' किताब पकड़ाई अर नरेंद्र सिंग नेगी जी परोठी से दु दु चमच पाणि गाडिक कप मा डाळणा छ्या अर पंवार जी हरेक तै पाणि क कप पकड़ाणा छ्या. सौब खुसी से पाणी तै चरणामृत जन पीणा छ्या.
दुसर दिन दैनिक जागरण की हेड लाइन छे --- जहां पानी की इतनी किल्लत है वहां वीरेन्द्र पंवार जी द्वारा सार्वजनिक स्थान में पानी बाँटना एक अपराधिक कार्य माना जाएगा और शासन को वीरेन्द्र पंवार के विरुद्ध कठोर कदम उठाने चाहिए.
नॉट- लिख्वार दगड्यो नाम नामो कुणि दियुं च निथर यि लोग इथगा दारु पिलै सकदन क्या?
Copyright@ Bhishma Kukreti 5/7/2012

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Regards
B. C. Kukreti


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