---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2012/7/2
Subject: बिहार का विकास और भूमि सुधार का सवाल
To: abhinav.upadhyaya@gmail.com
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2012/7/2
Subject: बिहार का विकास और भूमि सुधार का सवाल
To: abhinav.upadhyaya@gmail.com
बेलछी कांड पर आए फैसले और इसके कुछ महीनों के भीतर ही हिंदू फासीवादी राजसत्ता के सीधे संरक्षण में चलनेवाले भू-स्वामियों के हत्यारे संगठन रणवीर सेना के ब्रह्मेश्वर सिंह की रहस्यमय हत्या के बाद से बिहार में भूमि सुधारों, भूमिहीन दलितों-पिछड़ों की स्थिति एक बार फिर बहस के केंद्र में है. यह भी कि राज्य द्वारा अपनी भूमिकाओं को समेटते जाने की प्रक्रिया के ही समांतर इस पर अर्धसामंती जकड़नबंदी के बढ़ने के ही संकेत मिल रहे हैं. बिहार में भूमि सुधार की जरूरत, इसके इतिहास, इसके पक्ष-विपक्ष में दावों और इसे हासिल करने के बतौर राजनीतिक कार्रवाई के रास्ते की तलाश करते हुए कुछ समय पहले लिखा गया सचिन कुमार का यह लंबा लेख, जो मूलत: एक सेमिनार में प्रस्तुत करने के लिए लिखा गया था, हाशिया पर पोस्ट कर रहे हैं.
No comments:
Post a Comment