THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Saturday, June 1, 2013

आईपीएल घोटाले पर क्यों चुप हैं सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री, महेद्र सिंह धोनी और ममता बनर्जी? पूरा भारत निर्माण कथानक ही आईपीएल है!

आईपीएल घोटाले पर क्यों चुप हैं सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री, महेद्र सिंह धोनी और ममता बनर्जी? पूरा भारत निर्माण कथानक ही आईपीएल है!


पलाश विश्वास


खुल्ले बाजार के खेल फर्ऱूखाबादी में विकास गाथा की अजब गजब दास्तां की तरह चियरन संस्कृति के धुरंधरों के सतीत्व प्रदर्शन का नजारा देख लिजीये।आईपीएल सर्कस का खुलकर मजा लेने के बाद आईपीएल कमिश्नर पुरान पत्रकार और भारत सरकार के संसदीय मामलों के मंत्री ने अब इस्तीफा दे दिया है। आईपीएल के पिछले घोटाले में मंत्रित्व खोने वाले शशि थरुर अब फिर बारत सरकार के मंत्री हैं तो भारत के माननीय वित्तमंत्री दुनियाभर की सैर पर निकलकर देश बेचने के राजकाज से फुरसत निकालकर दूधधुले पिछले आईपीएल कमिश्नर और यूं कहिये कि आईपीएल जनक की वापसी और उनके पुनर्वास की पहल करते देखे जा रहे हैं। कटघरे में हैं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन और इंडियन सीमेंट के मालिक एन श्रीनिवासन श्रीनिवासन,जिन्हें चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक उनके ही जमाईराजा मेयप्पन के कारण यह दिन देखना पड़ रहा है। नाटकीय घटनाक्रम में आईसीसी द्वारा श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नै सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन को बुकीज से दूर रहने की वॉर्निंग देने की खबर मीडिया में आने के बाद जगदाले, शिर्के और जॉइंट सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर ने श्रीनिवासन से बोर्ड की इमर्जेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की थी।जगदाले उस तीन सदस्यीय इनक्वायरी कमिटी से भी बाहर हो गए हैं, जो मयप्पन के खिलाफ आईपीएल में सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए बनाई गई है। फिक्सिंग मामले के दो हफ्ते बाद महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर ने शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और पूरे घटनाक्रम को आश्चर्यजनक और पीड़ादायक बताया।


आईपीएल-6 में छाए स्पॉट फिक्सिंग के सवालो के बीच भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनो इंग्लैंड में है जहाँ वह क्लिक करें आईसीसी चैंम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेगी।भारतीय क्लिक करें कप्तान महेंन्द्र सिंह धोनी ने स्पॉट फिक्सिंग से जुडे सवालो के जवाब ना तो इंग्लैंड रवाना होने से पहले भारत में दिए और ना ही वहॉ पहुँचने के बाद।चैंपियंस ट्रॉफी के लिए लंदन जाने से पहले जब भारत में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान धोनी से आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग विवाद को लेकर सवाल पूछे गए थे तो वो केवल मुस्कराते रहे थे। लेकिन जब गुरुवार को वो बर्मिंघम में दुनियाभर के पत्रकारों से मुखातिब हुए तो उन्होंने इस मामले में चुप्पी तोड़ी और कहा कि इस मामले में वो सही वक्त आने पर विस्तार से बात करेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इससे भारतीय क्रिकेट की साख गिरी है।


बीसीसीआई में अध्‍यक्ष एम. श्रीनिवासन के खिलाफ बगावत के तेवर नजर आए। आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग में दामाद गुरुनाथ मयप्पन के फंसने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन शुक्रवार को पहली बार अकेले पड़ गए। 'इस्तीफा नहीं दूंगा' की रट लगा रहे श्रीनिवासन के खिलाफ अब बोर्ड के बाकी सदस्य भी एक हो गए हैं।`टाइम्स नाउ' के सूत्रों के मुताबिक, श्रीनिवासन आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच पूरी होने तक साइडलाइन रहेंगे। श्रीनिवासन का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो रहा है। इस तरह सितंबर में उनकी विदाई अपने आप हो जाएगी। टॉप सूत्रों के मुताबिक, बीसीसीआई के चुनाव सितंबर में तय समय पर ही होंगे। खबर है कि बीसीसीआई के सभी सदस्य शशांक मनोहनर को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर सहमत हैं। इसके लिए उन्हें मना भी लिया गया है। शशांक मनोहर फिलहाल बीसीसीआई में किसी पद पर नहीं हैं, लिहाजा उन्हें विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बोर्ड में एंट्री दिलाकर कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी।लेकिन  ताजा खबर यह है कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल पर कल होने वाली बीसीसीआई की एग्जेक्युटिव कमिटी की आपात बैठक का समय बदलकर अब 11 बजे के बजाय दोपहर ढाई बजे कर दिया गया है। इसमें बोर्ड प्रेजिडेंट एन श्रीनिवासन के इस्तीफा देने की संभावना है। बीसीसीआई के जॉइंट सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर ने कहा, 'बीसीसीआई की एग्जेक्युटिव कमिटी की आपात बैठक दो जून 2013 को चेन्नई के पार्क शेरेटन में दोपहर ढाई बजे होगी।' बैठक के दौरान विवादों में घिरे श्रीनिवासन शायद कल अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सकते हैं।आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ल ने भी कहा है कि कल की बैठक के बाद कोई एलान संभव है।कितनी ताकतवर है बीसीसीआई की वर्किंग कमेटी बीसीसीआई की वर्किंग कमेटी को बीसीसीआई की सबसे ताकतवर कमेटी माना जाता है, जिसमें कुल 24 सदस्य शामिल होते हैं। इनमें अध्यक्ष के अलावा पांच क्रिकेट जोन के उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष के साथ-साथ 15 राज्यों की क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य भी शिरकत करते हैं। इनमें टेस्ट मैच कराने के स्थाई अधिकार रखने वाली एसोसिएशन के पांच सदस्य शामिल होंगे। हर जोन का प्रतिनिधित्व करने वाली एसोसिएशन के पांच सदस्य भी बैठक में हिस्सा लेंगे।


फिक्सिंग विवाद में बीसीसीआई चीफ एन. श्रीनिवासन पर दबाव बढ़ाते हुए आईपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चेन्नई में बोर्ड की कार्यसमिति की आपात बैठक से एक दिन पहले शुक्ला ने पद छोड़ने का फैसला किया। अब सबकी नजरें रविवार को होने वाली बीसीसीआई वर्किंग कमिटी की बैठक पर टिक गई हैं। देखना है कि श्रीनिवासन खुद इस्तीफा देते हैं या फिर उन्हें हटाने की कार्रवाई बीसीसीआई के अधिकारी शुरू करेंगे। गौरतलब है कि इसके पहले बोर्ड के 2 सीनियर पदाधिकारियों सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के ने इस्तीफा दे दिया था।अपने बयान में राजीव शुक्ला ने कहा कि मैंने तय किया है कि मैं आईपीएल चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दूं। ये फैसला लेने के बारे में मैं पिछले काफी वक्त से सोच रहा था। मुझे लगता है कि अब पद छोड़ने का वक्त आ गया है। संजय जगदाले और अजय शिर्के ने भारतीय क्रिकेट के हित में ही इस्तीफा दिया है। मुझे लगता है कि यही सही समय है कि मुझे आईपीएल कमिश्नर बनाकर जो जिम्मेदारियां दी गईं थीं, उन्हें मैंने पूरी काबिलियत से निभाया है। इतने विवाद के बावजूद टूर्नामेंट अच्छी तरह पूरा किया गया। स्टेडियम में भीड़ देखकर कहा जा सकता है कि आईपीएल अब भी लोकप्रिय है।


क्या ललित मोदी उनसे कम काबिल हैं? आईपीएल की योजना और ब्रांडिंग का तो पूरा श्रेय ललित मोदी को ही जाता है।ललित मोदी अगर अछूत और बहिस्कृत हैं तो ब्राह्मणदेवता शुक्ला जी इस्तीफा  देकर क्या अग्निशुद्ध हो गये हैं?क्या लोकप्रियता और मार्केटिंग ही वैधता और कानून के राज का पैमाना है? भारत सरकार के मंत्री और पूर्व आईपीएल कमिश्नर ने विकासगाथा और भारत निर्माण दोनों की पोल भरे बाजार में हंडिया तोड़कर खोल  दी है।


यही नहीं,मानसून के उत्तर भारत पहुंचने से पहले बीसीसीआई प्रेसिडेन्ट एन श्रीनिवासन पर दबाव बनाने के लिए अब इस्तीफों की बरसात शुरू हो गई है। टीवी चैनलों ने खबर दी है कि बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अजय शिर्के और सचिव संजय जगदाले ने अपना इस्तीफा श्रीनिवासन को भेज दिया है। इसके साथ ही इस बात की भी खबर है कि बीसीसीआई की जितनी समितियां हैं उसके अध्यक्ष भी जल्द ही अपना अपना इस्तीफा श्रीनिवासन को भेज सकते हैं। इन समितियों के अध्यक्षों में अरुण जेटली, चित्रक मित्रा, शिवलाल यादव, निरंजन शाह और सुधीर दबीर का नाम शामिल है।इससे पहले आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला और बीसीसीआई उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने उनके खिलाफ निर्णायक कदम उठाए जाने के संकेत दिए थे। शुक्ला ने कहा था रविवार को चेन्नै में बीसीसीआई की वर्किंग कमिटी की इमर्जेंसी मीटिंग होनी है। इसमें कोई निर्णय लिया जा सकता है। बीसीसीआई के उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने भी सुबह चुप्पी तोड़ते हुए ऐसे ही संकेत दिए। उन्होंने कहा, 'एक दिन इंतजार कीजिए। आपको अहम खबर मिल सकती है।' वर्किंग कमिटी की बैठक रविवार सुबह साढ़े 11 बजे चेन्नै में होनी है।वर्किंग कमिटी श्रीनिवासन पर इस्तीफा देने के लिए केवल दबाव बना सकती है, क्योंकि उसके पास वोटिंग के जरिए उन्हें बाहर करने का अधिकार नहीं है। केवल विशेष आम सभा की बैठक में ही वोटिंग के जरिए ऐसा किया जा सकता है, जिसमें सभी 30 राज्यों/संघों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।


इतने घनघोर एक्शन के बीच भारतीय क्रिकेट के असली सुपरस्टार और भारतीय कृषि के महाविध्वंसक, बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार ने विवादों से घिरे आईपीएल छह के 75 मैचों की गृह मंत्रालय से जांच कराने की मांग की। जब शरद पवार को इस खेल के बारे में सबकुछ मालूम था तब वे अबतक खामोश रहकर तमाशबीन क्यों बने रहे भारत सरकार के कृषि मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री के नियंत्रणाधीन भारतीय क्रिकेट में लगातार इस तरह घपला हुआ, और भारत सरकार ने कार्रवाई नहीं की। इसपर तुर्रा यह कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं उग्रतम धर्मोन्मादी राष्ट्रवाद और उसकी विशुद्ध सनातनी पवित्रतम नैतिकता के झंडेवरदार संघ परिवार के होनहार अरुण जेटली, जिन्हें नरेंद्र मोदी के मुकाबल संघ परिवार और भाजपा का एक खेमा प्रधानमंत्री बनाने पर तुला हुआ है।माशा अल्लाह, सवाल और भी हैं!जब भारत के प्रधानमंत्री कोलगेट रेलगेट के महानायक डा. मनमोहन सिंह से लेकर भारतीय क्रिकेट के ईश्वर सचिन तेंदुलकर और उनके जोड़ीदार पूर्व भारतीय कप्तान तक मुंह खोल दिये तो किसको बचाने के लिए अब भी खामोश हैं भारतीय क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वर्षों से विभिन्न कमिटियों की शोभा बढ़ाने वाले लार्ड सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री क्यों एक भी शब्द नहीं बोल रहे हैं?क्यों नही बोल रहे हैं  भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी? जिनकी आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को मालिक के गिरफ्तार हो जाने के बावजूद आईपीएल नियमों का खुला उल्लंघन करते हुए कोलकाता के महाफिक्सिंग केंद्र ईडन गार्डन में फाइनल खेलने दिया गया, हालांकि चैंपियन तो जुआड़ियों की पहली पसंद मुंबई इंडियन को ही बनना था।क्यों खामोश हैं चिटफंडिये आईपीएल केंद्र कोलकाता की महादेवी,मां माटी मानुष और मुर्गी सरकार की मुखिया ममता बनर्जी?


क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकार को इस महातमाशा के बाद सती नंबर वन आईपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ल की मौजूदगी में चियरिनों के जलवे के तूफानी थंडर के बीच कोलकाता के सत्तर हजार दर्शकों के मध्य अलविदा कह दिया गया। राजस्थान रायल्स के तीन मुख्य गेंदबाज जेल में बंद हो गये, जबकि मुंबई इंडयन और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच फाइनल कराया गया और सबकुछ विश्वव्यापी बेटिंग ट्वीट झंपिंग झपांग समारोह के मताबिक निपट गया। कोलकाता के फाइव स्टार होटल में एक दिवसीय और टी ट्वेंटी क्रिकेट से पहले से सन्यास ले चुके भगवान का मन इतना खराब हो गया कि उन्होंने अपने अंतरंग पत्रकारों को कह दिया कि अब और नहीं।टेस्ट क्रिकेट से भी सन्यास ले लेने का वक्त आ गया।


फाइनल मैच से पहले कोलकाता में श्रीनिवासन ने बीसीसीआई में बहुमत का दावा किया और चुनौती दी कि आईपीएल घोटाले में चूंकि सब भागीदार हैं, पहले बाकी लोग इस्तीफा दें! सारे सतीमहाजन दुम दबाकर निकल आये और घनघोर अनैतिकता के मध्य फाइनल मैच हो गया। मैच से पहले कोलकाता में श्रीनिवासन ने पत्रकार सम्मेलन को भी संबोधित किया।फिर चेन्नई जाकर गुर्राते रहे।


तमाशे और भी हुए। सेबी और रिजर्व बैंक की कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट की डांट फटकार के लिए इधर बहुचर्चित सहारा इंडिया के सहारा श्री ने अचानक भारतीय क्रिकेट टीम से नाता तोड़ लिया। सभी जानते हैं कि सहारा इंडिया बारतीय टीम के वर्षों से प्रायोजक है। यही नहीं, जिस आईपीएल टीम पुण वारियर्स के लिए उन्होंने महज पांच करोड़ के मालिक होने के बावजूद पुणे में शानदार स्टेडियम बनाया, उस टीम को भी अनाथ छोड़ दिया। उनकी भी मांग श्रीनिवासन को हटाने की थी।


क्या भूलें , क्या याद करें। इस आईपीएल सर्कस में केके हार से विख्यात आईपीएल टीम केकेआर , जिसे पिछली दफा चैंपियन बना दिया गया, की चर्चा बेटिंग और फिक्सिंग तूफान के मध्य चिटफंड कंपनी रोजवैली द्वारा प्रायोजित होने की वजह से ज्यादा होती रही। रोज वैली से संबंध अभी टूटे नहीं है जबति दूसरी बड़ चिटफंड कंपनी प्रयाग के ब्रांड एम्बेसेडर हैं शाहरुख खान। बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके संरक्षक हैं और वे प्रयाग की तरह बंगाल के भी ब्रांड एम्बेसेडर हैं। पिछली दफा जब उनकी टीम चैंपियन बनी तो दीदी ने शानदार जश्न मनाया था। आईपीएल विवाद पर देश भर में ईमानदारी की मूर्ति माने जाने वाली ममता दीदी भी खामोश हैं। क्यों?


आईपीएल फिक्सिंग मामले पर सबने मौन धारण कर लिया है,यह काफी हैरान करने वाली बात है। चाहे वो नेता हों, खिलाड़ी हों या फिर बड़े कॉरपोरेट्स, इस मामले पर बोलने को कोई भी तैयार नहीं है। हालांकि अब इस मामले में धीरे-धीरे कुछ कुछ बयान आ रहे हैं। लेकिन ये बयान जनता के गुस्से को कम करने के लिए नाकाफी हैं।


शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने आखिरकार इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि मुद्दे की जांच चल रही है इसलिए वो इसपर टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने ये भी कहा कि खेल पर राजनीति न की जाए।


क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन ने भी चुप्पी तोड़ी है,मगर वह भी श्रीनिवासन और उनकी टीम के खिलाफ कुछ बोलने से बचते नजर आए। हालांकि बहुत ही सधे अंदाज में उन्होंने अपनी निराशा जताई। उन्होंने कहा कि वो इस पूरी घटना से निराश हो गए हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि क्रिकेट जब गलत वजहों से चर्चा में रहता है तो उन्हें ठेस पहुंचती है।


स्पॉट फिक्सिंग को लेकर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। एक प्रमुख न्यूज ऐजेंसी के  मुताबिक सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि पिछले दो हफ्तों में जो कुछ भी हुआ है उससे उन्हें झटका लगा और वो वक्त निराशाजनक था। सचिन ने ये भी कहा है कि जब भी क्रिकेट किसी बदनामी की वजह से सुर्खियों में आता है तो उन्हें दुख होता है।क्रिकेट के दिग्गज अब तक इस मसले पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ रहे थे। लेकिन स्पॉट फिक्सिंग के खुलासे के काफी बाद आखिरकार मास्टर ब्लास्टर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इससे पहले धोनी ने कल बर्मिंघम में भी अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि कुछ खिलाड़ियों का आत्मबल कमजोर है। इसीलिए इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।


तेंदुलकर ने कहा कि इस मसले की तह तक जाने के लिये अधिकारियों को कड़े कदम उठाने चाहिए ताकि क्रिकेट में ऐसी घटनाएं दुबारा नहीं होने पाएं। गौरतलब है कि आईपीएल में मुंबई इंडियंस ने हाल ही में पहली बार जीता। सचिन भी इस टीम का हिस्सा थे। आईपीएल 6 जीतने के बाद तेंदुलकर ने टी-20 लीग से संन्यास ले लिया। मास्टर ब्लास्टर ने कहा कि जब से उन्होंने क्रिकेट को पेशा बनाया है खेल भावना में  ही खेलना सीखा है।उन्होंने कहा कि जब क्रिकेट के खेल को गलत कारणों से खबरों में देखता हूं तो मुझे काफी दुख पहुंचता है। 16 मई से शुरु हुए इस विवाद का घटनाक्रम काफी चौंकाने वाला और निराशाजनक रहा है। एक क्रिकेटर को यह सिखाया जाता है कि मैदान पर जाने के बाद आला दर्जे की क्रिकेट के अलावा आपका कोई भी लक्ष्य नहीं होना चाहिए।


उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट काफी  मुश्किल दौर से गुजर रहा है। युवा क्रिकेटरों से यही अपील करूंगा कि अपने पेशे से प्यार करें। सचिन ने यह भी कहा इस जांच से जुड़े सभी अधिकारियों पर उन्हें पूरा भरोसा है और उन्हें विश्वास है कि सच सामने आएगा। स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण पर सचिन तेंदुलकर का बयान काफी अहमियत रखता है क्योंकि किसी भी मौजूदा भारतीय क्रिकेटर ने दो हफ्ते पहले शुरू हुए इस स्कैंडल पर कुछ भी बयान नहीं दिया है।


मगर ऐसा नहीं कि सिर्फ बड़े नेता और खिलाडी ही चुप हैं। या बहुत सधा बयान दे रहे हैं। क्रिकेट में पैसा कॉरपोरेट वर्ल्ड से ही आता है। इसमें खेल और खिलाड़ियों को खूब स्पॉन्सरशिप मिलती है। लेकिन इतने बड़ी घटना होने के बाद अभी तक किसी बड़ी कंपनी ने आईपीएल से नाता नहीं तोड़ा है।


हैरानी की बात है कि विदेश में टाइगर वुड्स और लांस आर्मस्ट्रॉन्ग के स्कैंडल में फंसते ही बड़ी कंपनियों ने उनसे किनारा कर लिया। लेकिन क्या भारत में कंपनियां ऐसा कदम उठाएंगी इसको लेकर असमंजस की स्थिति है।


यही जानने के लिए सीएनबीसी आवाज़ ने देश की बड़ी कंपनियों जैसे पेप्सीको, पार्ले, गोदरेज, मेक माय ट्रिप, वोडाफोन और वॉक्सवेगन से जानने की कोशिश की इस मामले के बाद अब वह क्या करेंगी। सीएनबीसी आवाज़ के पास 7 कंपनियों में से केवल 2 कंपनियों के ही जबाव आएं हैं।


पेप्सिको ने कहा है कि वो इन घटनाओं से बेहद निराश हैं। कंपनी चाहती है कि बीसीसीआई और कानूनी एजेंसियां मामले पर जरूरी कार्रवाई करती रहेंगी। वहीं पारले का कहना है कि फिलहाल मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकते। कोर्ट के आदेश के तहत हम मामले पर बयान देना उचित नहीं होगा।


आईपीएल टीम दिल्ली चिटफंड कंपनी मुथुट की मिल्कियत है तो प्रसिद्ध उद्योगपति विजय माल्या बेंगलूर रायल चैलेंजर के मालिक हुए। भारत में फार्मूला वन रेस शुरु करने के पीछे भी विजय माल्या हैं। वे आईपीएल चियरिनों और फार्मूला वन सर्किट में पैसे उड़ाते रहे और उनकी विमानन कंपनी किंगफिशर को आक्सीजन देते रहे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक। यह भी आईपीएल घोटाला है। पूरा का पूरा भारत निर्माण ही आईपीएल घोटाला है और हम भारतीय अपना हक हासिल करने में किसी से पीछे नहीं हैं।


इस्तीफे का ऐलान करने के बाद राजीव शुक्ला ने कहा कि बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अजय शिर्के और सचिव संजय जगदाले के इस्तीफे के बाद मुझे यह फैसला करना पड़ा। माना जा रहा है कि श्रीनिवासन पर इस्तीफे का दबाव बनाने के लिए राजीव शुक्ला ने इस्तीफा दिया है।


इससे पहले खबर थी कि श्रीनिवासन की 'सम्मानजनक' विदाई का रास्ता निकाल लिया गया है। मगर, श्रीनिवासन ने मुश्किल से तैयार किए गए इस फॉर्म्युले को स्वीकार करने के लिए 4 शर्तें रख दी हैं। उनकी एक शर्त यह भी है कि इस्तीफा देने वाले शिर्के और जगदाले को बीसीसीआई में किसी पद पर वापस न लिया जाए। राजीव शुक्ला के इस्तीफे को उनकी इसी शर्त का जवाब माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अब श्रीनिवासन विरोधी खेमा उनकी कोई शर्त मानने के मूड में नहीं है। वह चाहता है कि श्रीनिवासन बिना शर्त उस फॉर्म्युले को स्वीकार करें जो उन्हें सम्मानजनक विदाई देने के मकसद से ही तैयार किया गया है। राजीव शुक्ला के इस्तीफे ने श्रीनिवासन विरोधी खेमे का कड़ा रुख और स्पष्ट कर दिया है।


श्रीनिवासन की 'सम्मानजनक' विदाई का रास्ता निकाल लिया गया है। मगर, श्रीनिवासन ने मुश्किल से तैयार किए गए इस फॉर्म्युले को स्वीकार करने के लिए चार शर्तें रख दी हैं।


 'टाइम्स नाउ' के सूत्रों के मुताबिक रविवार को होने वाली बीसीसीआई वर्किंग कमिटी की बैठक में श्रीनिवासन इस्तीफा तो नहीं देंगे, लेकिन सारी अहम जिम्मेदारियां छोड़ने पर वह राजी हो गए हैं। इस फॉर्म्युले के तहत बीच का रास्ता निकालते हुए श्रीनिवासन की सारी अहम जिम्मेदारियां कार्यकारी अध्यक्ष को दे दी जाएंगी। वर्किंग कमिटी की बैठक में इस बारे में एक प्रस्ताव निकलकर सामने आ सकता है।


`टाइम्स नाउ' के सूत्रों के मुताबिक, श्रीनिवासन आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच पूरी होने तक साइडलाइन रहेंगे। श्रीनिवासन का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो रहा है। इस तरह सितंबर में उनकी विदाई अपने आप हो जाएगी। टॉप सूत्रों के मुताबिक, बीसीसीआई के चुनाव सितंबर में तय समय पर ही होंगे। खबर है कि बीसीसीआई के सभी सदस्य शशांक मनोहनर को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर सहमत हैं। इसके लिए उन्हें मना भी लिया गया है। शशांक मनोहर फिलहाल बीसीसीआई में किसी पद पर नहीं हैं, लिहाजा उन्हें विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बोर्ड में एंट्री दिलाकर कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी।



इस फॉर्म्युले ने सभी पक्षों को राहत की सांस लेने का मौका दिया था। लेकिन खबर है कि बीसीसीआई प्रमुख श्रीनिवासन की तरफ से चार शर्तें रख देने से जहां शशांक मनोहर की संभावना पर सवालिया निशान लग गया है वहीं इस फॉर्म्युले के निरर्थक होने का भी खतरा पैसा हो गया है। चैनल के मुताबिक श्रीनिवासन ने कहा है कि वह इस फॉर्म्युले को स्वीकार करते हुए बतौर बीसीसीआई चीफ अपनी सारी शक्तियां कार्यकारी अध्यक्ष को सौंपने को तैयार हैं, लेकिन उनकी चार शर्तें हैं। एक, बीसीसीआई चीफ की अन्य सारी शक्तियां भले कार्यकारी अध्यक्ष को चली जाएं, मगर आईसीसी में बोर्ड की नुमाइंदगी वही करेंगे। दो, इस्तीफा देने वाले कोषाध्यक्ष अजय शिर्के और सचिव संजय जगदाले को बोर्ड में वापस किसी पद पर नहीं लिया जाएगा। तीन, शिर्के और जगदाले के इस्तीफे से खाली हुई जगह पर किन्हें रखना है, इसका फैसला श्रीनिवासन ही करेंगे। चार, वर्किंग प्रेसिडेंट बोर्ड के अंदर से चुना जाएगा।


श्रीनिवासन की चौथी शर्त खास तौर पर ध्यान देने लायक है। ऊपर बताया जा चुका है कि वर्किंग प्रेसिडेंट के लिए शशांक मनोहर के नाम पर करीब-करीब सहमति बन गई है। वह शरद पवार के करीबी माने जाते हैं। मगर श्रीनिवासन की चौथी शर्त कहती है कि वर्किंग प्रेसिडेंट बोर्ड के अंदर से चुना जाए। चूंकि मनोहर इस समय बोर्ड की कमिटी के अंदर नहीं हैं, इसलिए इस शर्त के मुताबिक उनका नाम अपने आप कट जाता है। श्रीनिवासन खास तौर पर पवार खेमे को बीसीसीआई पर हावी होने से रोकना चाहते हैं।


मगर, अहम सवाल यह है कि क्या श्रीनिवासन अब शर्तें रखने और मनवाने की स्थिति में रह गए हैं? क्या उनकी इन शर्तों को विरोधी खेमा स्वीकार करेगा? यह इस बात पर निर्भर करता है कि रविवार को होने वाली आपात बैठक में श्रीनिवासन के समर्थक कितनी मजबूती से उनके साथ खड़े रहते हैं।


। ट्विटर के मुताबिक पूरे सीजन के दौरान आईपीएल से जुड़े करीब 70 लाख ट्वीट किए गए।


सोशल साइट ने आईपीएल-6 के दौरान वे 'टॉप फाइव मूमेंट्स' जारी किए हैं जबकि प्रति मिनट सबसे ज्यादा ट्वीट किए गए।


ट्विटर की समीक्षा में बाजी आईपीएल के फाइनल ने मारी है। चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच खेले गए फाइनल मैच का रोमांच बयां करने के लिए प्रति मिनट 5921 ट्वीट की दर से कुल 2,76,831 ट्वीट किए गए।


इस कड़ी में दूसरा नंबर 23 अप्रैल को खेली गई क्रिस गेल की 175 रनों की वह नाबाद पारी रही जो उन्होंने मुंबई इंडियंस के खिलाफ बनाई थी। इस मैच में उन्होंने क्रिकेट का सबसे तेज शतक लगाया था। इस दौरान 2,787 की प्रति मिनट के हिसाब से कुल 1,31,641 ट्वीट किए गए।


इसी तरह 13 अप्रैल को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलूर जब चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से दिए 165 रनों का पीछा कर रहा था तब आखिरी गेंद पर उसे दो रन चाहिए थे। अंतिम गेंद पर आरपी सिंह ने रवींद्र जडेजा का कैच पकड़वा दिया।


आरसीबी ने जश्न मनाना शुरू किया ही था कि अंपायर ने नोबॉल का इशारा कर दिया। रंग में भंग पड़ चुका था, दोबारा गेंद फेंकने पर सीएसके ने मैदान मार लिया। तीसरे पायदान पर रहे इन क्षणों के दौरान प्रति मिनट 2407 ट्वीट की दर से कुल 1,17,344 ट्वीट किए गए।


ट्विटर की इस सूची में अगला पल भी काफी रोमांचक है। 6 अप्रैल को मुंबई इंडियंस और सीएसके के बीच खेले मैच के दौरान केरॉन पोलार्ड ने महेंद्र सिंह धोनी का कैच आश्चर्यजनक तरीके से बाउंड्री पर एक हाथ से ही ले लिया था। लोगों ने इस दौरान प्रति मिनट 2148 ट्वीट की दर से कुल 1,05,088 ट्वीट कर अपना रोमांच शेअर किया। पांचवें स्थान पर भी एक कैच ही रहा।


9 अप्रैल को मुंबई इंडियंस और डेयरडेविल्स के बीच खेले मैच में मिड ऑफ में खड़े रिकी पोंटिंग ने नॉन स्ट्राइक क्रीज की ओर दौड़ लगाते हुए डाइव मारकर एक अविश्वसनीय कैच पकड़ लिया था। इससे उन्मुक्त चंद आउट हो गए थे। क्रिकेट के दीवानों ने इस दौरान हर मिनट में 2065 की दर से कुल 1,04,108 ट्वीट किए गए।




No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...