THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Friday, July 6, 2012

Fwd: जिंदगी



---------- Forwarded message ----------
From: Bhishma Kukreti <bckukreti@gmail.com>
Date: 2012/7/6
Subject: जिंदगी
To: Pauri Garhwal <PauriGarhwal@yahoogroups.com>, younguttaranchal mygroup <younguttaranchal@yahoogroups.com>, Youth United <burans.youthunited@gmail.com>


इनै उनै बिटेन
                                           जिंदगी
                                         भीष्म कुकरेती
 
               जिन्दगी क मजा अर परिभाषा सब्यूँ कुणि बिगळि बिगळि हूंद। अब द्याखो ना डंडरियाल जी क बोल छन बल हम सब्यूँ क राजी खुसी चाँदवां पण अफु से कम. भाग जरूर होंद, निथर म्यार विरोधी कन कैक बड़ो साब बौण? भाग क इ बात छे कि इंद्र कुमार गुजराल जी अर देविगौड़ा जी भारतौ प्रधान मंत्री बौणिन . अब उन त हड़क सिंग जी बि यी बुलणा छन म्यार विरोधी कन कैक मुख्य मंत्री बणणा छन?. अफार स्यू मेहरबान सब्यु मा बुलणु रौंद बल ब्यौ बाद मी त भौत सुखी छौं वा अलग बात च कि वैकी कज्याणि रोज फोन पर अपण ब्व़े मा बुलण नि बिसरदि बल- ए ब्व़े ! ऊ इंजिनियर इ भलो छौ. अब सि कबि ना कबि विजय बहुगुणा जी न हरीश रावत जी खुण बुलणि च," म्यार मुख्यमंत्री पद तुमारा सहकार बगैर नि चौल सकुद बस आप इना पहाड़ आण बन्द करी द्याओ जु तुमारि हाथ मा छें च "
हम पड़ोसी से जादा भाग्यशाली होंदा पण फिर बि पडोसी से जळणा रौंदा.
       जापानी कहावत च बल हरेक कुत्ता क दिन फिरदन . पण मीन कै बि लिंडर्या कुता तै मानेका गांधी क ड्रवाइंग रूम मा नि द्याख.
     प्रेम चंद जी क बुलण छौ बल मेरी कथा पर आधारित फिलम देखिक मेरी वीं कथा क सही अंदाज नि लगि सकुद. त गुलशन नंदा जी बुल्दा छा कि मेरो उपन्यास से यि अंदाज नि लगाण चयेंद कि मेरी कथों पर शर्तिया बेकार फिल्म बौणलि. वैज्ञानिक बह्ग्वानो खुज त कौरि इ ल्याल पण इ खोज कबि नि कौर सकदन कि टेलीविजन सिरीयलुं कुण विज्ञापन जरूरी छन कि विग्यापनुं कुण सीरियल जरूरी छन.
 
तबै बात च जब वीरेंद्र पंवार सुखी छ्या याने कि अणव्यवा छ्या या ब्वालो अनमैर्रिड छ्या. वु एक नौनी दिखणा गेन नौनी क ब्व़ेन ना बोली दे कि वीरेंद्र पंवार भरीं जवानी मा दारु पींद. वीरेन्द्र पंवार न बि रैबार भेजि इ दे कि कै दिन मि दारु छोडि द्योलू पण तेरी बेटिक पक्वड़ सि नाक त उनि रालु क ना !
 
जैन बि ब्वाल ठीकि ब्वाल संस्कृति क्वी कम्यड़ नी च कि लाल रंग मिलाओ अर दिवाल लाल ह्व़े जालि. जैन बि ब्वाल सच इ ब्वाल बल हम लिविंग ऑफ़ स्टैण्डर्ड की लागत कीमत से परेशान रौंदवां पण फिर बि स्टैण्डर्ड बढ़ाणो कोशिश मा इ रौन्दां.
एक नेता न न्यायालय मा एक मेडिकल कम्पनी पर दावा कार अर ब्वाल बल जज साब बल मीन एंटी करप्सन कि कथगा इ गोळी खैन पण फिर बि म्यार रिशवत लीणो ढब ख़तम नि ह्व़े. मेडिकल कम्पनी क मालक जेल मा च.
आज बि बहस चलणि च कि मनोवैज्ञानिक बि भौत सा सवाल पुछ्दो अर सवाल पुछणो पैसा लींद अर अपण घरवळी बि सवाल पुछदि त वा पैसा किलै नि लींदि .
 
मनोविज्ञान पर बात आई त  मर्फी नियम याद औंद बल क्वी ब्वालो कि अस्मान मा घणा खरबों गैणा छन अर हम मानि लीन्दा पण क्वी बवालों बल इन खुर्सी क रंग भूरिण च त हम दस दें  खुर्सी तै दिखदा बल या बात सै च कि ना !.
इनाम या प्रसिद्धि वै तै नि मिलदि जु काम करद . अब द्याखो ना हौळ बल्द लगान्दन पण बुले जांद बल 'ये फलण न अन्क्वैक बाई'.
 
स्कूलम वैबरी भौत गुस्सा आन्द जब तुम तै मास्टर जी उ सवाल नि पुछदन जौंक उत्तर तुम जाणदा छंवां .मास्टर जी वी सवाल पुछदन जौंक जबाब तुम तै नि आंदो.
क्वी हर्चीं चीज जन कि चक्कू चौड़ तबी मिल्दि जब तुम बजार से हैंकि चीज याने कि हैंक चक्कू लै आओ.
 
सबि चान्दन कि म्यार गांवक भौत प्रगति ह्वाऊ पण क्वी नि चांदो कि या प्रगति म्यार पैसा या श्रमदान से ह्वाऊ बल्कण मा दुसरों पैसा या श्रमदान से ह्वाऊ.
जब क्वी तुम से धीरे हौळ लगान्द त उ सिमसुम या लाटो , कालु या मूर्ख होंद पण क्वी तुम से जरा बि तेज हौळ लगाओ त ओ बौळया होंद.
 
चबोड्या चखन्योरा लेख कण्डाळिअ झपांग जन हुन्दन दुयूं क मार से खून नि आन्द, बगैर ल्वैखतरी क ल्वैखतरी जन डाउ.
 
योग सिखाण वळु गुरु अर अच्कालो नेता मा यो फरक च बल योग गुरु आप तै चिंतामुक्त सिवाल्दु च.अच्कालो नेता चिंतामुक्त सियूँ आदिम तै बिजाळिक चिन्तायुक्त कौरी दींदु.
 

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Regards
B. C. Kukreti


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