THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Friday, April 25, 2014

बासी कढ़ी में उबाल,फिर शारदा फर्जीवाड़े का बवाल!

बासी कढ़ी में उबाल,फिर शारदा फर्जीवाड़े का बवाल!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


बासी कढ़ी में उबाल,फिर शारदा फर्जीवाड़े का बवाल! एक के बाद एक गढ़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं। वामपक्ष, भाजपा और कांग्रेस तीनों तरफ से इस रफा दफा मामले को लेकर घेराबंदी हो रही है मां माटी मानुष की सरकार की।सीबीआई जांच के लिए असम,ओड़ीशा और त्रिपुरा तीनतीन राज्य सरकारें राजी हैं।ऐतराज सिर्फ बंगाल को है,जबकि बतौर विपक्षी नेता हर छोटे बड़े मामले में दीदी सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाती रही है।


बंगाल सरकार का अजब तर्क है कि बाकी राज्यों में तो सीबीआई जांच करें लेकिन बंगाल में जांचराज्य सरकार की ओर से गठित विशेष जांच दल करे।


इस जांच दल यानी सिट का फंडा तो ऐसा है कि साल भर में सुदीप्त की पत्नी पियाली सेन का फ्लैट को सील कर रखा है ,जहां छापा मारकर इडी ने गहने और नकदी के अलावा बेहद खास दस्तावेज अपने कब्जे में कर लिये,जिसकी कोई गंध भी सूंघ नहीं पाया।फिर एक बैंक में इडी के पहुंचने से पहले ही पियाली सेन के लाकर खोल कर जब्ती कर ली जांच दल ने।


दीदी ने चुनाव के नाजुक मौके पर रफा दफा इस मामले के अचानक मुद्दा बन जाने से पहले की तरह आक्रामक मुद्रा में अपने दागी मंत्रियों,सांसदों और नेताओं का बचाव करने लगी है और हर आरोप को चक्रांत कहकर खारिज करने लगी हैं।


विपक्ष कम से कम शारदा मामले में सीबीआई जांच की मांग के सिलसिले में एकजुट है।जाहिरा तौर पर चुनाव आयोग के खिलाफ जिहादी तेवर अपनायी दीदी सीबीआई जांच को लेकर भी बेहद आक्रामक हैं।मुश्किल यह है कि मामले की सुनवाई पूरी हो गयी है।


फैसला सुरक्षित है।इस फर्जीवाड़े में किस किसको फायदा हुआ,यह पूछकर सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही दीदी की साख को दांव पर चढ़ा दिया है ।


अब अगर सुप्रीम कोर्ट सीबीआई जांचका आदेश जारी कर दें, तो क्या दीदी अवमानना का जोखिम उठायेंगी,सवाल यह है और उसका सीधा जवाब है ,नहीं।अफसरान के तबादले के चुनावी आदेश पर उबल चुकी दीदी ने आखिर चुनाव आयोग का आदेश मान ही लिया।


मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पिछले हफ्ते सुदीप्त की पत्नी व बेटे की गिरफ्तारी के बाद इस चुनावी सीजन में शारदा घोटाला अचानक एक मुद्दा बन गया है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने रैलियों में शारदा घोटाले के बहाने ममता बनर्जी पर करारे हमले कर चुके हैं। राहुल ने कहा कि इसकी जांच सीबीआई से होने पर सबकुछ साफ हो जाएगा।


इस मामले में जेल में दिन काट रहे तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित सांसद कुणाल घोष ने भी मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।


उधर, दीदी पहले ही आरोप लगा चुकी हैं कि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी इस घोटाले में शामिल हैं। उन्होंने उनको गिरफ्तार करने की मांग करते हुए कहा है कि अगर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों में हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार कर के दिखाए।



अभी बंगाल में कुल मिलाकर दस ही सीटों के लिए मतदान हुआ है।अभी शारदा पोंजी स्कीम में पैसा झोंके एक और निवेशक ने खुदकशी कर ली।जस्टिस श्यामल सेन आयोग ने तमाम मामलो की सुनवाई भी पूरी कर ली।लेकिन  शारदा समूह की संपत्ति बेचकर जो मुआवजा देना था,वह संभव नहीं हुआ है। क्योंकि शारदासमूह में जमा करीब छह सौ करोड़ रुपये का कोई हिसाब ही नहीं है।


तो दूसरी ओर जब्ती और रिकवरी हुई ही नहीं।राज्य सरकार ने जो पांच सौ करोड़ रुपये का फंड बनाया पीड़ितों को राहत के वास्ते,उसका न्यारा वारा हो गया। करीब तीन लाख शारदा पीड़ितों को मुावजा दिया जा चुका है राजकोष से।


अब श्यामल सेन आयोग ने दूसरी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ लाखों शिकायतों को भी सही पाया है और अदालती आदेश उन सबको मुआवजा देने का है।यानी राजकोष से फिर पोंजी पापस्खलन होना है।


सीबीआई जांच का आदेश हो गया तो दीदी की मुश्किलें इस चौतरफा चुनाव में बढ़ने वाली हैं।मीडिया के मुताबिक जहां कांग्रेस को साइनबोर्ड में तब्दील हो जाना चाहिए था,उत्तर बंगाल की रपटों के मद्देनजर वैसा होते नहीं दीख रहा है।


खबर है कि भाजपा के हक में व्यापक मतदान हो रहा है।समझा जा रहा है कि तृणमूल वोटबैंक में सेंध के लिए कांग्रेस और वामदल भगवा लहर को बंगाल में खूब हवा दे रहे हैं।


सबसे बड़ी बात तो यह है कि दीदी खुद ऐसा ही आरोप लगा रही हैं।


अब साफ नही है कि भाजपा सिर्फ वोट काटेगी या फिर दो चार सीटें भी झटक लेगी। फिर वोट काटेगी तो किसके वोट।वोटों में कटौती होने पर मीडिया के मुताबिक तृणमूल के लिए बंगाल में विपक्ष का सफाया करना संभव नहीं होगा।


उससे बड़ा खतरा यह है कि ईडी ने पहले ही ढेरों सबूत जुटा लिये हैं।इडी और सीबीआई युगलबंदी हो गयी तो दागियों का बच निकलना मुश्किल है।


पियाली सेन  के बैंक लाकर से दो ड्राफ्ट मिले हैं,जो शारदा समूह के टीवी चैनल और अखबार बेचने के एवज में हुए भुगतान से संबंधित है।


समझा जाता है कि एक अति शक्तिशाली सांसद ने यह सौदा किया। उसी सांसद का खास आदमी शारदा समूह के लेखा विभाग में था,बताया जाता है।जो नकदी की आवक की अग्रिम जानकारी सांसद को देता था और सांसद फौरन वसूली कर लेते थे।


इडी ने ऐसे एक वसूली का ब्यौरा भी जुगाड़ लिया है जिसमें तीन सौ करोड़ तक के भुगतान बिना मोहलत दिये तुरंत करने के लिए सुदीप्तो को मजबूर किया गया।


इसी बीच  प्रवर्तन निदेशालय (इडी) का शिकंजा कसता जा रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बालुरघाट से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार व पेशे से नाट्यकर्मी अर्पिता घोष समेत तीन लोगों को नोटिस जारी किया है।एक विशवविख्यात चित्रकार भी केंद्रीय एजंसियों के निशाने पर हैं।


और तो और,इडी को मिले सबूत के मुताबिक दीदी के बनाये चित्रों की अप्रत्याशित कीमत भी पियाली सेन के खाते से हुआ,जबकि अपने  चित्र बेचकर दीदी ने विधानसभा का चुनाव फंड और चुनावखर्च जुगाड़ करने का दावा करती रही हैं।


सांसद का चेहरा आम जनता के बीच उजागर हो चुका है तो एक मंत्री भी बुरी तरह फंसे हैं।जिनके एक महिला वकील से मधुर संबंध थे।पियाली नाम की उस महिला वकील की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गयी,जो राजनेताओं और दूसरे लोगों को  भुगतान के मामले देखती थीं और अपनी आय के मुकाबले बेहद आलीशान जिंदगी जीते हुए मर गयी।एक आईपीएस अफसर हैं जो सत्तादल के खासमखास है ,जिनको हम महीने फर्जी बिल पर एक लाख का भुगतान होता था।उनका भी पियाली से संबंध बताये जाते हैं।आरोप है कि वे मौत से पहले पियाली के साथ उसके फ्लैट में देखे गये।इडी ने गैरकानूनी भुगतान के मामले में पियाली प्रकरण से जुड़े सबूत भी इकट्ठे कर लिये हैं।


जवाबी हमला बतौर विवादित परिवहन मंत्री मदन मित्र ने तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री बतौर मौजूदा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को इस विवाद में घसीट लिया है और आरोप लगाया है कि पोंजी स्कीम के तहत उन्होंने ही शारदा को लाइसेंस दिलवाया। मित्र के आरोप में देश के सर्वोच्च व्यक्तित्व के परिजनों को शारदा समूह से भुगतान हुआ।


दरअसल शारदा चिटफंड घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) का शिकंजा कसता जा रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने तृणमूल कांग्रेस के पांच नेताओं को सम्मन जारी किया है। इन्हें 25 अप्रैल तक बयान दर्ज कराने को कहा गया है। हालांकि अभी तक इनके नामों का खुलासा नहीं हुआ है।


हालत इतनी नाजुक है कि  इडी ने ऐसे 15 लोगों की सूची तैयार की है, जिनसे वह पूछताछ करना चाहता है। इसमें तृणमूल कांग्रेस के मंत्री और नेताओं सहित पूर्व अधिकारी भी शामिल हैं।


इडी ने चलाया तलाशी अभियान

इडी ने शारदा समूह के मालिक जेल में बंद सुदीप्त सेन की पत्नी पियाली चक्रवर्ती व उसके बेटे शुभोजीत सेन को हिरासत में लिया है। इनसे पूछताछ के बाद शनिवार को जांच एजेंसी ने तलाशी अभियान चलाया। जानकारी के अनुसार, शनिवार को विधाननगर के एक बैंक में इडी अधिकारियों ने जांच पड़ताल की। बैंक में सुदीप्त सेन की पत्नी पियाली सेन का एकाउंट है। हालांकि उस एकाउंट में कितने रुपये थे, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।


सुदीप्त से पूछताछ कर सकता है इडी

प्रवर्तन निदेशालय घोटाले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन से पूछताछ कर सकती है। सेन को अपनी हिरासत में लेने के लिए इडी अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रहा है।


गौरतलब है कि शारदा कांड में कुल 2500 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया था। 1900 करोड़ रुपये का हिसाब पता लगाने में राज्य सरकार पीछे रह गयी है। इसलिए इडी अब इस मामले में जिन-जिन लोगों का नाम सामने आया है, उनसे पूछताछ करने जा रहा है।


कथित सीडी का रहस्य गहराया

सुदीप्त सेन की पत्नी ने पूछताछ में बताया है कि गिरफ्तार होने के पहले तक तृणमूल कांग्रेस सांसद कुणाल घोष उनके संपर्क में थे। कुणाल घोष हमेशा एक सीडी के बारे में पूछ रहे थे, हालांकि पियाली ने दावा किया कि वह उस सीडी के बारे में कुछ नहीं जानती हैं। इस संबंध में भी जानकारी हासिल करने के लिए इडी अब सुदीप्त सेन को हिरासत में लेना चाहती है।


इडी दफ्तर पहुंचे सुदीप्त सेन के वकील

शनिवार को सुदीप्त सेन के वकील समीर दास साल्टलेक स्थित इडी कार्यालय पहुंचे और उनकी पत्नी पियाली व बेटे शुभजीत से मिलने की मांग की। लेकिन इडी के अधिकारियों ने उनको मिलने का मौका नहीं दिया। इडी अधिकारियों से सुदीप्त सेन के वकील ने बातचीत की। उन्होंने इडी अधिकारियों से पूछा कि सारधा कंपनी के किसी भी व्यवसाय में उनकी पत्नी व बेटे का कोई नाम नहीं है, फिर उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया है।



दीदी और उनके सिपाहसालार शुरु से इस मामले में पूर्ववर्ती वाम सरकार को घेरती रही हैं।राष्ट्रपति का नाम पहलीबार सामने  आया है।जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने सीधे सीबीआई जांच की मांग करते हुए दावा किया कि वाम पक्ष का कोई भी इस घोटाले में शामिल नहीं है।अगर है तो सीबीआईउसका खुलासा करके दोषियों को सजा दिलाये,यह उनकी खुली चुनौती है।


परिवर्तन और भूमि आंदोलन में दीदी के सबसे करीबी और शारदा समूह के मीडिया प्रभारी कुणाल घोष को दीदी ने राज्यसभा भेजा तो उसी कुणाल घोष ने दीदी को भी शारदा फर्जीवाड़ा मामले में लपेटा।राज्यसरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया। वे अब भी जेल में है और शारदा समूह से अपनी ही पार्टी के नेताओं के मधुर संबंधों का कच्चा चिट्ठा खोलने को तैयार बैठे हैं।खास बात यह है कि अपने दागी सांसदों और नेताओं को दीदी ने लोकसभा चुनावों में  मैदान में उतारा है।वे हार जायें तो नुकसानकम होगा।लेकिन वे जीते और कुणाल जैसा उनका भी हश्र हुआ तो सत्तादल पर मुश्किलों का ऐसा पहाड़ टूटने वाला है,जिसके नीचे से निकलकर अगली विधानसभा चुनावों में सत्ता कीराह बनाना बहुत बड़ी चुनौती होगी।


हाल यह है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और माकपा नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने शुक्रवार को शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर एक दूसरे पर निशाना साधा। ममता ने जहां माकपा के धन के स्रोत पर सवाल उठाया तो पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने सीबीआई जांच की मांग कर दी। इस पर ममता बनर्जी ने भट्टाचार्य पर निशाना साधते हुए कहा, ''आपके कार्यकाल में 2006 में यह घोटाला हुआ था। क्या मैं नाम बताउं? जैसे कि आपको कुछ पता ही नहीं है।'' गौरतलब है कि     वाम मोर्चा की सरकार के शासनकाल में ही शारदा समूह ने अपना कारोबार शुरु किया था।


तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने हुगली जिले के तारकेश्वर में चुनावी सभा में कहा, ''चोरों की मां सबसे तेज बोलती है और खाली बर्तन ज्यादा बजते हैं। माकपा के पास हजारों करोड रपये कहां से आये।''  उन्होंने कहा, ''वाम मोर्चा सरकार के वित्त मंत्री ने किसके बैंक खाते से अपना चुनाव अभियान चलाया।''

 ममता ने कहा, ''किसने चोरी की है और किसे जिम्मेदार ठहराया जा रहा है? अगर आप तृणमूल कांग्रेस में दोष निकालने की कोशिश करेंगे तो केवल अच्छे लोग ही दिखाई देंगे।''



ताजा खबरों के मुताबिक करोड़ों रुपये के शारदा  चिटफंड घोटाले के सूत्रधार सुदीप्त सेन का बेटा शुभोजित सेन प्रतिदिन गाड़ियों के काफिले पर 60 हजार रुपये खर्च करता था। शुभोजित शारदा समूह के 17 निदेशकों में से एक था।

शुभोजित के साथ उसकी मां पियाली सेन भी लग्जरी कारों का भरपूर इस्तेमाल करती थी। ईडी अधिकारियों के अनुसार 35 लग्जरी कारों का इस्तेमाल सुदीप्त की पत्नी व पुत्र करते थे। इसमें पांच विदेशी कारें भी थीं। शुभोजित ने गत तीन वर्षों में 20 करोड़ रुपये में सिर्फ गाड़ियों का काफिला तैयार किया था।

शारदा  समूह से जुड़े वित्तीय अधिकारियों ने बताया कि सुदीप्त ने निर्देश दे रखे थे कि शुभोजित जितने भी रुपये मांगता है उसे दिए जाएं। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि शुभोजित व पियाली सेन को मनी लांड्रिंग में गिरफ्तार किया गया है।

शारदा  के एक और निवेशक ने दी जान

शारदा  चिटफंड घोटाले में रुपये डूबने से एक और पीड़ित ने फांसी लगा ली। पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले के कैनिंग थाना इलाके में सुशांत सरदार (42) ने आत्महत्या कर ली। वह पेशे से राज मिस्त्री था। उसने करीब डेढ़ लाख रुपये शारदा  में निवेश किए थे।



गौरतलब है कि  परिवहन मंत्री मदन मित्र ने प्रवर्तन निदेशालय को इस बात का खुलासा करने की चुनौती दी है कि शारदा घोटाले में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और बेटी ने कितनी रकम ली थी। उन्होंने रविवार देर शाम बर्दवान जिले के केतुग्राम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह चुनौती दी।

मित्र ने कहा कि वे निदेशालय को यह खुलासा करने की चुनौती देते हैं कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन पूर्व कांग्रेस नेता के बेटे व बेटी ने शारदा से कितने करोड़ रुपए लिए हैं। कांग्रेस ने मित्र के आरोपों का खंडन किया है। उसी रैली में मित्र ने सवाल उठाया कि रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर ने शारदा समूह को शुरू करने की अनुमति दी थी। ऐसे में इसके लिए उनको भी क्यों नहीं गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र या कांग्रेस 15 मई तक जो चाहे कर सकती है। 16 मई के बाद बंगाल के दस करोड़ लोग जेलों का घेराव करेंगे।

दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने मित्र के आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा है कि पार्टी इस बारे में चुनाव आयोग से शिकायत करेगी। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि शारदा से नजदीकी की वजह से मित्र को निजी तौर पर काफी फायदा हुआ है। वे समूह के कई कार्यक्रमों में मालिक सुदीप्त सेन के साथ देखे गए थे। सेन ने ही उनको शारदा समूह की कर्मचारी यूनियन का नेता मनोनीत किया था।

शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि उसकी (राज्य सरकार) चिटफंड कंपनियों के साथ मिलीभगत है जिन्होंने 18 लाख से अधिक लोगों को लूटा है।


सोनिया गांधी ने ऐसे समय में पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला किया है जब कुछ ही दिन पूर्व उनके बेटे और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी मुद्दे पर प्रदेश सरकार को निशाना बनाया था।


उत्तर दिनाजपुर जिले में रायगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहीं पार्टी प्रत्याशी दीपा दासमुंशी के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि यहां की सरकार की मिलीभगत से चिटफंड कंपनियों ने 18 लाख से भी अधिक परिवारों को लूटा, उन्हें बरबाद किया है।'


उन्होंने कहा, 'गरीब लोग पैसा जोड़ने के लिए काफी संघर्ष करते हैं ताकि वे जरूरत के समय इसका इस्तेमाल अपने तथा अपने बच्चों के लिए कर सकें।' उन्होंने कहा कि शारदा मामले में प्रवर्तन निदेशालय और सेबी ने राज्य सरकार को कई बार गड़बड़ी के प्रति अगाह किया था, लेकिन राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। राज्य सरकार लोगों की मूल धन तक वापस नहीं कर पायी हैं।



इससे तीन दिन पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि यह सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है जो करोड़ों रुपये के शारदा पोंजी घोटाले में शामिल थे। इसके बजाय यह उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है।





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