THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Friday, May 27, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/5/27
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


उत्तराखंडःलैब में केमिस्ट विश्लेषक की भर्ती शुरू

Posted: 26 May 2011 11:29 AM PDT

फूड व ड्रग के सैंपलों की जांच के लिए रुद्रपुर में बनी लैब में कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए केमिस्ट विश्लेषकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। करीब 12 पदों को भरने के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय में साक्षात्कार लिए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कई युवाओं ने आवेदन किया हुआ है। आखिरकार रुद्रपुर में बनी फूड व ड्रग लैब में पूरी तरह से काम शुरू हो गया है। प्रदेश सैंपलों की जांच के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहा है। अभी हिमालच में फूड के सैंपल जांच के लिए भेजे जाते हैं। हाल ही में फूड के सैंपलों की जांच रुद्रपुर लैब में शुरू कर दी गई है। कुछ समय पहले ही लैब में लोक विश्लेषक की नियुक्ति हुई थी। लैब में तकनीशियन स्टाफ को भरने के लिए अब केमिस्ट विश्लेषक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य महानिदेशालय में 12 केमिस्ट विश्लेषक के पदों को भरने के लिए साक्षात्कार लिए जा रहे हैं। आवेदकों की संख्या सैकड़ों में बताई गई है। बीती 18 मई से साक्षात्कार शुरू हुई है, जो कि 30 मई तक चलेगी। साक्षात्कार बोर्ड में शामिल राजकीय विश्लेषक जीआर ध्यानी, ड्रग नियंत्रक धर्म सिंह, संयुक्त निदेशक डा. गुरुपाल सिंह की मौजूदगी में साक्षात्कार लिए जा रहे हैं। राजकीय विश्लेषक जी आर ध्यानी ने बताया कि संविदा में केमिस्ट विश्लेषक नियुक्त किए जा रहे हैं। ड्ऱग के सैंपलों की जांच पहले शुरू हो गई थी। अब फूड के सैंपलों की जांच शुरू कर दी गई है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,26.5.11)।

डीयूः24 घंटे में एडमिशन कैंसल करा सकेंगे छात्र

Posted: 26 May 2011 11:15 AM PDT

डीयू कॉलेजों में दाखिला रद्द करने की प्रक्रिया को काफी सशक्त कर दिया गया है। डीयू ने नए शैक्षणिक सत्र में दाखिला रद्द करने की प्रक्रिया को विद्यार्थियों की सुविधा के लिए 24 घंटे का कर दिया है। यदि विद्यार्थी दूसरी कट ऑफ सूची आने के बाद पहले कॉलेज में अपना दाखिला रद्द करवाना चाहते हैं तो 24 घंटे में उनका दाखिला रद्द हो जाएगा। साथ ही साथ इतने ही समय में उनके कॉलेज मे जमा किए गए प्रमाणपत्र कॉलेज द्वारा लौटा दिया जाएगा। डीयू ने कॉलेजों को भेजी अपनी दाखिला प्रक्रिया में दाखिला रद्द करवाने वाले विद्यार्थियों को जल्द से जल्द उनके दस्तावेज लौटाने को कहा है। जिससे विद्यार्थियों को दूसरे कॉलेज में दाखिले लेने में देरी न हो(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,26.5.11)।

यूपीःस्पोर्ट्स कालेज में सात खेलों में मिलेगा प्रवेश

Posted: 26 May 2011 11:00 AM PDT

स्पोर्ट्स कालेज में कक्षा नौ के लिए एथलेटिक्स, बैडमिंटन, क्रिकेट, फुटबाल, हाकी, टेनिस व वालीबाल में बालकों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश के लिए 100 रुपये का फार्म 30 मई तक स्पोर्ट्स कालेज एवं केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मिल रहा है। तैराकी, कुश्ती व जिम्नास्टिक के लिए उम्र की सीमा 12 साल है जबकि अन्य खेलों में आयु सीमा 15 साल है। गोरखपुर के वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज गोरखपुर में कक्षा छह के लिए, बालकों का कुश्ती, जिम्नास्टिक में बालक व बालिका, वालीबाल में बालक व बालिका, हाकी में बालिकाओं को प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा स्पोर्ट्स हास्टल के लिए जिम्नास्टिक (बालक/बालिका), तैराकी (बालक), फुटबाल (बालक), वालीबाल (बालक/बालिका), बाक्सिंग (बालक), हाकी (बालक/बालिका), क्रिकेट (बालक), बैडमिंटन (बालक), टेबल टेनिस (बालक), बास्केटबाल (बालक/बालिका)कबड्डी (बालक/बालिका), हैंडबाल (बालक), एथलेटिक्स (बालक/बालिका), तीरंदाजी (बालक) और जूडो (बालक) में प्रवेश दिये जाएंगे। इन सभी खेलों में पहले जिला स्तरीय चयन/ट्रायल 1 से दो जून तक और उसके बाद मंडल स्तर पर चयन/ट्रायल तीन से चार जून तक होगा। जिला व मंडल स्तरीय चयन ट्रायल जिम्नास्टिक, तैराकी, कुश्ती, वालीबाल, बाक्सिंग, हाकी, क्रिकेट, बैडमिंटन,टेबल टेनिस, बास्केटबाल, कबड्डी, हैंडबाल, एथलेटिक्स, तीरंदाजी के चयय/ट्रायल केडी सिंह बाबू स्टेडियम और फुटबाल का ट्रायल चौक स्टेडियम मे होगा। इसके बाद राज्य स्तरीय ट्रायल छह से आठ जून तक होगा(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,26.5.11)।

डीयूः12 दिनों का होगा ओपन डेज सेशन

Posted: 26 May 2011 10:45 AM PDT

डीयू कॉलेजों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों और अभिभावकों की जिज्ञासाओं और सवालों का जवाब न सिर्फ ओपन डेज सेशन, ई-ओपन डेज, हेल्पलाइन और वेब चैट के जरिए दिया जाएगा बल्कि डीयू कुलपति भी दाखिले की टेंशन दूर करने में मदद करेंगे। विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए बुधवार को कुलपति का विशेष ई-मेल जारी किया गया है। ई-ओपन डेज और वेबचैट के जरिए विद्यार्थियों और अभिभावकों को उनके किसी भी सवाल के जवाब सातों दिन और चौबीस मिल सकेगा। इतना ही नहीं इस बार विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले ओपन डेज सेशन 9 की जगह 12 दिनों का होगा। ओपन डेज सेशन केवल दो जगह ही चलेंगे पहला स्थान नार्थ कैम्पस का कांफ्रेंस सेंटर और दूसरा एसपी जैन सेंटर साऊथ कैम्पस में आयोजित किया जाएगा। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. जेएम खुराना ने बताया कि ओपन डेज सेशन प्रतिदिन सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक चलेगा। डीयू ने आगामी शैक्षणिक सत्र से ई-ओपन डेज चलाने का फैसला लिया है। जिसके तहत इंटरनेट के माध्यम से छात्र-छात्राओं और अभिभावक दिन-रात अपने सवाल डीयू से पूछ सकेंगे और उनके जवाब ऑनलाइन दिए जाएंगे। दाखिले को लेकर विद्यार्थियों की सभी तरह के सवालों के जवाब ई-ओपन डेज के जरिए दिए जाएंगे। दाखिले संबंधी सवालों के जवाब के लिए डीयू द्वारा पहले की तरह टेलीफोन वाली एडमिशन हेल्पलाइन जारी रहेगी। डीयू द्वारा आगामी सत्र में उसी तरह से ओपन डेज सेशन करवाए जाएंगे जैसे बीते साल करवाए गए थे। कॉलेज अपने स्तर पर ओपन डेज सेशन और हेल्पलाइन चला सकते हैं। साथ सही इंटरनेट आधारित हेल्पलाइन भी कॉलेज चला सकते हैं। डीयू का 12 दिनों तक चलने वाला ओपन डेज सेशन 28 और 29 मई, 2 से 8 जून तक नॉर्थ कैम्पस के कांफ्रेंस सेंटर में चलाया जाएगा। जबकि 30 और 31 मई व 1 जून को साउथ कैम्पस के एसपी जैन सेंटर में चलाया जाएगा। ओपन डेज सेशन प्रतिदिन सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक चलेगा।

एससी-एसटी वर्ग दाखिला संबंधित तिथियां आवेदन- 28 मई से 8 जून- सुबह 9.30 से। पहली कटऑफ लिस्ट- 15 जून (सुबह 10 बजे) दाखिला-16 से 20 जून(सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक) दूसरी कटऑफ 28 जून(सुबह 10 बजे) दाखिला-28 जून से 1 जुलाई (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक)

विकलांग वर्ग दाखिला संबंधी तिथियां

आवेदन-28 मई से 8 जून (डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर ऑफिस)सुबह 9.30 से दोपहर 2 बजे तक। पहली कटऑफ लिस्ट- 15 जून (सुबह 10 बजे) दाखिला-16 से 20 जून (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक)

दूसरी कटऑफ

28 जून(सुबह 10 बजे) दाखिला-28 जून से 1 जुलाई (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक)

यूपीःव्यावसायिक शिक्षकों को अकारण नहीं निकाल सकेंगे प्रधानाचार्य

Posted: 26 May 2011 10:30 AM PDT

विद्यालयों के प्रधानाचार्य अब अकारण व्यावसायिक शिक्षकों को विद्यालय से निकाल नहीं सकेंगे। ऐसे में यदि कोई अपरिहार्य स्थिति बनती है तो प्रधानाचार्य को व्यावसायिक शिक्षक को निकालने के लिए मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अनुमति लेनी पड़ेगी। यह निर्देश बुधवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन ने जारी कर दिये हैं(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,26.5.11)।

यूपीःमदरसा बोर्ड की परीक्षाएं शुरू

Posted: 26 May 2011 10:15 AM PDT

यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड की मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल व फाजिल परीक्षाएं आज से शुरु हुईँ जो 31 तक मई तक चलेंगी। 27 व 29 मई को अवकाश के कारण परीक्षाएं नहीं होंगी।बोर्ड के चेयरमैन अनवर जलालपुरी के अनुसार, नकलरहित परीक्षाएं कराने के लिए व्यापक व्यवस्था की गयी है। इस परीक्षा में लगभग एक लाख रेग्यूलर व 79 हजार प्राइवेट छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल होंगे। इसके लिए 314 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं। परीक्षाओं पर निगरानी रखने के लिए कंट्रोलरूम बनाया गया है। पहली पाली की परीक्षाएं सुबह 8 से 11 और दोपहर 2.30 से 5.30 बजे तक होंगी। 

28 मई को होने वाली परीक्षाओं का कार्यक्रम 
मुंशी : 28 मई को पहली पाली में उर्दू नज्म व कवायद व दूसरी पाली में तारीख हिन्द व जुगराफिक आलम, हिफजाने सेहत और तीमारदारी, तशरीह व मुनाफिउल आजा और इमदादे इबतिदाई, अंग्रेजी-2 व हिन्दी-2 की परीक्षा होगी। मौलवी : 28 मई को पहली पाली में कवायद व इंशा व दूसरी पाली में तारीखे हिन्द-ओ-जुगराफिया, हिफजाने सेहत ओटीडी, तश्नीह-ए-मुनाफुल अजा और इमदादे इनतिदाई, अंग्रेजी-2 हिन्दी-2 व उर्दू-2 की परीक्षा होगी। आलिम : 28 मई को पहली पाली में तफसीर व अकाएद सुन्नी/शिया व दूसरी पाली में हदीस-ओ-उसूले तारीखुल इस्लाम सुन्नी/शिया की परीक्षा होगी। कामिल प्रथम वर्ष अरबिक : 28 मई को पहली पाली में अरबिक अदब नस्र व नज्म व दूसरी पाली में फुनून अदब की परीक्षा होगी। फाजिल माकूलात फाइनल ईयर : 28 मई को पहली पाली में इलाहियात व दूसरी पाली में तहरीक-ए-अदबियात फारसी की दो पालि होंगी पर परीक्षा होगी। फजाइल माकूलात फाइनल ईयर : 28 मई को पहली पाली में इलाहियात व दूसरी पाली में तारीख-ए- फलसफा की परीक्षा होगी। फाजिल तिब फाइनल ईयर : 28 मई को पहली पाली में अदबियात व दूसरी पाली में मोआलजात-ओ-तशखीस-ए- अमराज की परीक्षा होगी। फाजिल दीनियात सुन्नी व शिया फाइनल ईयर : 28 मई को पहली पाली में फिकह व दूसरी पाली में उसूले फिकह की परीक्षा होगी। फाजिल अदब अरबिक फाइनल ईयर : 28 मई को फुनून-ए-अदब, अलबलागत-ओ- अरूज की परीक्षा होगी। फाजिल माकूलात प्रथम वर्ष : 28 मई को पहली पाली में इलाहियात व दूसरी पाली में तहरीक-ए-फलसफा-ए-इस्लाम की परीक्षा होगी। फाजिल दीनियात सुन्नी/शिया फाइनल ईयर : 28 मई को पहली पाली में मुतालिया फिका इस्लामी तथा दूसरी पाली में मुतालिया तसव्वुफ, मुतालिया इल्मुल कलाम सुन्नी व इख्लाक-ओ-इरफान शिया की परीक्षा होगी। फाजिल अदब परसियन प्रथम वर्ष : 28 मई को मतसोफना अदब तथा दूसरी पाली में तारीख फारसी अदब की परीक्षा होगी।फाजिल अदब अरबिक प्रथम वर्ष : 28 मई को पहली पाली में फुनून अदब व दूसरी पाली में ट्रांसलेशन अरबिक टू उर्दू तथा अंग्रेजी व देयर आपशन्स की परीक्षा होगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,26.5.11)।

यूपीःजूनियर इंजीनियरों को अब 16 साल की सेवा पर मिलेगा 5400 ग्रेड-पे का लाभ

Posted: 26 May 2011 10:00 AM PDT

विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत जूनियर इंजीनियरों को अब 16 वर्ष की नौकरी में 5400 रुपये का ग्रेड-पे मिलेगा। पहले यह 26 साल की सेवाएं पूरी होने पर दिया जाता था। यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। बैठक में जूनियर इंजीनियरों को एश्योर्ड कैरियर प्रमोशन (एसीपी) की सुविधा देने के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है। अभी तक इन अभियंताओं को 10 वर्ष की नौकरी पर 4600 रुपये का ग्रेड-पे, 18 वर्ष पर 4800 और 26 वर्ष में 5400 ग्रेड पे की सुविधा मिल रही थी। मगर अब 16 साल की सेवा पर ही 5400 का ग्रेड-पे दिया जायेगा। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक इससे विभिन्न सरकारी विभागों सिंचाई, पावर कारपोरेशन, नगर विकास, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा समेत अन्य विभागों के लगभग एक लाख जूनियर इंजीनियर लाभान्वित होंगे(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,26.5.11)।

मध्यप्रदेशःस्नातक और स्नातकोत्तर में नौ की जगह केवल 5 पेपर,फाइनल तक नहीं होंगे फेल

Posted: 26 May 2011 09:45 AM PDT

स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर अब प्रत्येक सेमेस्टर में नौ की जगह केवल पांच पेपर ही होंगे। छात्र-छात्राओं को हर सेमेस्टर में केवल पांच-पांच यूनिट ही पढ़ना होंगी। रुके हुए विषय क्लीयर करने के लिए चार अवसर मिलेंगे तो प्रोजेक्ट वर्क भी केवल फायनल में ही होगा। उच्च शिक्षा विभाग ने सेमेस्टर पैटर्न के नए नियम लगभग फायनल कर लिये हैं। एक-दो दिन में इन्हें हरी झंडी मिल सकती है। हालांकि एकल पेपर प्रणाली को लेकर अभी भी खींचतान मची हुई है। सूत्रों के मुताबिक विभाग ने दोनों सेमेस्टर के लिए अलग-अलग यूनिट तय कर दी हैं। अभी तक छात्रों को हर सेमेस्टर में पूरी-पूरी किताब पढ़ना पढ़ती थी। हर विषय के दो-दो पेपर होते थे, जिनमें ढाई-ढाई यूनिट से ही प्रश्न आते थे। अब चुनिंदा पांच यूनिट का एक ही पेपर होगा। इससे छात्रों के अलावा विश्वविद्यालयों को भी राहत मिल जाएगी। परीक्षाओं में कम समय लगेगा। मिलेंगे चार अवसर अब प्रत्येक सेमेस्टर के लिए छात्र-छात्राओं को चार-चार अवसर मिलेंगे। अधिकतम दो विषय में एटीकेटी मिलेगी, लेकिन रुके हुए विषयों के कारण किसी को भी साल का नुकसान नहीं होगा। अधिकतम दो विषय रुकने के बाद भी छात्र अगले सेमेस्टर में प्रवेश ले सकेंगे। अभी एक या दो विषय रुकने पर भी छात्रों को पूरे साल का नुकसान उठाना पड़ता था। प्रोजेक्टभी केवल एक बार इसी प्रकार प्रोजेक्ट वर्क व इंटर्नशिप को लेकर भी बढ़ा बदलाव किया जा रहा है। फिलहाल हर सेमेस्टर में प्रोजेक्ट वर्क तथा छह माह की इंटर्नशिप थी। अब केवल फायनल सेमेस्टर में ही इंटर्नशिप होगी। इसका फायदा रोजगार के रूप में मिलेगा। संभव है इंटर्नशिप के तत्काल बाद ही कंपनियां और उद्योग छात्रों को रोजगार उपलब्ध करा दें(दैनिक जागरण,भोपाल,26.5.11)।

बिहार में नौकरियों की बहार

Posted: 26 May 2011 09:30 AM PDT

जो पढ़ेंगे, वही आगे बढ़ेंगे। दौडि़ए और तैयारी कीजिए। यह वाक्य निरा उपदेश नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का व्यावहारिक संदेश है। उन्होंने कहा है कि सरकार 45 हजार सिपाही व 5 हजार दरोगा की नियुक्तियां शीघ्र करने जा रही है। साथ ही सभी थानों को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जायेगा। शुक्रवार की शाम पटना सिटी अनुमण्डल के मौजीपुर ग्राम में नदी थाना भवन, 25 थाना भवनों सहित 131 नवनिर्मित भवनों के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये बातें कहीं। राज्य में पहली बार नदी थाना की स्थापना अपराध नियंत्रण की दृष्टि से सराहनीय पहल है। इससे राजधानी के निकटवर्ती इलाकों में तरह-तरह की घटनाओं को अंजाम देकर नदी पार कर भागने वाले अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। गंगा के तटवर्ती शहर पटना और इसके सटे ग्रामीण इलाकों के अपराध नियंत्रण में नदी थाना उपयोगी साबित होगा। नदी में होने वाली दुर्घटना या किसी आपदा के कंट्रोल में भी सहायता मिलेगी। इस प्रकार के थाना के निर्माण का ख्याल सरकार को वर्ष 2008 में कोसी की बाढ़ विभीषिका के दौरान आया था। इसे कार्यरूप देने में तीन साल लगे। कानून-व्यवस्था हो या आपदा, जब भी और जहां कहीं भी मानवीय प्रयत्न की जरूरत पड़ती है, रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। कल्याणकारी योजनाओं पर भी यह बात लागू होती है। सरकार जो भी अतिरिक्त पहल करेगी, उससे आजीविका के नये अवसर बनेंगे। विकास के लिए सुरक्षा का वातावरण सुनिश्चित करना प्राथमिकता है, इसलिए पुलिस सेवा में अवसर दिख रहे हैं। इसी तरह बेहतर मानव संसाधन की जरूरत है, तो शिक्षा क्षेत्र में भी मौके हैं। राज्य सरकार मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के प्रावधानों का अनुपालन करना चाहती है। इसके लिए तीन लाख प्राथमिक शिक्षकों की सेवाएं ली जानी हैं। शिक्षक नियुक्ति के पिछले अनुभव को ध्यान में रख कर तय किया गया है कि इन पदों पर नियोजन के लिए पात्रता परीक्षा होगी। तारीख (17 जुलाई 11) तय हो गई है। उम्मीद है कि इन नियुक्तियों के बाद 30 छात्रों पर एक शिक्षक की तैनाती का अनुपात हासिल हो जाएगा। पात्रता परीक्षा के आधार पर सरकार पैनल बनाएगी और भर्ती चरणबद्ध तरीके से होगी। अधिनियम के मुताबिक प्रशिक्षित लोग ही शिक्षक बन पाएंगे। तात्पर्य यह कि अवसर तो सिपाही, शिक्षक, दरोगा और जाने किन-किन पदों के लिए आने वाले हैं,लेकिन जो लोग अपनी पढ़ाई और प्रशिक्षण से पात्रता अर्जित कर सकेंगे, सफलता उनके ही घर जाएगी(संपादकीय,दैनिक जागरण,पटना,26.5.11)।

आगरा विवि में धाधलीःएक लाख छात्रों की निरस्त होगी परीक्षा

Posted: 26 May 2011 09:15 AM PDT

परीक्षा प्रक्रिया में भारी धांधली के मद्देनजर आगरा विवि से सम्बद्ध एक दर्जन से अधिक कालेजों से प्राइवेट फार्म भरने वाले करीब एक लाख छात्रों का भविष्य अधर में फंस गया है। इन छात्रों की परीक्षा को निरस्त की जाएगी। साथ ही विविद्यालय के कार्यवाहक रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार समेत तीन अन्य कर्मचारियों पर गाज गिरना तय है। आगरा विविद्यालय शैक्षिक सत्र 2011-12 की परीक्षाएं करा रहा है। इस विवि से करीब 450 कालेज सम्बद्ध हैं। इनमें से एक दर्जन से ज्यादा कालेजों ने करीब एक लाख छात्रों के फार्म प्राइवेट परीक्षा के लिए भरवाए। मगर इन्हें जो प्रवेश पत्र सौंपे गये उन पर किसी की फोटो नहीं है। किसी प्रवेश पत्र पर लड़की की फोटो है मगर परीक्षा लड़का दे रहा है। इस व्यवस्था ने पूरी परीक्षा पर ही सवाल खड़े कर दिए। मामला शासन तक पहुंचा तो सचिव उच्च शिक्षा अवनीश अवस्थी ने सतर्कता जांच के आदेश दिए। विभाग के विशेष सचिव वी.के. गुप्ता को भी जांच के लिए आगरा भेजा। उन्होंने अपनी रिपोर्ट सचिव के मार्फत उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को सौंपी। उच्च शिक्षा मंत्री श्री त्रिपाठी ने बुधवार को इस प्रकरण पर कहा आगरा विविद्यालय द्वारा करायी जा रही परीक्षा में धांधली हुई है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,26.5.11)।

मध्यप्रदेशःजुलाई में होगी ओपन स्कूल की परीक्षा

Posted: 26 May 2011 09:00 AM PDT

ओपन स्कूल की परीक्षा जुलाई के मध्य में शुरू होने की संभावना है। जून होने वाली परीक्षा की तिथि में परिवर्तन अध्ययन केंद्रों पर सामग्री नहीं पहुंचने के कारण लिया गया है। राज्य ओपन स्कूल की परीक्षा पिछले तीन माह से पिछड़ती जा रही है। एक साल पूर्व माशिमं बोर्ड परीक्षा के साथ ओपन स्कूल की परीक्षा आयोजित होना थीं। लेकिन यह प्रस्ताव दिसंबर आते-आते समाप्त हो गया। इसके बाद परीक्षा मई में कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया। इस समय पूर्व के परिणाम जारी करने में फर्म ने गड़बड़ी कर दी। इससे छात्रों को परिणाम समय पर घोषित नहीं हो पाए। यह काम संपन्न हुआ, तो फिर जून में परीक्षा कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया। बाद में यह पता चला के लिए अध्ययन केंद्रों पर अभी तक सामग्री ही नहीं पहुंची है। अब अध्ययन केंद्रों पर संबंधित संस्था को सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। सामग्री पहुंचने के बाद जुलाई में परीक्षा कराने के प्रस्ताव तैयार किया गया है। ओपन की लेटलतीफी के चलते छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है(दैनिक जागरण,भोपाल,26.5.11)।

बिहारःहर जिले में लगेगी शिक्षा अदालत

Posted: 26 May 2011 08:45 AM PDT

मानव संसाधन विकास विभाग ने सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को सप्ताह में एक दिन शिक्षा अदालत लगाने का निर्देश दिया है। अदालत में शिक्षकों की समस्याओं का निष्पादन होगा, जिससे शिक्षकों की शिकायतों के निवारण में प्रगति आयेगी। विभाग ने क्षेत्रीय पदाधिकारियों से कहा है कि जनता दरबार में लगभग 10 प्रतिशत मामले सेवानिवृत्ति के आते हैं। जिन मामलों में वैधानिक अड़चन हो, उन्हें छोड़कर अन्य मामलों का निष्पादन किया जाना चाहिए। विभाग ने स्नातक वेतनमान में प्रोन्नति में ठोस प्रगति नहीं होने पर चिन्ता जतायी है और जिलों को निर्देश दिया कि इस कार्य को शीघ्र पूरा करें। विभाग ने कहा है कि अगले पांच वर्षो के कार्यकाल के दौरान विद्यालयों में पठन- पाठन की गुणवत्ता पर प्राथमिकता से कार्रवाई की जायेगी। इसके लिए यूनिसेफ की मदद से विद्यालयों में गुणवत्ता के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है, जिसे आगामी 15 अगस्त को घोषित किया जायेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,26.5.11)।

मध्यप्रदेश में सैक्षणिक कैलेंडर जारीः181 दिन पढ़ाई, 184 दिन की छुट्टी

Posted: 26 May 2011 08:30 AM PDT

एक जुलाई को शुरू हो रहे शैक्षणिक सत्र 2011-12 के लिए कालेजों में 20 जून तक सामान्य रूप से प्रवेश दिए जाएंगे। अगले दस दिनों में से छह दिन प्राचार्य और शेष चार दिन कुलपति की विशेष अनुमति से प्रवेश होंगे। साल भर के 365 दिनों में 181 दिन पढ़ाई, परीक्षा और खेलकूद व सांस्कृतिक आयोजन होंगे। बाकि 184 दिन छुट्टी रहेगी। उच्च शिक्षा विभाग ने चार दिन पिछड़ने के बाद अगले सत्र का शैक्षणिक कैलेंडर बुधवार को जारी कर दिया है। अनुमति मिलने में हुई इस देरी का खामियाजा छात्र-छात्राओं को ही भुगतना पड़ेगा। शासन ने प्रवेश प्रक्रिया 20 मई से 20 जून ही रखी है। इसके बाद 30 जून तक प्राचार्य व कुलपति की विशेष अनुमति से प्रवेश दिए जाते रहेंगे। पहला, तीसरा और पांचवा सेमेस्टर एक जुलाई से 4 नवंबर तक चलेगा। वहीं दूसरा, चौथा और छठवां सेमेस्टर आठ दिसंबर से 10 अप्रैल तक रहेगा। दोनों ही सेमेस्टर में पठन-पाठन के लिए 90-90 दिन ही रहेंगे। पे्रक्टीकल परीक्षाएं मुख्य परीक्षा के पहले ही खत्म हो जाएंगी। वहीं विषय संख्या वाले सेमेस्टर की मुख्य व एटीकेटी परीक्षाएं 9 नवंबर से 7 दिसंबर के बीच तथा सम संख्या वाले सेमेस्टर की परीक्षाएं 18 अप्रैल से 15 मई के बीच करना होंगी। सांस्कृतिक व वार्षिकोत्सव, खेल गतिविधियां 15 फरवरी के पहले ही करना होंगी। वहीं छात्र संघ चुनाव अगस्त के तीसरे या चौथे सप्ताह में होंगे। छुट्टियों की भरमार : पूरे साल छुट्टियों की भरमार रहेगी। सबसे पहले चार दिन का दीवाली अवकाश 24 से 28 अक्टूबर तक मिलेगा। दोनों सेमेस्टर में चार-चार दिन परीक्षा की तैयारी के लिए छुट्टी मिलेगी। चालीस दिनों का ग्रीष्मावकाश 16 मई से 30 जून तक रहेगा(दैनिक जागरण,भोपाल,26.5.11)।

बिहारःविजन क्लासेस के 30 30 छात्र सफल,साहिल व ब्रिलिएंट सहित कई कोचिंग के छात्रों ने मारी बाजी

Posted: 26 May 2011 08:10 AM PDT

राजधानी के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान विजन क्लासेस ने दावा किया है कि उनके संस्थान के 30 छात्रों ने आईआईटी जेईई में सफलता प्राप्त की है। तीस में चार लड़कियां हैं। संस्थान के संचालक के. सिंह ने बताया कि इस बार पिछली बार की तुलना में रिजल्ट बेहतर हुआ है। इस बार पास होने वाले परीक्षार्थियों में लड़कियों की संख्या अधिक है। वहीं अपेयरिंग छात्र भी पिछली बार की तुलना में अधिक पास हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के बदलते माहौल में छात्रों का पलायन रुका है। यही कारण है कि यहां के छात्र अच्छा कर रहे हैं। दसवीं पास करने के बाद यहां के छात्रों को राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं है। बिहार में रहकर भी आईआईटी की प्रवेश परीक्षा अच्छे रैंक के साथ पास की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड व आईसीएसई बोर्ड में राज्य के एक से दस रैंक लाने वाले सभी छात्र- छात्राओं को विजन क्लासेस में आईआईटी प्रवेश परीक्षा की नि:शुल्क तैयारी करायी जाएगी। संस्थान के सफल छात्रों में अमित, शशांक, विनीता , साक्षी, रश्मि, संजीव, फैसल,ब्रजेश, विकास, विवेक, मेघा, अभिषेक, अमृत राज, वैभव, हनी सिंह , वरुण, दिव्यांशु, ऋषभ, अनुराग, जुगल किशोर, निखिल, राहुल , अक्षय, कुलदीप, राहुल पाराशर , हेमंत, प्रितीश जैन, अगम गोयल, शशांक शेखर, मोहित विवेक शामिल हैं। मीठापुर की साक्षी सिन्हा को आईआईटी में 1589 रैंक प्राप्त हुआ है। साक्षी ने अपनी सफलता के पीछे माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद मानती हैं। उन्होंने बताया कि बिना माता-पिता के सहयोग के कुछ भी प्राप्त करना मुश्किल है। बीटेक करने के बाद साक्षी सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हैं। इंजीनियरिंग या मेडिकल पास करना संबंधित विषय में रुचि पर निर्भर करता है। साक्षी ने सेंट एमजी पब्लिक स्कूल से मैट्रिक व नोट्रेडेम एकेडमी से प्लस टू की परीक्षा पास की थी। पटना के अभिजीत कुमार आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में 2412 रैंक ले आए हैं। वे अपनी सफलता के पीछे माताप्िाता और विजन क्लासेस का विशेष योगदान मानते हैं। उन्होंने बताया कि सफलता प्राप्त करने के लिए होम वर्क करना जरूरी है। जहानाबाद के संजीव रंजन को आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में 1592 वां रैंक आया है। संजीव इस सफलता का श्रेय माता-पिता और विजन क्लासेस को देते हैं। संजीव को यह सफलता पहली बार में ही हाथ लगी है। उन्होंने बताया कि वे अपने रैंक से खुश नहीं हैं। उन्हें और अच्छा रैंक आने की उम्मीद थी। उन्होंने बताया कि आईआईटी की परीक्षा पास करने के लिए नियमित पढ़ाई करना काफी है। संजीव कम्प्यूटर साइंस से बीटेक करना चाहते थे लेकिन, अब मैकेनिकल से बीटेक करना पड़ेगा। पटना के विकास कुमार का 5329 वां रैंक आया है। उन्होंने बताया कि ईमानदारी से मेहनत करने पर आईआईटी में सफल होना काफी आसान है। विकास ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और विजन क्लासेस को दिया। उन्होंने बताया कि आईआईटी पास करने के लिए केमेस्ट्री महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पटना के अभिषेक सोनी 9514 रैंक ले आए हैं। उन्होंने बताया कि आईआईटी की परीक्षा पास करने में फिजिक्स ने काफी मदद की। बचपन से ही मैथ्स और फिजिक्स में अधिक रुचि थी। पटना के ब्रजेश कुमार को आईआईटी की प्रवेश परीक्षी में 8474 रैंक प्राप्त हुआ है। वे बीटेक करने के बाद इंजीनियर बनकर देश में ही सेवा देना चाहते हैं।
आईआईटी जेईई की परीक्षा में बिहार के छात्रों ने परचम लहराया है। इस बार काफी संख्या में छात्र-छात्राओं ने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है। सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि इस बार आईआईटी पास करने वालों में लड़कियों की संख्या अन्य वर्षो की तुलना में अधिक है। वहीं अपेयरिंग छात्र भी अधिक सफल हुए हैं। ब्रिलिएंट साइंस कोचिंग ने दावा किया है कि आईआईटी जेईई में 18 छात्रों का चयन हुआ है। संस्थान के निदेशक अजय कुमार पिन्टू ने बताया कि उनके यहां से विवेक कुमार को 195 (एससी), अभिषेक को 419, गौरव पांडेय को 458, कृति गुप्ता को 650, विशाल चौरसिया (ओबीसी) को 1652 , नितिन कुमार (ओबीसी)को 1905 , निलेश पटेल (ओबीसी) को 2452 , मो. अहमद (ओबीसी), विवेक (ओबीसी) को 416 , छवि गुप्ता को 3344, विशाल सिंह को 3803, आकाश त्रिपाठी को 4492, मानवी गुप्ता को 4865, छवि साहनी को 5558, मनीष सक्सेना को 6256, शशांक गुप्ता को 6449, आकाश चंद्रा को 7091 व नम्रता यादव को 8286 वां रैंक प्राप्त हुआ है। साहिल स्टडी सर्कल ने दावा किया है कि उनके यहां से दस छात्रों ने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की है। साहिल स्टडी सर्कल से पास करने वाले छात्रों में अक्षत को 380, क्षितिज को 696, ध्रुवेश को 1947, विनायक को 2605, श्रीहर्ष को 4528, विशाल (एसटी) को 293 , आकाश को 5477, अनीस को 6454 व अंशुल को 8348 रैंक प्राप्त हुआ है। एक्सिस क्लास के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित कुमार ने दावा किया है कि उनके संस्थान के 98 छात्रों ने आईआईटी-जेईई में सफलता हासिल की है। उनके संस्थान से सफल छात्र-छात्राओं में पुनीत को 461, संजय निर्मल (एससी) को 82 , अनुज कुमार को 523, सूर्य प्रताप (ओबीसी) को 666 , चेतन पालिवल को 911, पूजा (ओबीसी) को 1838 ,अदिति गुप्ता को 2188, सगरुण सिंह को 1202, सौम्या सेन को 2282 व विपुल अग्रवाल को 9456 वां स्थान प्राप्त हुआ है। परमार स्टडी सेंटर ने दावा किया है कि उनके संस्थान के 16 छात्रों ने आईआईटी जेईई में सफलता प्राप्त की है। सफल छात्रों में साई कृष्णा को 426, प्रणय जैन को 1982, पुंज रंजन को 2034, अंजन कुमार को 2449, आमिर मुजीव को 2481, प्रीतीश कुमार झा को 3024, आयुष राज को 3662, सर्वज्ञ कुमार को 4337, विराट तिवारी को 4721, सत्यांशु कुमार को 5681, सार्थक को 6683, राजीव कुमार (एससी) को 1219 , मधुकर राज (एससी) को 1660 , धीरज कुमार (एससी) को 1858 स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं आनंद कुमार व प्रियांशु कुमार ने क्वालीफाई किया है। गुरुकुल टय़ूटोरियल्स के निदेशक ई. भूपेश कुमार, ई. विकास राही व डॉ.एम जी अली ने दावा किया है कि उनके यहां से 38 छात्रों ने आईआईटी-जेईई उत्तीर्ण किया है। टय़ूटोरियल में भूपेश कुमार भौतिकी, विकास राही गणित एवं एम जी अली रसायन शास्त्र पढ़ाते हैं। स्मृति आईआईटी ने दावा किया है कि उनके यहां के बीस बच्चों ने आईआईटी जेईई में सफलता प्राप्त की है। संस्थान द्वारा जारी सफल छात्रों में समरजीत कुमार सिंह, प्रीतम कुमार, अंकित रंजन, मनोज कुमार, विक्की कुमार, सुब्रतो शुक्ला, रवि कुमार, प्रांजल, पराम अवस्थी, मुकुल कुमार, अभिषेक कुमार, प्रिंस राज व राहुल कुमार शामिल हैं। वहीं नारायणा आईआईटी एकेडमी पटना सेंटर ने भी अपने संस्थान से आईआईटी जेईई परीक्षा में सफल टॉप टेन परीक्षार्थियों की सूची पेश की है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,26.5.11)।

तकनीकी लेखन में संभावनाएं

Posted: 26 May 2011 07:30 AM PDT

तकनीक से जुड़ी किसी भी चीज को समझने के लिए तकनीकी भाषा की जानकारी होना जरूरी है। तकनीक भाषा की जानकारी न होने पर किसी भी तकनीक यंत्र को समझना मुश्किल हो जाता है। लेकिन इसी के साथ एक तथ्य यह भी है कि हर आम या खास आदमी को तकनीकी भाषा की जानकारी हो, यह जरूरी नहीं है। ऐसे में तो लोग तकनीक से जुड़ी चीजों की जानकारी से वंचित रह जाएंगे; लेकिन ऐसा होता नहीं है। कंप्यूटर हो या कोई भी तकनीकी उपकरण, थोड़ा सा भी पढ़ा-लिखा व्यक्ति उसे आसानी से चला लेता है। म्यूजिक सिस्टम हो, मोबाइल हो, आईपॉड हो या डीवीडी प्लेअर हो इनमें से किसी भी चीज को अगर आप खरीदते हैं तो इसे चलाने के लिए साथ में दी गई इंस्ट्रक्शन बुकलेट भी मिलती हैं।
इस बुकलेट में वह तमाम इंस्ट्रक्शन दिए होते हैं जिससे उपकरण को आसानी से चलाया जा सकता है। आसानी से समझी जाने वाली इस बुकलेट को समझते हुए क्या कभी आपके दिमाग में यह सवाल आता है कि मुश्किल तकनीकी भाषा को इतने सरल तरीके से कैसे लिखा गया होगा या इन्हें तैयार करने वालों को क्या कहते हैं? इंस्ट्रक्शन बुकलेट हो या कंप्यूटर दोनों में कोई टेक्निकल फॉल्ट होने पर हेल्प ऑप्शन में लिखी बातें। यह सभी टेक्निकल राइटिंग के जिम्मे आती हैं और इन्हें लिखने वाले टेक्निकल राइटर होते हैं। टेक्निकल राइटिंग के क्षेत्र में करिअर बनाने का अर्थ है, उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर होना।
टेक्निकल राइटिंग या टेक्निकल कम्युनिकेशन का अर्थ है तकनीक से जुड़ी जटिलताओं को आसान तरीके से प्रस्तुत करना कि कोई भी व्यक्ति उसे आसानी से समझ लें। टेक्नोलॉजी के विस्तार के साथ टेक्निकल राइटिंग का यह क्षेत्र भी तेजी से विकसित हो रहा है। कई छोटी और बड़ी कंपनियां तकनीकी उपकरणों से संबंधित भाषा को समझने के लिए टेक्निकल राइटर या टेक्निकल कम्युनिकेशन प्रोफेशनल की मदद लेते हैं। टेक्निकल राइटर मुख्यत: नॉन टेक्निकल लोगों के लिए आसान भाषा में तकनीकी की जानकारियां देते हैं। तकनीक से जुड़ा प्रोफेशनल, एक्सपर्ट या स्पेशलिस्ट जिसे बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल करने के बाद अंजाम देता है, उसे एक टेक्निकल राइटर बहुत ही आसानी से संभव बना देता है। टेक्निकल राइटर के कार्यक्षेत्र में 'हाऊ टू यूज मैनुअल', प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाना, ऑन लाइन हेल्प फाइल तैयार करना, इंस्ट्रक्शन और इंस्टालेशन गाइड देना, ग्राफिकल प्रजेंटेशन और ब्रोशर बनाना, कंज्यूमर प्रोडक्ट के लिए इंस्ट्रक्शन शीट तैयार करना आदि। इसके अलावा टेक्निकल राइटर मेडिकल फील्ड और जर्नल्स के लिए भी काम करते हैं। बड़े-बड़े इंजीनियरों के साथ काम करने वाले टेक्निकल राइटर इंजीनियर को भी इस तरह लिखते और डिजाइन करते हैं कि एक सामान्य आदमी भी उसे आसानी से समझ ले। यूजर को अगर किसी टेक्निकल प्रोडक्ट को समझना है तो बिना टेक्निकल राइटर की मदद के प्रोडक्ट की आधारभूत जानकारी भी नहीं मिल पाएगी। इस समय तो टेक्निकल राइटर भी किसी एक विषय में ही एक्सपर्ट होने लगे हैं।

टेक्निकल राइटर बनने के लिए आवश्यकता है विज्ञान और तकनीक की जानकारी होना। उसे तकनीक से जुड़े विभिन्न शोधों की भी जानकारी रखनी चाहिए। इसके लिए किताबों, इंटरनेट और कभी-कभी ऐसे लोगों का इंटरव्यू भी लेना होता है तो तकनीकी जानकारियों से लैस हैं। टेक्निकल राइटर को अंग्रेजी भाषा पर कमांड होना जरूरी है, इसके अलावा यह भी जानना चाहिए कि किस तरह जटिल तकनीकी चीजों को साधारण भाषा में व्यक्त किया जाए। टेक्निकल राइटर के लिए रोजगार के अवसरों की बात की जाए तो वह एडवर्टाइजिंग एजेंसी, न्यूजपेपर, मैग्जीन आदि में आसानी से रोजगार हासिल कर सकता है। इसलिए अगर आपकी अंग्रेजी भाषा में अच्छी कमांड है और तकनीक व उससे जुड़ी चीजों को आसानी से समझ सकते हैं तो टेक्निकल राइटर से रूप में आप अपने करिअर के साथ पूरा इंसाफ कर सकते हैं। इस क्षेत्र में बेहतर रोजगार के लिए टेक्निकल राइटर ऑफ इंडिया और सोसायटी फॉर टेक्निकल कम्युनिकेशन में रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। यह सोसायटी टेक्निकल राइटर की हर प्रकार से सहायता करती हैं।
योग्यता : एक योग्य टेक्निकल राइटर बनने के लिए किसी विशेष शैक्षिक योग्यता की जरूरत नहीं होती है। जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन, इंग्लिश लिट्रेचर, साइंस या आईटी जैसे विषयों में डिग्री या डिप्लोमा होल्डर एक सफल टेक्निकल राइटर बन सकते हैं। कम्प्यूटर की अच्छी जानकारी और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का ज्ञान होना भी टेक्निकल राइटर के लिए बेहद जरूरी है। आईटी इंडस्ट्री में इस समय काफी संख्या में टेक्निकल राइटर की मांग बनी रहती है। इस देश की नामी आईटी कंपनियां जैसे कि टीसीएस, इन्फोसिस, सन माइक्रोसिस्टम, इन्फोटेक आदि में कुशल टेक्निकल राइटर की बड़ी संख्या में मांग बनी रहती है।
कोर्स : टेक्निकल राइटिंग का कोर्स कराने वाले संस्थान देश में कम ही हैं। इस कोई अलग-अलग विषयों में विभाजित किया गया है।
एडवांस कोर्स इन टेक्निकल राइटिंग
एसोसिएट इन डाक्यूमेंटेशन, एंड इनफार्मेशन साइंस
सर्टिफिकेट कोर्स इन टेक्निकल राइटिंग।
सर्टिफिकेट इन टेक्निकल डाक्यूमेंटेशन
डिप्लोमा इन टेक्निकल राइटिंग
फाउंडेशन कोर्स इन टेक्निकल राइटिंग
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन टेक्निकल कम्युनिकेशन प्रमुख संस्थान
ट्रिअम्फ इंडिया लर्निंग एकेडमी, बंगलुरू, कर्नाटक
डाक्यूमेंटेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर, बंगलुरू, कर्नाटक
टेक टोटल सॉफ्टवेयर सिस्टम, हैदराबाद
जेवियर इंस्टीच्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुंबई
आइकन सेंटर फॉर ट्रेनिंग एंड करिअर एडवांसमेंट प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई
राइटर एकेडमी, चेन्नई
(कीर्ति शेखर,दैनिक ट्रिब्यून,25.5.11)

बिहारःइंटर का रिजल्ट 31 को

Posted: 26 May 2011 07:10 AM PDT

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के उच्च माध्यमिक प्रभाग द्वारा इंटरमीडिएट का रिजल्ट 31 मई को प्रकाशित किए जाने की संभावना है। बिहार बोर्ड के मैट्रिक का परिणाम जारी करने के दौरान समिति के अध्यक्ष राजमणी प्रसाद सिंह ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटर का रिजल्ट तैयार करने में बोर्ड के कर्मचारी रात-दिन जुटे हुए हैं। हर हाल में इंटर का रिजल्ट समय पर जारी किया जाएगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,26.5.11)।

डीयूःइस बार स्पो‌र्ट्स कोटे में चलेगा पैसे और पावर का खेल!

Posted: 26 May 2011 06:50 AM PDT

स्पो‌र्ट्स कोटे में इस बार तो कॉलेजों की ही मनमर्जी चलेगी। सेंट्रलाइज्ड ट्रायल नियम हटाकर विवि ने इस बार स्पो‌र्ट्स कोटा दाखिला प्रक्रिया कॉलेजों को सौंप दी है। चर्चा तो यहां तक है कि ऐसा होने से फिर उस पुराने जमाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जब पैसे और पावर का खेल चलता था। ऐसे में विवि प्रशासन का स्पो‌र्ट्स कोटा दाखिला में सेंट्रलाइज्ड ट्रायल से हाथ खड़े करना करना चर्चा का विषय बन गया है। कॉलेज अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों (ईसीए) के तहत भी खुद ही दाखिला करते हैं। इस बारे में डीयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. जेएम खुराना कहते हैं कि किसी कॉलेज को गोल कीपर, विकेट कीपर या बॉलर की जरूरत होगी, तो वे अपने मन माफिक अच्छे खिलाडि़यों का चयन कर सकेंगे(दैनिक जागरण,दिल्ली,26.5.11)।

बिहारःनिजी स्कूलों में भी पात्रता परीक्षा पास करना जरूरी

Posted: 26 May 2011 06:35 AM PDT

राज्य सरकार ने निजी स्कूलों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों के लिए भी अब शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य कर दिया है। बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियमावली में इसका प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने हाल ही में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा को अनिवार्य किया है। करीब एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जुलाई माह में परीक्षा ली जा रही है। नए प्रावधान के मुताबिक निजी स्कूल के संचालकों को शिक्षकों के अनुपात के आधार पर ही कक्ष का निर्माण करना होगा। 30 बच्चों पर एक शिक्षक के अलावा विद्यालय में शौचालय, खेल का मैदान, प्रयोगशाला आदि का होने भी आवश्यक कर दिया गया है। उच्च जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में राज्य सरकार/स्थानीय प्राधिकार 6-14 आयु वाले बच्चों की जनसंख्या के आधार पर एक से अधिक पड़ोसी विद्यालय की स्थापना की जाएगी। सरकार द्वारा बसाव क्षेत्र के स्कूलों में मुफ्त यातायात, आवासीय सुविधा एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त उपाय किये जायेंगे। राज्य सरकार/स्थानीय प्राधिकार द्वारा स्थापित, नियंत्रित एवं धारित प्रत्येक विद्यालय के लिए एक विद्यालय प्रबंध समिति का गठन किया जायेगा जिसके 75 प्रतिशत सदस्य माताप्िाता/अभिभावक द्वारा चुने जायेंगे। समिति के सदस्यों की कुल संख्या 14 होगी जिसके 12 सदस्य बच्चों के माता-पिता/अभिभावकों में से चुने जायेंगे। अगर विद्यालय में पढ़ने वाले किसी बच्चे के पिता अथवा माता अथवा दोनों में से कोई जीवित नहीं हों, तो उसके अभिभावक, जो सक्षम न्यायालय द्वारा वैधानिक अभिभावक घोषित किये गये हों को निर्वाचक के रूप में निबंधित किया जा सकेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,26.5.11)।

दैनिक जागरण में अवनीन्द्र नाथ ठाकुर की रिपोर्टः
अब निजी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनना आसान न रहा। पैरवी या रिश्तेदारी नहीं चलेगी। शिक्षक बनने की हसरत रखने वालों को राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करनी होगी। मानव संसाधन विकास विभाग ने छह से चौदह वर्ष के बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम तथा एनसीटीई के निर्देश के आलोक में तैयार नियमावली में इस नई व्यवस्था को स्पष्ट कर दिया है। नियमावली में निजी विद्यालयों पर अनेक पाबंदी लगायी गयी है। अब उनमें शिक्षक बनना टाइम पास जाब नहीं रहा। ऐसे स्कूलों में जो शिक्षक पूर्व से कार्यरत हैं मगर इंटर पास नहीं हैं और न ही वे प्रशिक्षित हैं तो उन्हें भी पांच वर्ष के अंदर अनिवार्य रूप से इंटर की परीक्षा पास होने के साथ ही अपेक्षित प्रशिक्षण भी प्राप्त कर लेना होगा। अन्यथा, उन पर तथा स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जायेगी। नियमावली के तहत निजी विद्यालयों को भी सरकारी विद्यालयों के समान हरेक 30 छात्र पर एक शिक्षक नियुक्त करना है। अब दो-चार कमरे खोल कर उनमें स्कूल चलाने तथा कमरों में भेड़-बकरी की तरह बच्चे ठूंस लेने के दिन समाप्त हुए। नियमावली के मुताबिक विद्यालय में भवन व अन्य संरचनाएं तथा मैदान निर्धारित मानदंड के अनुरूप होना चाहिए। जितने कक्ष होंगे उनमें अधिकतम तीस छात्र बैठेंगे और उन पर एक शिक्षक तैनात रहेगा।

राजस्थानःबीएसटीसी सामान्य-संस्कृत प्रवेश परीक्षा 2




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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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