THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Sunday, July 31, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/31
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


मध्यप्रदेशःपीएमटी परिणाम घोषित

Posted: 30 Jul 2011 11:34 AM PDT

व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापमं) ने शनिवार शाम पीएमटी परिणामों की घोषणा कर दी। परिणामों के मुताबिक भोपाल की श्रद्धा श्रृंगी ने टॉपर लिस्ट में सेकंड स्थान बनाया, जबकि टॉप रहे खरगोन के अश्विनी वर्मा। अश्विन ने 200 में से 189 अंक अर्जित किए हैं।


अंग्रेजी के वर्चस्व पर लगेगी लगाम

Posted: 30 Jul 2011 10:30 AM PDT

संघ लोक सेवा आयोग की यह पहल उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में चयन की उम्मीद रखने वाले प्रतिभागी अब अपनी मातृभाषा में मौखिक साक्षात्कार देने के लिए स्वतंत्र हैं। अब तक यूपीएससी की नियमावली की बाध्यता के चलते जरूरी था कि यदि परीक्षार्थी ने मुख्य परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी रखा है तो साक्षात्कार भी अंग्रेजी में देना होगा। जाहिर है, आयोग के इस फैसले से ऐसे प्रतिभागियों को राहत मिलेगी जो अंग्रेजी तो अच्छी जानते हैं लेकिन इसके संवाद संप्रेषण व उच्चारण में उतने परिपक्व नहीं होते, जितने महंगे और उच्च दज्रे के कॉन्वेंट स्कूलों से निकलकर आए बच्चे होते हैं। यूपीएससी के निर्णय से उन चौबीस जनभाषाओं को सम्मान मिलेगा, जो संविधान का हिस्सा होने के बावजूद महत्ता और उपादेयता की दृष्टि से गौण थीं। यह निर्णय उन प्रतिभागियों को भी हीनता व अपमान बोध से मुक्त करेगा जो अंग्रेजी भाषा के वर्चस्व के चलते अपनी विलक्षण प्रतिभा को व्यक्त नहंीं कर पाते थे। हालांकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की सर्वोच्च सेवाओं में नौकरी पाने के भाषाई माध्यमों को 63 साल बाद अधिकृत मान्यता मिली। देशी भाषाओं के वजूद के लिए अंग्रेजी को बेदखल करने की जरूरत है। वैसे आयोग की हमेशा यही कोशिश रही है कि परीक्षाओं का माध्यम भारतीय भाषाएं न बन पाएं और अंग्रेजी का वजूद बना रहे। इसके लिए आयोग गोपनीय चालाकियां भी बरतता रहा है। इसी साल उसने 2011 की प्रारंभिक प्रवेश परीक्षा योजना में ऐच्छिक प्रश्न-पत्र के स्थान पर दो सौ अंकों का एक नया प्रश्न-पत्र लागू कर दिया था। जिसमें तीस अंक अंग्रेजी दक्षता को समर्पित थे। हिन्दी व अन्य संविधान में अधिसूचित भारतीय भाषाओं को कोई स्थान ही नहीं दिया गया था। कुटिल चतुराई से इस प्रश्न-पत्र को केवल उत्तीर्ण पात्रता तक सीमित न रखते हुए, इसके प्राप्तांकों को प्रवीणता (मेरिट) से जोड़े जाने की चालाकी भी बरती गई थी। इससे उन अभ्यार्थियों का चयन प्रभावित होना लाजिमी था, जो भारतीय भाषाओं के माध्यम से आयोग की परीक्षाओं में बैठते हैं। यह प्रशासनिक कलाबाजी भीतरी दरवाजे से अंग्रेजी को थोपने की कोशिश का नमूना थी। इस मामले को बीते सत्र में जद (यू) के राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी ने जोरदार तरीके से उठाया था, जिसे राज्यसभा में भरपूर समर्थन मिला था। तभी सदन द्वारा इस अनिवार्यता को वापिस लेने का एक संकल्प भी पारित किया गया। अंग्रेजी का संवैधानिक महत्त्व 63 साल बाद भी इसलिए बना हुआ है क्योंकि संविधान में इसकी अनिवार्यता को आज तक बेदखल नहीं किया गया है। इसे अब भी संपर्क भाषा की संवैधानिक मान्यता प्राप्त है। यदि इस बाध्यता को संसद में विधेयक लाकर तथा अधिनियम बनाकर विलोपित कर दिया जाए तो भारतीय भाषाओं को वैधानिक स्वरूप लेने में देर नहीं लगेगी। इस स्थिति के निर्माण से ग्रामीण प्रतिभाओं को खिलने और खुलने का मौका तो मिलेगा ही, देश में भारतीयभाषाओं के माध्यम से शैक्षिक समरूपता लाने का अवसर भी हासिल होगा। शिक्षा के क्षेत्र में मातृभाषाओं का आधिपत्य कायम होता है तो सरकारी पाठशालाओं में पठन- पाठन की स्थिति मजबूत होगी और अवाम को महंगी कॉन्वेंटी शिक्षा से निजात मिलेगी। वैसे भी आयोग की परीक्षाओं में 45 प्रतिशत छात्र हिन्दी माध्यम के सम्मिलित होते हैं और 40 प्रतिशत संविधान में अधिसूचित अन्य भारतीय भाषाओं के माध्यम से बैठते हैं। लेकिन इनमें से मुख्य परीक्षा में कामयाबी बमुश्किल 40 फीसद प्रतिभागियों को मिलती है। इनमें भी 22 फीसद हिन्दी माध्यम के परीक्षार्थी होते हैं। भाषाएं सामाजिक संपत्ति और वैचारिक संपदा होने के साथ संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज, तीजत् योहार और लोकोक्ति व मुहावरों को व्यक्त करने का भी माध्यम होती हैं। इसलिए यदि भाषाओं की प्रयोगशीलता, महत्ता और अनिवार्यता को नजरअंदाज किया जाएगा तो उक्त सांस्कृतिक धरोहरें भी धीरे-धीरे लुप्त होती चली जाएंगी और संस्कारों के बीज पनपने पर अंकुश लग जाएगा। सांस्कृतिक हमलों के बढ़ते इस दौर में यदि हमने भाषाओं की उपेक्षा की तो देश सांस्कृतिक पराधीनता की ओर बढ़ता रहेगा(प्रमोद भार्गव,राष्ट्रीय सहारा,30.7.11)।

मध्यप्रदेशःपाहुंट के प्रवेश पत्र जारी

Posted: 30 Jul 2011 10:18 AM PDT

प्री-आयुर्वेद, होम्योपैथिक, यूनानी, प्राकृतिक टेस्ट सात अगस्त को होगा। यह टेस्ट चार शहरों में आयोजित होगा। व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने शुक्रवार को टेस्ट में शामिल होने वाले छात्रों के प्रवेश पत्र जारी कर दिए हैं। मंडल ने प्राकृतिक योग चिकित्सा के टेस्ट को पाहुट में शामिल किया है। इससे यह पाहुंट हो चुकी है। मंडल पहली बार प्राकृतिक चिकित्सा के लिए टेस्ट करा रहा है। सात अगस्त को होने वाली पाहुंट में प्रदेश भर से करीब छह हजार छात्र शामिल होंगे। परीक्षा के लिए मंडल ने प्रदेश के चार शहर इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल में परीक्षा केंद्र तैयार किए हैं। मंडल ने सभी छात्रों के प्रवेश पत्र वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। छात्र प्रवेश पत्र डाउनलोड कर परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। मंडल ने कहा कि किसी भी छात्र के प्रवेश पत्र डाक के माध्यम से नहीं दिए गए हैं(दैनिक जागरण,भोपाल,20.7.11)।

पत्राचार संस्थान कानपुर के डिग्री धारकों को बर्खास्त करने के आदेश

Posted: 30 Jul 2011 09:50 AM PDT

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों एवं मंडलीय शिक्षा निदेशकों को निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर की शिक्षा अलंकार डिग्री के आधार पर इंटर मीडिएट कालेजों में नियुक्त अध्यापकों को बर्खास्त करें। तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे अध्यापकों को आगे भुगतान नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने संस्थान की शिक्षा अलंकार डिग्री को अवैध करार दिया है। न्यायालय ने शिक्षा विभाग में अपात्र व्यक्ति की नियुक्ति व प्रोन्नति के लिए जिम्मेदार मिर्जापुर के जिला विद्यालय निरीक्षकों व मंडलीय शिक्षा निदेशक से गलत ढंग से नियुक्त अध्यापकों से वेतन की वसूली किये जाने तथा शिक्षा सचिव को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने मिर्जापुर के जिलाधिकारी को इस मामले में लिप्त लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने गांधी विद्यालय इंटर कालेज मिर्जापुर के अध्यापक राजनाथ राम की नियुक्ति की जांच कराये जाने का निर्देश दिया है। साथ ही न्यायालय ने याची विनोद कुमार उपाध्याय की नियुक्ति को रद करते हुए दस हजार रुपये हर्जाना लगाया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने विनोद कुमार उपाध्याय की याचिका को खारिज किया है। न्यायालय ने कहा है कि यह ऐसा मामला है कि जहां अधिकारियों ने न्यायालय के आदेश का अपने फायदे के लिए कानून के विपरीत जाकर व्याख्या की। ऐसे में इन अधिकारियों के कार्य से राज्य निधि को हुए नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए। साथ ही धोखाधड़ी करने के लिए इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जाए। अधिकारियों ने प्रबंध समित की मिलीभगत से अयोग्य लोगों की न केवल नियुक्ति की अपितु कानून को ताक पर रखकर पदोन्नति भी की। याची की नियुक्ति बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर की गयी। और राजनाथ राम तदर्थ अध्यापक को नियमित किये बगैर तदर्थ पदोन्नति की गयी। न्यायालय ने कहा कि शिक्षा जनतंत्र की रीड़ है। अधिकारियों को इसकी शुद्धता को रौंदने की अनुमति नहीं दी जा सकती। याची के पास वैध डिग्री नहीं थी, फिरभी उसकी नियुक्ति कर दी गयी। साथ ही उसे सामान्य ग्रेड में नियुक्ति दी गयी, जबकि ऐसा कोई ग्रेड नहीं है। इसे नियुक्ति देने के लिए तदर्थ अध्यापक को तदर्थ प्रोन्नति दे दी गयी। शिक्षा अधिकारियों ने जो चाहा कर डाला। ऐसे में इनके गलत कार्य से जो क्षति सरकारी खजाने में हुई है, अधिकारियों से उसकी भरपायी की जाए(राष्ट्रीय सहारा,इलाहाबाद,30.7.11)।

दीदउ गोरखपुर विविद्यालयःबीएड परीक्षा स्थगित

Posted: 30 Jul 2011 09:46 AM PDT

दीदउ गोरखपुर विविद्यालय की बीएड की 17 अगस्त से प्रस्तावित परीक्षा स्थगित कर दी गई है। नई तिथि कंफम्रेशन लेटर के अभाव में भटक रहे अभ्यर्थियों के प्रवेश पर फैसला होने के बादतय होगा। चार्ट में हेराफेरी की प्रवृत्ति पर निगरानी की जिम्मेदारी एक समिति करेगी। जबकि दूसरी समिति उन उत्तपुस्तिकाओं के संबंध में रिपोर्ट देगी जिनकी त्रुटियों की वजह से मूल्यांकन नही हो सका है(राष्ट्रीय सहारा,गोरखपुर,30.7.11)।

बिहारःसैनिक स्कूलों में छात्रवृत्ति व पोषाहार दर में वृद्धि

Posted: 30 Jul 2011 09:42 AM PDT

राज्य सरकार ने नालंदा व गोपालगंज स्थित सैनिक स्कूल के सामान्य व एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति, वहां पढ़ रहे छात्रों की पोषाहार दर में वृद्धि की है। साथ ही छात्रवृत्ति पाने की पात्रता के लिए अभिभावकों की प्रतिमाह आय सीमा व उनके दर में भी बढ़ोतरी की गई है। मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा जारी संकल्प के अनुसार अभिभावकों की वर्तमान प्रतिमाह आय सीमा आठ हजार रुपये से पन्द्रह हजार को बढ़ा कर 19 हजार व 35 हजार कर दिया गया है। इसी प्रकार प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रति छात्र की दर से 295 दिनों के लिए मिलने वाले 17.50 रुपये प्रतिदिन के पोषाहार दर को बढ़ा कर 43 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है। छात्रों की आर्थिक मदद के लिए पूर्व से ही सैनिक स्कूल सोसाइटी के नियमानुसार राज्य सरकार छात्रवृत्ति व पोषाहार राशि प्रदान करती है। अन्य राज्यों में सैनिक स्कूलों में पढ़ रहे बिहारी छात्रों को भी छात्रवृत्ति व पोषाहार दर में वृद्धि का यह लाभ मिले इसके लिए सरकार केंद्र को प्रस्ताव भेज रही है(दैनिक जागरण,पटना,30.7.11)।

मेरठ में सेना भर्ती रैली 10 से 16 अगस्त तक

Posted: 30 Jul 2011 09:41 AM PDT

मेरठ में सेना भर्ती रैली का आयोजन 10 से 16 अगस्त तक किया जा रहा है। इसमें सेना भर्ती कार्यालय मेरठ के अन्तर्गत आने वाले सात जिले जेपी नगर, रामपुर, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, व बागपत के योग्य अभ्यथ्íियों के लिए सैनिक जनरल ड्यूटी, सैनिक लिपिक/स्टोकीपर, तकनीकी, (एसकेटी), सैनिक तकनीकी तथा सैनिक टेड्समैन (वास्तुकार) पदों के लिए भर्ती होगी। मेजर ध्यानचन्द स्टेडियम कैंट में आयोजित रैली जिलेवार व तिथिवार होगी। जेपीनगर तथा रामपुर के जिलों के अभ्यर्थियों के लिए सैनिक जनरल ड्यूटी, सैनिक लिपिक/स्टोकीपर, तकनीकी, (एसकेटी), सैनिक तकनीकी तथा सैनिक टेड्समैन (वास्तुकार) पदों के लिए 10 अगस्त को, जबकि गाजियाबाद के अभ्यर्थियों के लिए भर्ती 11 अगस्त मेरठ 12 अगस्त, बागपत, मुरादाबाद व सहारनपुर के अभ्यर्थियों के लिए 13 अगस्त तथा अन्य सभी पदों के लिए भर्ती 14 अगस्त को होगी। सभी अभ्यर्थी अपने मूल दस्तावेज, छह माह के भीतर जारी चरित्र प्रमाण पत्र व दो माह के भीतर के 15 फोटो ग्राफ साथ लेकर प्रात: चार बजे भर्ती स्थल पर पहुंचेंगे(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,30.7.11)।

लखनऊःमहिला महाविद्यालय में अब दो पालियों में होगी पढ़ाई

Posted: 30 Jul 2011 09:39 AM PDT

महिला महाविद्यालय में इस बार से दो पालियों में पढ़ाई होगी। वाणिज्य, विज्ञान और बीएड संकाय की कक्षाएं सुबह साढ़े सात से डेढ़ बजे तक होगी और कला वर्ग की पढ़ाई सभी कक्षाओं की बारह बजे से पांच बजे तक होगी। महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती सोमा सिंह ने बताया कि महाविद्यालय में सीटों के बढ़ने के बाद छात्राओं की संख्या में इजाफा हुआ है। दूसरी ओर 116 वर्ष पुराने संस्थान में कुछ कक्षाओं को जीर्णोद्धार के लिए बंद करना पड़ रहा है, ऐसे में महाविद्यालय को दो पालियों में चलाने का प्रबंधन के निर्णय पर अमल किया जा रहा है। श्रीमती सिंह ने बताया कि शैक्षिक सत्र में पढ़ाई शुरू करा दी गयी है। महिला महाविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया से जुड़े डा. अमित पुरी ने बताया कि एमए होम साइंस और पीजीडीसीए में प्रवेश के लिए मेरिट लिस्ट जारी कर दी गयी है। काउंसलिंग पहली अगस्त को होगी। एमए साइकोलॉजी की मेरिट भी जल्द जारी कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि बीकाम स्ववित्तपोषित श्रेणी में बची सीटों की काउंसलिंग भी एक अगस्त को होगी और तीसरी मेरिट सूची दो अगस्त को जारी कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि महिला महाविद्यालय में पूर्व में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों को छोड़ सभी कक्षाएं एक ही साथ दस बजे से होती थीं, लेकिन अब दो पालियों में पढ़ाई होगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,30.7.11)।

बिहारःग्रेड-पे के आधार पर मिलेगा परिवहन भत्ता

Posted: 30 Jul 2011 09:36 AM PDT

राज्य सरकार ने अपने सेवकों के परिवहन अब वेतनमान के बदले ग्रेड-पे के आधार पर भुगतान का निर्णय किया है। अपुनरीक्षित वेतनमान के आधार पर भुगतान की वजह से परेशानी आ रही थी। उसी के कारण इसमें संशोधन किया गया है। हां, दिल्ली में तैनात लोगों को कुछ राहत मिलेगी। वित्त विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। यह पटना शहरी क्षेत्र में तैनात लोगों के लिए है। पहली जनवरी 2010 के प्रभाव से इसका भुगतान होगा। 5400 रुपये या इससे से अधिक ग्रेड-पे वालों को मासिक 1000 रुपये, 4200 से 4800 तक ग्रेड-पे वालों को 700 रुपये तथा 4200 से कम ग्रेड-पे वालों को 400 रुपये मासिक की दर से शहरी परिवहन भत्ता का भुगतान होगा। नयी दिल्ली स्थित बिहार भवन-निवास में तैनात कर्मियों में 5400 या इससे अधिक ग्रेड-पे वालों को 2100 रुपये, 4200 से 4800 ग्रेड-पे वालों को 1400 रुपये तथा 4200 से कम ग्रेड-पे वालों को मासिक 600 रुपये की दर से शहरी परिवहन भत्ता का भुगतान किया जायेगा(दैनिक जागरण,पटना,30.7.11)।

यूपीः15 से 25 हजार में हो जाती है फर्जी स्कूलों की डीलिंग

Posted: 30 Jul 2011 09:34 AM PDT

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने आरोप लगाया है कि फर्जी विद्यालयों की सूची सौपे जाने के बाद भी शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। कुछ विद्यालयों की जांच के नाम पर खानापूरी की गयी है और अब 15 से 25 हजार रुपये में लेनदेनक र मामलों को रफा-दफा किया जा रहा है। इसके खिलाफ 30 जुलाई को माध्यमिक शिक्षक संघ की क्वींस कालेज में बैठक बुलायी गयी है और इसमें आन्दोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। संघ के प्रादेशीय मंत्री व जिला संगठन के संरक्षक डा. आरपी मिश्र ने कहा कि 13 जुलाई को धरना-प्रदर्शन के बाद 25 जुलाई को शिक्षाधिकारियों को 200 विद्यालयों की सूची दी जा चुकी है। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से टीमों के गठन की घोषणा तो कर दी गयी, लेकिन सप्ताह में तीनतीन दिनों तक सह जिला विद्यालय निरीक्षक व सह जिला विद्यालय निरीक्षक (आंग्ल) को निरीक्षण के निर्देश दिये गये हैं, लेकिन उनकी मदद में किसी को भी नहीं लगाया गया है। यह निरीक्षण भी महज औपचारिकता के लिए किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इसी बीच मान्यता दिलाने के लिए दलाल सक्रिय होकर विद्यालयों से उगाही में जुट गये हैं। श्री मिश्र ने आरोप लगाया है कि गत वर्षो में भी विद्यालयों की जांच की गयी, उनके खिलाफ कार्रवाई होने को थी, लेकिन बाद में हजारों रुपये में डीलिंग करके सभी कोक्लीनचिट दे दी गयी। किसी भी विद्यालय के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी। इसको लेकर आक्रोशित माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मागुट) जिला कार्यकारिणी की बैठक में संघर्ष की रणनीति तय करेगा। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश शुक्ल व मंत्री अनिल कुमार अवस्थी ने बताया कि शुक्रवार 29 जुलाई को क्वींस इंटर कालेज में बैठक में तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण, सीटी की सेवाओं का लाभ एलटी के चयन व प्रोन्नत वेतनमान में दिलाये जाने सहित अन्य मांगों पर संघर्ष की रणनीति बनाने के लिए चर्चा की गयी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,30.7.11)।

यूपीःनर्सरी व प्राइमरी स्कूलों की मान्यता के लिए समिति गठित

Posted: 30 Jul 2011 09:32 AM PDT

राज्य सरकार ने नर्सरी तथा प्राइमरी स्कूलों की मान्यता प्रदान करने की प्रक्रिया के संचालन हेतु समिति का गठन कर दिया है। इस समिति के अध्यक्ष जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी होंगे। उप बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं नगर शिक्षा अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है। समिति मान्यता सम्बन्धी आवेदन पत्रों की जांच करके विद्यालय का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके बाद विद्यालयों की मान्यता सम्बन्धी आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किया जाएगा। विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों एवं कर्मचारियों को वेतन, महंगाई भत्ते तथा अन्य भत्ते का भुगतान प्रबन्धतंत्र द्वारा अपने स्रोत से किया जाएगा। मान्यता प्राप्त विद्यालय में परिषद द्वारा निर्धारित पाठयक्रम तथा पाठय पुस्तकों का उपयोग किया जाएगा(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,30.7.11)।

डीयूःएसओएल में वीकेंड में भी जमा होंगे फॉर्म

Posted: 30 Jul 2011 08:42 AM PDT

यदि आप दिल्ली विविद्यालय (डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग में दाखिला लेने जा रहे हैं, तो लास्ट डेट की दिक्कत से बचने के लिए वीकेंड का लाभ उठाएं। यहां अंडर ग्रैजुएट कोसरे में 1 अगस्त दाखिले की अंतिम तिथि है, इसलिए छात्रों को असुविधा से बचाने के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग ने शनिवार और रविवार को भी दाखिला प्रक्रिया जारी रखने की घोषणा की है। यानी 30 और 31 जुलाई को भी एडमिशन फार्म जमा होंगे। गौरतलब है कि डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग में दाखिला लेने के लिए बड़ी संख्या में विद्यार्थी पहुंचते हैं। इस कारण एडमिशन फार्म जमा करने की लास्ट डेट के आसपास काफी भीड़ होती है और विद्यार्थियों को असुविधा होती है। विद्यार्थियों की दिक्कतों को कम करने के लिए ही 30 और 31 जुलाई यानी शनिवार और रविवार को भी यहां दाखिला प्रक्रिया जारी रखने का फैसला किया गया है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,30.7.11)।

नागपुरःविद्यार्थियों के रुख ने निकाली कालेजों की हवा

Posted: 30 Jul 2011 01:03 AM PDT

विद्यार्थियों के रुख ने कई कनिष्ठ महाविद्यालयों को बंद होने की कगार पर पहुंचा दिया है। कुछ ऐसे कालेज हैं, जिनके अनुदान पर तलवार लटक गई है। ऐसे भी कालेज हैं, जहां शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है।

यह शामत कक्षा 11वीं में दाखिले को लेकर विद्यार्थियों के रुख के कारण हुआ है। प्रवेश प्रक्रिया के दौरान वाणिज्य और विज्ञान संकाय के लिए कई कालेजों का चयन नहीं किया।

भास्कर के पास मौजूद सूची के मुताबिक वाणिज्य पाठ्यक्रम संचालित करने वाले 25 महाविद्यालयों को एक भी विद्यार्थी ने वरीयता नहीं दी है। होम साइंस पाठच्यक्रम संचालित करने वाले एक महाविद्यालय की भी यही स्थिति है। अन्य पांच कालेजों को 10 से भी कम विद्यार्थियों ने वरीयता दी है।

विज्ञान संकाय के 12 कालेजों को एक भी विद्यार्थी ने वरीयता नहीं दी है। 80 से अधिक महाविद्यालयों को 20 से भी कम विद्यार्थियों ने वरीयता दी है। बुरा हाल कला संकाय संचालित करने वाले महाविद्यालयों की है। रूझान नहीं के बराबर होने के कारण 80 फीसदी सीटें रिक्त हैं।

जिन विद्यार्थियों को उनके पसंद के कालेज में दाखिला नहीं मिला है, वे एलॉट किए गए कालेजों में भी दाखिला नहीं ले रहे हैं। जुगाड़ तकनीक के सहारे वे इच्छित महाविद्यालय में दाखिले के लिए कोशिश कर रहे हैं।

गत 26 जुलाई को कक्षा 11वीं की मेरिट सूची जारी होने के बाद से इन कालेजों के कर्ताधर्ता और शिक्षकों को अब शिक्षा विभाग की ओर से होने वाली संभावित कार्रवाई की चिंता खाए जा रही है। इनकी चिंता 30 जुलाई के बाद और बढ़ जाएगी।


जिन विद्यार्थियों को एलॉटमेंट हुआ है उन्हें 29 जुलाई तक संबंधित कालेज में दाखिला लेना है। प्रवेश प्रक्रिया खत्म होने के बाद शिक्षा विभाग ऐसे कालेजों की सूची तैयार करकार्रवाई की योजना बना रहा है। विभाग के सूत्रों की मानें तो कार्रवाई लगभग तय है। अधिकारी नियमों की अनदेखी कर कालेजों को अभयदान नहीं दे सकते है। 

क्या हैं नियम

कनिष्ठ महाविद्यालयों की मान्यता बचाने के लिए एक कक्षा में कम से कम 30 विद्यार्थी का होना जरूरी है। यदि इससे कम विद्यार्थी हुए तो कालेज के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, जिसके तहत शिक्षा विभाग अनुदानित कनिष्ठ महाविद्यालय को सरकार से मिलने वाला अनुदान कम और बंद दोनों करा सकता है। 

अतिरिक्त शिक्षकों को कहीं और भेजा जा सकता है। यदि कालेज बिना अनुदानित या कायम बिना अनुदानित है, तो उसकी प्रवेश क्षमता को कम किया जा सकता है। कालेज बंद भी करने का अधिकार शिक्षा विभाग के पास है। 

जिन कालेजों को बंद करने का फैसला लिया जाता है, उन महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को दूसरे कालेज में भेजा जाता है। संस्था सेल्फ फाइनेंस होने से यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को विद्यार्थियों के अभाव में नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है(दैनिक भास्कर,नागपुर,30.7.11)।

छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विविःविदेशी व आइएएस भी बन सकेंगे वीसी!

Posted: 30 Jul 2011 12:34 AM PDT

छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विवि के अगले कुलपति क्या विदेशी होंगे? क्या इंजीनियर और आइएएस भी कुलपति पद के दावेदार होंगे? हाल ही में शासन द्वारा तैयार चिकित्सा विवि की पहली और नई परिनियमावली कम से कम यही कहती है। चिविवि शिक्षक संघ के मुताबिक नई परिनियमावली को लेकर शिक्षकों में रोष है। मंगलवार को मामले को लेकर आमसभा की जाएगी। संघ के अध्यक्ष प्रो.एके वैश्य और महासचिव डॉ.संजय खत्री ने शुक्रवार को परिनियमावली पर चर्चा करने के बाद यह फैसला किया है। डॉ.खत्री ने बताया कि नई परिनियमावली के मुताबिक चिविवि का कुलपति कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति हो सकेगा। यह व्यक्ति कोई विदेशी भी हो सकता है। खास बात है कि चिविवि एक्ट इस मामले में परिनियमावली का साथ नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं चिकित्सा विवि का लाइब्रेरियन भी कोई बाहर का व्यक्ति होगा। अब तक यह कार्यभार विवि के किसी वरिष्ठ शिक्षक के पास होता है। दरअसल यहां के पुस्तकालय में सिर्फ मेडिकल संबंधी किताबें रहती हैं, लिहाजा लाइब्रेरियन भी मेडिकल फील्ड के एक्सपर्ट को बनाया जाता रहा है। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा। यही नहीं शिक्षकों की सेवा समाप्ति या निलंबन का अधिकार भी अब कुलपति के हाथों में होगा, अब तक एक्जीक्यूटिव काउंसिल की सहमति के बिना ऐसा संभव नहीं था। इसी क्रम में परिनियमावली में विवि कुलसचिव को कर्मचारियों के निलंबन और सेवा समाप्त करने का अधिकार दिया गया है(दैनिक जागरण,लखनऊ,30.7.11)।

मदरसे तो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आते ही नहीं

Posted: 30 Jul 2011 12:05 AM PDT

मदरसों और दूसरे अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का अधिकार कानून की मुखालफत का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि मदरसे इस कानून के दायरे से ही बाहर हैं। दारुल उलूम, देवबंद के नव नियुक्त मोहतमिम (कुलपति) मुफ्ती अब्दुल कासिम नोमानी की ओर से इस कानून के विरोध के एलान के बाद केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को यहां एक बयान में कहा कि वह तो बीते साल 23 नवंबर को जारी दिशानिर्देश में ही यह स्पष्ट कर चुका है कि संविधान के अनुच्छेद 29 व 30 के तहत मदरसे शिक्षा का अधिकार कानून के दायरे से बाहर हैं। इसका उल्लेख कानून की धारा 35 (1) में किया गया है। मंत्रालय का कहना है कि यह कानून मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा के आड़े नहीं आता। वहां धार्मिक शिक्षा दी जाती है। कानून की धारा-2 (एन) में स्कूल को परिभाषित किया गया है और मदरसे स्कूल की उस परिभाषा में नहीं आते। कानून में सभी सरकारी या सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए स्कूल प्रबंधन समिति बनाना अनिवार्य है। जबकि सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के मामले में यह सिर्फ सलाहकारी होगा(दैनिक जागरण,दिल्ली,30.7.11)।

अमेरिका में एक और विवि निकला फर्जी,2400 भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में

Posted: 30 Jul 2011 12:08 AM PDT

कैलिफोर्निया स्थित ट्राय वैली विश्वविद्यालय (टीवीयू) द्वारा भारतीय छात्रों के साथ धोखाधड़ी के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने एक और विश्र्वविद्यालय पर छापा मारा है। यहां पढ़ने वाले छात्रों में 90 फीसदी भारतीय हैं। गुरुवार को दिन भर चले घटनाक्रम में कई संघीय विभागों के दर्जन भर अधिकारी यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्दर्न वर्जीनिया (यूएनवीए) के अनाडेल परिसर के दफ्तर में छानबीन करते रहे। इनमें इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (आइसीई) और संघीय जांच एजेंसी एफबीआइ के अधिकारी भी थे। वह अपने साथ भारी मात्रा में दस्तावेज और कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव्स ले गए(दैनिक भास्कर,30.7.11)।

दैनिक जागरण की रिपोर्टः
घोटाले के आरोपों में घिरे अमेरिका के नॉदर्न वर्जीनिया विश्वविद्यालय (यूएनवी) में छापेमारी के बाद भारत ने वहां पढ़ रहे छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जताई है। नई दिल्ली ने वाशिंगटन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों का किसी तरह उत्पीड़न न हो। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारतीय छात्रों के पास अमेरिका में पढ़ने के लिए वैध दस्तावेज हैं। इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले 2400 छात्रों में से अधिकतर भारतीय हैं लिहाजा भारत की परेशानी पर चिंता की लकीरें भी स्वाभाविक थी। इस मामले पर अमेरिका के आव्रजन विभाग के साथ लगातार संपर्क में रहे विदेश मंत्रालय का कहना है कि विश्वविद्यालय के छात्रों की सामूहिक बर्खास्तगी नहीं होगी। मंत्रालय प्रवक्ता विष्णु प्रकाश के मुताबिक अमेरिका की ओर से यह बताया गया है कि जांच का फोकस छात्रों पर नहीं, बल्कि नॉर्थ वर्जीनिया विश्वविद्यालय की ओर है। विष्णु प्रकाश ने बताया कि वाशिंगटन में मौजूद भारतीय दूतावास इस संबंध में लगातार अमेरिकी अधिकारियों के साथ संपर्क में है। अमेरिकी अधिकारी छात्रों को सभी जरूरी सूचनाएं मुहैया कराने के साथ अमेरिका के किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान में स्थानांतरित करने या अपने देश लौटने में मदद कर रहे हैं। बीते कुछ महीनों में यह दूसरा मौका है जब अमेरिकी विश्वविद्यालय की साख पर उठे सवालों ने उसमें पढ़ रहे भारतीय छात्रों के भविष्य को संकट में डाला हो। इससे पहले अमेरिका के कैलीफोर्निया स्थित ट्राइवैली विश्वविद्यालय के खिलाफ अमेरिकी आव्रजन विभाग की कार्रवाई के दौरान तो भारतीय छात्रों को रेडियो टैग की शारीरिक यातना से भी गुजरना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय पर अदालती मामले की सुनवाई के दौरान निगरानी के लिए भारतीय छात्रों के पैरों में रेडियो टैग बांध दिए गए थे। ट्राई वैली विश्वविद्यालय में भी पढ़ने वाले अधिकांश छात्र भारतीय थे। इनमें से ज्यादातर आंध्र प्रदेश के थे। यूनिवर्सिटी पर नियमों में ढील देते हुए छात्रों को नियमित पढ़ाई से छूट देने का आरोप भी लगा था। अमेरिकी जांच एजेंसी ने जांच में पाया था कि छात्र यहां रहकर पढ़ाई करने की बजाय दूसरे इलाकों में रहकर कामकाज कर रहे थे। ट्राई वैली यूनिवर्सिटी के बंद होने से तमाम छात्र भारत वापस लौट आए थे। बहुत कम छात्रों को ही दूसरे विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य जारी रखने का मौका मिला था। ट्राई वैली मामले को भारत ने अमेरिका के साथ शीर्ष स्तर पर उठाया था।

नागपुर के नर्सिंग कॉलेज ने घंटे भर में ही भर दिए 50 पद

Posted: 29 Jul 2011 11:59 PM PDT

जो काम पिछले 10 वर्षो में नहीं हुआ, वह महज एक घंटे में हो गया। इस छोटे से समय में 50 से अधिक पदों को भर दिया गया। यह रिकार्ड किसी और ने नहीं शासकीय नर्सिंग कालेज ने बनाया है।

यह पूरी उठापटक किसी भी सूरत में रोकी गई संबद्धता हासिल करने के लिए की गई है। इसी कवायद में और भी मेडिकल कालेजों के संस्था संचालक लगे हुए हैं।

जिन 75 कालेजों को संबद्धता देने से मना किया गया है उनमें सबसे अधिक कालेज विदर्भ के हैं। इनमें अकेले नागपुर स्थित शासकीय मेडिकल साइंस कालेजों की संख्या तीन है।

10 कालेजों ने एक दिन में भरे पद

शासकीय नर्सिग कालेज में कुल पदों के 30 फीसदी ही पद भरे गए थे। कालेज में प्राचार्य, उपप्राचार्य तथा प्रशासनिक अधिकारी समेत ग्रंथपाल आदि के पद रिक्त हैं। इन पदों को राज्य सरकार की मार्फत शीघ्र ही स्थायी रूप से भरने का आश्वासन दिया गया है। ऐसे 10 कालेज हैं, जिन्होंने एक ही दिन में पदों को भर दिया है।

बनाया गया था राजनीतिक दबाव


रिक्त पदों को भरने तथा कालेज संचालन करने के लिए मापदंडों को पूरा करने की कवायद अचानक शुरू होने के पीछे मुख्य कारण है कि सभी कालेजों को शैक्षणिक सत्र 2011-12 में संबद्धता देने से महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय नाशिक ने मना कर दिया है। 
हालांकि विवि की विद्वत परिषद की बैठक में यह फैसला गत 30 मई और उसके बाद 7 जून को ले लिया गया था, किंतु राजनीतिक दबाव के कारण फैसला तत्काल प्रभाव से लागू नहीं हो पाया।

समिति की रिपोर्ट के बाद होगा फैसला

सूत्रों की मानें तो राज्यपाल व विवि के कुलाधिपति के. शंकरनारायण के समर्थन के कारण राज्य सरकार ने दखलंदाजी करने से मना कर दिया था। गुरुवार को कालेजों की सूची जारी होने के बाद शुक्रवार को सबसे पहले शासकीय नर्सिंग कालेज नागपुर ने पदों को भरा। 

साथ ही इसकी सूचना विवि प्रशासन को भेजकर संबद्धता प्रदान करने के लिए कहा। विवि ने तुरंत रोक हटाने से मना कर दिया है। कालेज प्रशासन को कहा गया है कि विवि की एक जांच समिति कालेज का दौरा करेगी, फिर समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही फैसला लिया जाएगा(दैनिक भास्कर,नागपुर,30.7.11)।

हरियाणा की नर्सिंग पॉलिसी शीघ्र

Posted: 29 Jul 2011 11:57 PM PDT

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने आज कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में नर्सिंग स्कूलों की स्थापना एवं संचालन को सुव्यवस्थित बनाने के लिए जल्द ही एक 'नर्सिंग पॉलिसी' लेकर आ रही है। उन्होंने कहा कि पॉलिसी प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र की नर्सिंग स्टॉफ की जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगी तथा इससे नर्सिंग प्रशिक्षण में भी गुणवत्ता आएगा।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने तथा प्रदेश में चिकित्सक तथा पैरा-मेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नए चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे है तथा इस क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी सहभागिता पद्धति के अंतर्गत भी संभावनाओं को तलाशा जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में खोले जा रहे नए चिकित्सा महाविद्यालय का कार्य प्रक्रियाधीन है, जिनमें एक चिकित्सा महाविद्यालय करनाल में कल्पना चावला के नाम से बनाया जा रहा है। एक महिला चिकित्सा महाविद्यालय खानपुर कलां (सोनीपत) में 298 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन है जबकि नल्हड़ जिला मेवात में भी 389 करोड़ रुपये की लागत से एक अन्य चिकित्सा महाविद्यालय बनाया जा रहा है।

राव ने कहा कि इस महाविद्यालय को संचालित करने के लिए संकाय सदस्यों के 96 तथा अन्य श्रेणी के 203 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इन नए महाविद्यालयों के शुरू होने के बाद प्रदेश में न केवल चिकित्सकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा बल्कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे।
उन्होंने बताया कि पीजीआई, रोहतक में एमबीबीएस की सीटों को बढ़ाकर 200 किया गया है तथा स्नातकोत्तर सीटों की संख्या 43 से बढ़ाकर 143 की गई है। इसके अलावा, झज्जर के बाढ़सा में अखिल भारतीय आयु विज्ञान संस्थान स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पैरा-मेडिकल एजुकेशन की गुणवत्ता में सुधार के लिए पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के तत्वावधान में डायरेक्टोरेट ऑफ पैरा-मेडिकल एजुकेशन तथा खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग की स्थापना की गई है। नरेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए गंभीर है। राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के स्वीकृत 2206 पदों में से 2033 पदों को भरा जा चुका है तथा एसएमओ के 450 स्वीकृत पदों में से 412 पदों पर भर्ती की जा चुकी है। इस प्रकार, चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास जारी है(दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़,30.7.11)।

छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विविःछात्रों के मन मुताबिक बनेगी परीक्षा समिति

Posted: 29 Jul 2011 11:34 PM PDT

ऐसे शिक्षक जिनके खिलाफ एफआइआर हो चुकी है या मुकदमा चल रहा है या न्यायालय की ओर से जुर्माना हो चुका है, उन्हें परीक्षा समिति से हटाया जाए। छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विवि के कुलपति प्रो.डीके गुप्ता ने शुक्रवार को अनुसूचित जाति के शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों के साथ बैठक की तो कुछ शिक्षकों ने यह मुद्दा उठाया। यहां मौजूद छात्रों ने भी परीक्षा समिति पर सवाल उठाए। इस पर कुलपति ने उनको आश्र्वासन दिया कि छात्रों की मर्जी के मुताबिक परीक्षा समिति बनाई जाएगी। बीती 26 जुलाई को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया अनुसूचित जाति के छात्रों का मुद्दा लेकर चिकित्सा विवि आए थे। इसके दो दिन बाद कुलपति ने बैठक बुलाई तो एक शिक्षक ने यह भी कहा कि विवि में परीक्षा व्यवस्था तब तक ठीक नहीं हो सकती जब तक परीक्षा समिति में बदलाव नहीं होता। आरोप था कि समिति में कई दागी शिक्षक भी शामिल हैं और इसमें अनुसूचित जाति का कोई शिक्षक शामिल नहीं है। लगभग दो घंटे चली बैठक में शिक्षकों ने टाइम बाउंड प्रमोशन की मांग भी की तो कर्मचारियों ने पटल परिवर्तन की व्यवस्था शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि तमाम कर्मचारी ऐसे पदों पर काम कर रहे हैं जिन पर उनकी नियुक्ति नहीं की गई है। यहां छात्रों और शिक्षकों ने लिखित शिकायतें भी दीं। कुछ शिक्षकों ने विवि से संबंधित अपनी व्यक्तिगत समस्याएं रखनी शुरू कीं तो कुलपति ने उनको यह कह कर मना कर दिया कि फिलहाल कॉमन समस्याओं पर ही चर्चा की जाएगी(दैनिक जागरण,लखनऊ,30.7.11)।

दादरी का मिहिर भोज बालिका डिग्री कॉलेजःएडमिशन आज से,पहली कट ऑफ देख उतरे जनरल स्टूडेंट्स के चेहरे

Posted: 29 Jul 2011 11:30 PM PDT

दादरी के मिहिर भोज बालिका डिग्री कॉलेज में गुरुवार को बीए की पहली कटऑफ लिस्ट जारी कर दी गई। लिस्ट में 280 स्टूडेंट्स को शामिल किया गया है। इस कट ऑफ से जहां एससी और एसटी कैटिगरी स्टूडेंट्स की बल्ले-बल्ले हुई, वहीं जनरल कैटिगरी स्टूडेंट्स का मूड ऑफ हो गया। जनरल स्टूडेंट्स को एडमिशन के कम चांस दिखाई दे रहे हैं। यदि सीटें नहीं बढ़ती हैं, तो एडमिशन की रेस में कई छात्राएं पीछे छूट जाएंगी।

कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. शैलजा नागर ने बताया कि 240 सीटों के लिए पहली कट ऑफ लिस्ट जारी हुई है। इसमें जनरल के लिए 146, ओबीसी के लिए 87 और एससी व एसटी के लए 7 सीटें हैं।


इस बार बीए के लिए जनरल कैटिगरी की कट ऑफ 79.8-62.4 पर्सेंट रही है। ओबीसी के लिए 64.4-60 पर्सेंट व एससी-एसटी के लिए कट ऑफ 64-38 पर्सेंट है। बता दें कि पिछली बार बीए की जनरल कैटिगरी के लिए कटऑफ 77.60-64.20 पर्सेंट, ओबीसी के लिए 64.20-61.60 प्रतिशत और एससी-एसटी के लिए 64.20-52.00 पर्सेंट तक रही थी। 
डॉ. शैलजा नागर ने बताया कि दूसरी कट ऑफ में जनरल कैटिगरी के स्टूडेंट्स को दिक्कतें हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि कॉलेज में बीए की 340 सीटांे के लिए 556 फॉर्म जमा हो चुके हैं। कॉलेज में 30 जुलाई तक फॉर्म जमा किए जाएंगे। यदि पहली कट ऑफ लिस्ट के दायरे में कोई फॉर्म जमा कराता है, तो उसे दूसरी कट ऑफ में मौका दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2 अगस्त तक 100 सीटों के लिए दूसरी कटऑफ लिस्ट जारी की जाएगी। 

एडमिशन आज से शुरू 

पहली कटऑफ लिस्ट में शामिल किए गए स्टूडेंट्स के एडमिशन आज से शुरू हो जाएंगे। एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को कैरेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र समेत एजुकेशन के ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स साथ लाना जरूरी है। यदि कोई पूरे डॉक्यूमेंट्स नहीं लाता है, तो उसे एडमिशन नहीं दिया जाएगा(नवभारत टाइम्स,ग्रेटन नोएडा,29.7.11)।

छत्तीसगढ़ःदंतेवाड़ा में 29 साल से बिना गुरुजी हो रही है पढ़ाई

Posted: 29 Jul 2011 11:27 PM PDT

दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित सबसे पुराने शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल में बीते 29 साल से कृषि संकाय की पढ़ाई बिना शिक्षकों के हो रही है। 1982 से शुरू इस संकाय को एक भी शिक्षक नहीं मिला। वजह शिक्षकों का सेटअप मंजूर ही नहीं है। इस स्कूल में हर साल औसतन 75 विद्यार्थी दाखिला लेते हैं। इस साल भी 11 वीं कक्षा में 60 व 12 वीं में 90 छात्रों ने कृषि संकाय में नाम लिखाया है।

फाइल में कैद कॉमर्स :

कॉमर्स संकाय अघोषित तौर पर बंद हो चुका है। ट्राइबल द्वारा संचालित स्कूल में संकाय शुरू तो हुआ, लेकिन विभाग ने दो पद मंजूर होने के बावजूद एक भी शिक्षक नहीं दिया।

नतीजतन दो बैच की पढ़ाई के बाद विद्यार्थियों ने इस संकाय में पढ़ाई करने से तौबा कर ली है। स्कूल में हायर सेकंडरी स्तर पर बायोलॉजी के 2, केमेस्ट्री, फिजिक्स, भूगोल व इतिहास के 1-1 पद रिक्त हैं।

अंग्रेजी विषय की पढ़ाई के लिए एक भी व्याख्याता या शिक्षाकर्मी वर्ग-1 पदस्थ नहीं है। ट्राइबल वि



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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