THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Monday, July 30, 2012

साम्प्रदायिक सद्भाव में वेब : साधक या बाधक

साम्प्रदायिक सद्भाव में वेब : साधक या बाधक


http://beyondheadlines.in/2012/07/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%B8%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82/


आशीष महर्षि

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर कई बार मेरे मुंहबोले मित्र मुझे यह साबित करने को कहते हैं कि आशीष भाई आप कैसे हिंदू हो, जो हिंदूओं का विरोध करते हो. इसका मैं सिर्फ यही जवाब देता हूं कि भाई साहब मैं हिंदू हूं और उतना ही जितना की आप. मुझे फेसबुक पर खुद को हिंदू साबित करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है.

इसके बाद तकनीक के ज़रिए विचारों की मुठभेड़ शुरू होती है. ताक़त कभी भी अच्‍छी या बुरी नहीं होती है. वह सिर्फ ताक़त होती है. यही बात तकनीक के साथ भी लागू होती है. वेब के माध्‍यम से आप चाहें तो साम्प्रदायिक सद्भाव बना सकते हैं या फिर बिगाड़ सकते हैं. वेब के माध्‍यम से आप किसी के अंदर का हिंदू या मुसलमान जगा सकते हैं या फिर उसे एक बेहतर इंसान बनने की प्रक्रिया में डाल सकते हैं. यह सब वेब का यूज करने वाले यूजर्स पर निर्भर करता है.


पिछले कुछ वक्‍त से जिस तरह से वेब खासतौर से फेसबुक पर साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास दोनों धर्मों के लोगों के द्वारा किया जा रहा है, वह काफी ख़तरनाक है. आप एक विवादित तस्‍वीर डालकर देश का साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ सकते हैं. बरसों से गंगा जमुना तहजीब वाले मुल्‍क को साम्प्रदायिका की आग में धकेल सकते हैं. फेसबुक पर भी यही हो रहा है इनदिनों.

खुद को सच्‍चा हिंदू कहने वाले कट्टर टाइप के लोग इस्‍लाम और मुसलमान के खिलाफ़ आग उगल रहे हैं तो दूसरी ओर खुद को इस्‍लाम का पैरोकार मानने वाले कट्टर मुसलमान हिंदूओं को जेहादी बता कर सबक सिखाने की बात कर रहे हैं. जंग दोनों ओर से जारी है.

ताज़ा मामला शिवलिंग के अपमान का  है. फेसबुक पर एक युवक ने शिवलिंग पर पैर खिंचवा कर एक तस्‍वीर डाली तो पूरी दुनिया में इसका विरोध हो रहा है. मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में तो हिंदू समाज के कुछ लोग इस आपत्तिजनक तस्‍वीर की शिकायत लेकर थाने में भी पहुंच गए, जबकि मुंबई में शिवसैनिकों ने इस युवक का घर जला डाला. लक्ष्‍मण नाम का यह शख्‍स मुंबई का ही रहने वाला है. मुंबई निवासी लक्ष्मण जानसन नामक युवक द्वारा फेसबुक पर एक फोटो अपलोड की गई. सुबह जैसे ही यूजर्स को यह बात पता चली तो एक के बाद एक लोगों ने अपने कमेंट्स डालना शुरू कर दिए. मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में बवाल मच गया. हिंदू समाज के सैकड़ों सदस्यों ने सिटी कोतवाली में फोटो अपलोड करनेवाले युवक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा. दूसरी ओर, दुनियाभर में फैले फेसबुक के यूजर्स इस तस्‍वीर को देखकर नाराज हैं.

लगातार इस तस्‍वीर को शेयर और कमेंट किया जा रहा है. इसी तरह, देश में कहीं भी दंगे या फिर साम्प्रदायिक हिंसा होती है तो दोनों समुदाय के लोगों के द्वारा इनकी तस्‍वीरें वेब पर फैला दी जाती है. इससे साम्प्रदायिक सद्भाव बनने के बजाय बिगड़ने लगता है. यह कई बार हो चुका है. चूंकि यह देश हिंदू बहुल्‍य देश है तो वेब पर ज़हर उगलने वाले भी अधिकांश हिंदू ही है. आप यदि इनका विरोध करते हैं तो वह लोग आपको पाकिस्‍तान भेजने की सलाह तो देते ही हैं, साथ में आपके नाम के आगे मुल्‍ला लगाने से नहीं चूंकते हैं. चूंकि ऐसे लोग काफी संगठित ढंग से काम करते हैं तो इनकी संख्‍या अधिकांश लगती है.

लेकिन कोई चाहे तो वेब को सकारात्‍मक लक्ष्‍य के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका सबसे बेहतर उदाहरण है गुजरात के नरेंद्र मोदी की आईटी टीम… भाजपा भले ही खुलकर वर्ष 2014 के अपना प्रधानमंत्री का उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी को घोषित करने से बच रही हो, लेकिन मोदी और उनकी गैंग्‍स इस काम में जुट चुकी है. हाल में ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कई क्षेत्रों से चुनिंदा ब्लॉगर्स एवं फ़ेसबुकर्स की एक बैठक आयोजित की. इसमें सभी मोदी के समर्थक ब्‍लॉगर ही थे. नरेंद्र मोदी की ओर से बैठक का वक्‍त तो एक घंटे निर्धारित किया गया था लेकिन मोदी ऐसे रमे कि ढाई घण्टे तक भविष्‍य के लक्ष्‍य को दे दिया. बैठक में आए लोग भी गदगद थे. इस बैठक में हिस्‍से लेकर लौटे एक ब्‍लॉगर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इंटरनेट पर मौजूद "हिन्दुत्व आर्मी" वर्ष 2014 के लिए मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए एकजुट हैं. यह आर्मी भाजपा नेताओं पर भी दबाव बनाएगी. इसके अलावा तीसरे मोर्चे के भानुमति के कुनबे की औकात भी सामने लाई जाएगी.

मोदी को जानने वाले यह अच्‍छी तरह जानते हैं कि दिसंबर में होने वाली विधानसभा चुनाव उनके लिए करो या मरो की स्थिति लेकर आया है. यदि मोदी इस चुनाव में भारी बहुमत के साथ जीतते हैं तो उनका गांधीनगर से दिल्‍ली का रास्‍ता एकदम साफ हो जाएगा. ऐसे में मोदी जीत के लिए हर चाल चल रहे हैं. इसमें गांव-गांव जाकर लोगों से मिलने से लेकर साईबर वर्ल्‍ड में भी अपने लिए स्‍पेस बनाने तक शामिल है.

इन सबके बावजूद निराश होने की आवश्‍यकता नहीं है. क्‍योंकि बरसों पहले किसी ने कहा था कि खून तो खून है, गिरेगा तो जम जाएगा. जुर्म तो जुर्म है, बढ़ेगा तो मिट जाएगा. वेब की दुनिया में भी कुछ ऐसा ही है. वेब को नफ़रत की दुनिया बना चुके लोगों के अलावा भी कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो एक अलग जहां के लिए लड़ रहे हैं… लगे हैं… कोशिश कर रहे हैं… बस इस उम्‍मीद के साथ कि एक न एक दिन दुनिया में नफ़रत नहीं, सिर्फ प्‍यार ही प्‍यार होगा. मोहब्‍बत और नफरत की इस जंग में जीत मोहब्‍बत की ही होगी. लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.

(लेखक दैनिक भास्‍कर डॉट कॉम, दिल्‍ली से जुडे़ हुए हैं.)

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