THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Wednesday, March 28, 2012

जिंदगी...मौत से दो दिन तक जूझने के बाद तिब्बती कार्यकर्ता की मौत

जिंदगी...मौत से दो दिन तक जूझने के बाद तिब्बती कार्यकर्ता की मौत

Wednesday, 28 March 2012 18:46

नयी दिल्ली, 28 मार्च (एजेंसी) चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ की भारत यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान खुद को आग के हवाले करने वाले एक युवा तिब्बती कार्यकर्ता की आज सुबह यहां के एक अस्पताल में मौत हो गयी। 
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 'बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी' विभाग के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. एलके मखीजा ने बताया, ''युवक की सुबह साढ़े सात बजे मृत्यु हो गई। वह 98 प्रतिशत झुलस गया था।''  
डॉ मखीजा की देखरेख में उसका इलाज चल रहा था। 
जम्फेल येशी :26: ने सोमवार को जंतर मंतर पर खुद को आग लगा ली थी। वहां  उस समय तिब्बती हू जिंताओ की यात्रा का विरोध कर रहे थे।
तिब्बत की आजादी की मांग को लेकर आत्मदाह करने वाला वह 31 वां तिब्बती है। 

पुलिस ने आरएमएल अस्पताल के द्वार पर और अस्पताल परिसर के अंदर सुरक्षा बढ़ा दी है। 
अस्पताल में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया, ''वे कहीं भी प्रदर्शन शुरू कर सकते हैं, इसलिए हमें अस्पताल और उसके इर्दगिर्द सतर्क रहने को कहा गया है।'' खबर लिखे जाने तक येशी का शव अस्पताल में ही था।
अस्पताल के बाहर येशी के शव को लेने आये एक तिब्बती ने कहा, ''हमारे कई साथी तिब्बती जंतर मंतर पर येशी के लिए दुआ करने को लेकर एकत्र हुए थे लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मैं वहां से भाग गया और यहां आ गया।''
येशी 2006 में भारत आया था। वह पिछले दो साल से यहां मजनू का टीला के पुराने शिविर में रह रहा था। वह अपने पांच भाई बहन में सबसे छोटा था।


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