Sunday, 01 April 2012 11:35 |
सुरेंद्र सिंघल जमीयत के इन दोनों धड़ों के बीच का तनाव और विवाद अगर जारी रहता है तो दारुल उलूम पर भी इसका असर पड़े बिना नहीं रहेगा। इन हालात से यह भी साफ हो गया कि लोकप्रिय और प्रगतिशील गुजराती मौलाना गुलाम मौहम्मद वस्तानवी को भी एक साजिश के तहत दारुल उलूम के मोहतमिम पद से हटाने का काम किया गया था। अब मौलाना वस्तानवी पक्ष के मजलिसे शूरा के सदस्य मौलाना बदरुद्दीन अजमल भी उन्हें शूरा से हटाने की साजिश की बू इस पूरे विवाद में महसूस कर रहे हैं। लेकिन उनका दावा है कि इस बार उनके विरोधियों की चालें अल्लाह कतई सफल नहीं होने देगा। |
Sunday, April 1, 2012
जमीयत के दोनों धड़ों में फिर खिंची तलवारें
http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/1-2009-08-27-03-35-27/15436-2012-04-01-06-06-18
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