THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Wednesday, May 1, 2013

पहाड़ में और नीचे गिरी कांग्रेस

पहाड़ में और नीचे गिरी कांग्रेस

उत्तराखंड नगर निगम चुनाव में भी लगा धूल

उत्तराखण्ड निकाय चुनाव 2013 कांग्रेस के लिए बुरे साबित हुये.खबर लिखे जाने तक नगर निगम की हर सीट पर कांग्रेस पिछड़ गयी थी.इसके साथ ही नगर पंचायत व नगर पालिका के रिजल्ट की शुरूआत में भी कांग्रेस पिछड़ती जा नजर आ रही है.

नरेन्द्र देव सिंह

हल्द्वानी व हरिद्वार नगर निगम सीट भाजपा जीत चुकी है.इसके अलावा रूड़की नगर निगम सीट निर्दलीय उम्मीदवार यशपाल राणा के हाथ में आ गयी है.कांग्रेस उम्मीदवार हल्द्वानी व रूड़की में तीसरे नम्बर पर रहे.कांग्रेस की दुर्गति यही नहीं रुकी.उत्तराखण्ड में कांग्रेस के परम्परागत वोट मुस्लिम मतदाताओं ने पूरी तरह से कांग्रेस को नकार दिया.अगर कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में कामयाब हो जाती है तो नगर निगम की छह सीटें जो मैदानी क्षेत्रों में वहां पर उसकी दुर्गति नहीं होती.

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निकाय चुनाव के दौरान मीडिया में इस तरह की खबरें आयीं कि सरकारी मशीनरी का सत्ता पक्ष की तरफ से जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है.यह देखने में भी आया.हल्द्वानी में तो एक कैबिनेट मंत्री के द्वारा लोगों को डराने-धमकाने तक की खबरें आयीं.लेकिन जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह से नकार दिया क्योंकि जनता ही निर्णायक भूमिका निभाती है.

मुख्यमंत्री बहुगुणा के लिए अब संकट की स्थिति बन गयी है.निकाय चुनाव उनके लिए मोहलत थी क्योंकि टिहरी लोकसभा का उपचुनाव हारने के बाद उनकी साख कांग्रेस आलाकमान के सामने कमजोर हो रही थी.अब कांग्रेस आलाकमान की तरफ से उनको यह संदेश था कि अगर मुख्यमंत्री पद पर बने रहना है तो निकाय चुनाव हर हाल में जीतने हांेगे.शायद बहुगुणा को भी इस बात का अनुमान था इसलिए वह इस बात की जुगत में थे कि किसी भी तरह निकाय चुनाव टल जाये लेकिन बाद में हाईकोर्ट के फैसले के बाद बहुगुणा के मंसूबे धरे रह गये.अब हो सकता है कि कांग्रेस आलाकमान की तरफ से बहुगुणा के लिए कोई बुरी खबर आ जाये.

कांग्रेस संगठन भी पूरी तरह से इस निकाय चुनाव में नकारा साबित हुआ.कांग्रेस के नेता शूरवीर सिंह सजवाण ने तो यशपाल आर्य पर यह आरोप भी लगाया था कि वह संगठन ठीक तरह से नहीं चला रहे हैं.पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश प्रभारी चौधरी विरन्द्र ने भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य पर टिहरी उपचुनाव का ठीकरा फोड़ा था.सतपाल महाराज जो कि प्रदेश अध्यक्ष बनने की चाह रख रहे हैं वह शायद अब एक बार फिर से अपना बायोडाटा तैयार कर लेंगे.

कांग्रेस की इस हार का बहुत बड़ा कारण कांग्रेस क्षत्रपों की आपसी गुटबाजी भी रही.कांग्रेस के बड़े नेता केवल अपने लोगों को जीताने में दिलचस्पी ले रहे थे.सुनने मे तो यह भी आया कि दूसरों के पसंदीदा उम्मीदवारों को हराने की कोशिश भी की जा रही थी.कांग्रेस एक होकर नहीं लड़ी जिसका नतीजा भी सामने आ गया.

भाजपा के लिए निकाय चुनाव अंधे के हाथ बटेर लगने जैसा रहा.भाजपा विपक्ष के रुप में पूरी तरह से नकारा साबित हुई है.विपक्ष की भूमिका हरीश खेमे ने निभायी है.शायद भाजपा को इसका फायदा भी मिला है.भाजपा में भी गुटबाजी रही लेकिन भाजपा में कांग्रेस के मुकाबले कम गुटबाजी देखने को मिली.कुल मिलाकर निकाय चुनाव 2013 पूरी तरह से सत्ता विरोधी साबित हुये हैं जिसमें कांग्रेस संगठन की भी बड़ी भूमिका है.

narendra-dev-singhनरेन्द्र देव सिंह राजनीतिक संवाददाता हैं.

http://www.janjwar.com/2011-05-27-09-00-20/25-politics/3960-nagar-nigam-election-result-uttrakhand

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