THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Friday, January 29, 2016

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कल मंजूर हुए देश भर के स्मार्ट सिटी प्रस्तावों के पहले चरण में उत्तराखंड के देहरादून का नाम न होने को भाजपा या केंद्र सरकार की राजनीतिक चाल मानने से इंकार करते हुए कहा है कि उन्हे इस बारे में प्रारंभिक रूप से सामने आया कारण ही सही लगता है कि इस चरण में ग्रीन फील्ड प्रपोजलों में से किसी को भी स्थान नही मिला है । इसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी समेत उत्तर भारत के अधिकांश प्रस्ताव ही नही, भाजपा के नजदीकी राजनीतिक सहयोगी आंध्र प्रदेश की नई राजधानी का प्रस्ताव भी रह गया है । उनके अनुसार उन्हे शुरूआत में सामने आई बातें सही लगती है कि ग्रीन फील्ड प्रपोजलों के मूल्यांकन को केंद्र की विशेषज्ञ समिति को बहुत समय चाहिये था जिससे इस प्रकल्प में बहुत देर हो जाती । इसलिये केंद्र ने पहले ज्यादा पेचीदगी से दूर सरल प्रस्ताव ले लिये हैं ।

स्मार्ट सिटी पर मुख्यमंत्री ने सुधारा सुरेंद्र का बयान
देहरादून 29 जनवरी । मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कल मंजूर हुए देश भर के स्मार्ट सिटी प्रस्तावों के पहले चरण में उत्तराखंड के देहरादून का नाम न होने को भाजपा या केंद्र सरकार की राजनीतिक चाल मानने से इंकार करते हुए कहा है कि उन्हे इस बारे में प्रारंभिक रूप से सामने आया कारण ही सही लगता है कि इस चरण में ग्रीन फील्ड प्रपोजलों में से किसी को भी स्थान नही मिला है । इसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी समेत उत्त
र भारत के अधिकांश प्रस्ताव ही नही, भाजपा के नजदीकी राजनीतिक सहयोगी आंध्र प्रदेश की नई राजधानी का प्रस्ताव भी रह गया है । उनके अनुसार उन्हे शुरूआत में सामने आई बातें सही लगती है कि ग्रीन फील्ड प्रपोजलों के मूल्यांकन को केंद्र की विशेषज्ञ समिति को बहुत समय चाहिये था जिससे इस प्रकल्प में बहुत देर हो जाती । इसलिये केंद्र ने पहले ज्यादा पेचीदगी से दूर सरल प्रस्ताव ले लिये हैं ।
आज यहां बीजापुर अतिविशिष्ट अतिथिगृह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार के बयान को 'होली' के रंग बता सुधारते हुए यह स्पष्टीकरण दिया और बताया कि देहरादून के लिये स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में रैट्रोफीटिंग और रिडवलपमेंट के विकल्प को न चुनने के उचित कारण थे जिनमें से रैट्रोफीटिंग में हमें कोई लाभ नही था क्योकि देहरादून में पेयजल,सीवर तथा जल निकास पर बहुत काम हो चुका है । जबकि रिडवलपमेंट में शर्त थी कि वर्तमान को पूरी तरह तोड कर नये सिरे से निर्माण किया जाये जो संभव नही था । इसमें नगर निगम की अनुमति ही मिलनी मुश्किल थी और वे नगर निगम को किसी परीक्षा में नही डालना चाहते थे । वहां से वर्तमान प्रस्ताव में ही जितना सहयोग मिला,वह बहुत सकारात्मक था । अब कोई बताये कि घने बसे देहरादून के किसी क्षेत्र को तोड कर नये सिरे से विकास कार्य व्यवहारिक था ? उन्होने आशा व्यक्त की कि अगले चरण में स्वीकृत होने वाले 23 शहरों में देहरादून का प्रस्ताव स्वीकार कराने का प्रयास किया जायेगा । उन्होने यह भी कहा कि दून के प्रस्ताव में जितने हरित क्षेत्र की क्षति होगी,उससे दोगुणा वृक्षारोपण सुनिश्चित किया जायेगा और मिलने वाली धनराशि का 50 प्रतिशत देहरादून और शेष प्रदेश के अन्य शहरों के विकास पर खर्च होगा ।

वार्ता में सुरेंद्र कुमार व राजीव जैन भी थे ।
Ravindra Nath Kaushik's photo.

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