THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Wednesday, February 29, 2012

शहला मामला: 3 लाख रूपये की मिली थी सुपारी

शहला मामला: 3 लाख रूपये की मिली थी सुपारी

Wednesday, 29 February 2012 14:29

कानपुर, 29 फरवरी (एजेंसी) मसूद की हत्या के मामले में कानपुर से एसटीएफ ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी इरफान ने पूछताछ में माना कि इस हत्याकांड में तीन लोग शामिल थे और खुद उसे शहला को मारने के लिए तीन लाख रूपये में सुपारी मिली थी। इरफान ने बताया कि शहला को मारने की सुपारी उसे शानू के जरिये मिली थी। मामले में कथित तौर पर शामिल तीन लोगों में से मुख्य अभियुक्त शानू ओलंगा कानपुर का एक कुख्यात शूटर था जिसकी नवंबर 2011 में हत्या कर दी गयी।
पुलिस आज इरफान को अदालत में पेश कर रही है। उसे हिरासत में लेने के लिये भोपाल से सीबीआई का एक दल शहर आ रहा है। इरफान को कल रात बेकनगंज से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से एक देशी पिस्तौल तथा कारतूस मिले हैं।
इरफान पर हत्या के प्रयास से लेकर विभिन्न आरोपों में आधा दर्जन से अधिक मामले शहर के बेकनगंज पुलिस थाने में दर्ज हैं। 
अनवरगंज इलाके के सर्किल आफिसर के क्षेत्र में बेकनगंज आता है। यहां के पुलिस उपाधीक्षक समीर सौरभ के अनुसार, इरफान ने पूछताछ में बताया कि उसके साथ इस हत्याकांड में शहर के ही दो व्यक्ति शानू ओलंगा और सलीम शामिल थे। 
सौरभ ने आज यहां बताया कि इरफान के मुताबिक, इस हत्याकांड की सुपारी शानू ओलंगा को भोपाल में किसी ने दी थी तथा इरफान और सलीम शानूू के कहने पर 10 अगस्त को भोपाल गए। इस काम के लिये उसे तीन लाख रूपये दिये जाने की बात कही थी लेकिन उसे केवल दो लाख रूपये ही दिये गये और कहा गया कि बाकी रकम बाद में मिलेगी। 

पुलिस सूूत्रों ने बताया कि शानूू ओलंगा, इरफान और सलीम 10 अगस्त 2011 को भोपाल गए और 16 अगस्त को इन लोगों ने शहला मसूद की कथित तौर पर हत्या कर दी तथा कानपुर लौट आए।
इरफान ने पुलिस को यह भी बताया कि जिस महिला :शहला मसूद: को मारा गया था उसके बारे में उसे शानू ने बताया गया था कि वह एक अच्छी महिला नहीं थी तथा वह सही काम नहीं करती थी। इरफान के अनुसार, उसने हत्या की सुपारी लेने के बाद अपने पांव पीछे खींच लिए थे लेकिन फिर शानू ओलंगा के समझाने के बाद वह मान गया था। इरफान का यह भी कहना है कि शहला को गोली उसने नहीं बल्कि शानूू ओलंगा ने मारी थी और वह तो केवल उन लोगों के साथ था। 
उधर नवंबर के अंतिम सप्ताह में कानपुर के कुख्यात बदमाश शानू ओलंगा की कचहरी के सामने मोटरसाईकिल सवार दो युवकों ने दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी थी। उसकी हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार दो शातिर बदमाशों के नाम रईस बनारसी और गुड्डू थे और पुलिस का दावा था कि रईस बनारसी ने शानू ओलंगा से पुरानी रंजिश के चलते उसकी हत्या की।
पुलिस के अनुसार, इरफान और ओलंगा के तीसरे साथी सलीम के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस मामले में विस्तृत पूछताछ लखनउच्च् से आए उप्र एसटीएफ और सीबीआई के दल करेंगे। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक भोपाल से सीबीआई का दल कानपुर नहीं पहुंचा था।

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