THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Wednesday, July 31, 2013

कल की कैबिनेट बैठक में तेलंगाना पर चर्चा की उम्मीद नहीं


कल की कैबिनेट बैठक में तेलंगाना पर चर्चा की उम्मीद नहीं

Wednesday, 31 July 2013 18:00

नयी दिल्ली। तेलंगाना मुद्दे पर कल केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होने की संभावना नहीं है। 
गृह मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कल होने वाली कैबिनेट बैठक के लिए अभी :तेलंगाना पर: कोई नोट नहीं तैयार किया गया है ।
कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा तेलंगाना के रूप में 29वें राज्य के गठन की सिफारिश केन््रद सरकार से करने के कल :मंगलवार: के फैसले के बाद अटकलों का बाजार गर्म था कि कैबिनेट की आगामी बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा ।
कहा जाता है कि कैबिनेट को पहले मंत्रीसमूह के गठन के जरिए तेलंगाना के गठन की प्रक्रिया की शुरूआत करनी है । मंत्रीसमूह नये राज्य के गठन से जुडे आर्थिक मुद्दों को देखेगा ।
अधिकारी ने कहा कि इतने दूरगामी परिणाम वाले मुद्दे पर कैबिनेट नोट तैयार करने की प्रक्रिया में समय लगता है और इसके लिए व्यापक सलाह मशविरे की आवश्यकता है । इसे जल्दबाजी में नहीं किया जा सकता ।
अधिकारी ने बताया कि सरकार के शीर्ष पदाधिकारियों की ओर से संकेत हैं कि केन््रद इस मुद्दे पर कैबिनेट में विचार से पहले आंध्र प्रदेश विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का इंतजार कर सकता है ।
नये तेलंगाना राज्य के गठन में वैसे छह महीने का समय लगेगा क्योंकि संसद द्वारा साधारण बहुमत से राज्य पुनर्गठन विधेयक को पारित करने सहित विभिन्न कदम उठाने की आवश्यकता होगी ।
केन््रदीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रीसमूह के गठन के प्रस्ताव को सिद्धांतत: मंजूरी दी जाएगी । मंत्रीसमूह में गृह, वित्त, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य, सिंचाई, बिजली, पर्यावरण एवं वन, रेलवे मंत्री तथा योजना आयोग के उपाध्यक्ष शामिल होंगे । यह मंत्रीसमूह नये राज्य का गठन होने पर उत्पन्न विभिन्न आर्थिक मुद्दों पर विचार करेगा ।
गृह मंत्रालय राज्य सरकार से मिले प्रस्ताव के आधार पर तेलंगाना के गठन के लिए केन््रदीय मंत्रिमंडल को एक नोट सौंपेगा । इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम 40 दिन का समय लगेगा ।

वित्त मंत्रालय भी एक विशेषज्ञ समिति का गठन करेगा, जो पुनर्गठित राज्य के लिए वित्तीय प्रबंधन एवं व्यवहारिकता को लेकर सुचारू प्रक्रिया एवं उपाय सुझाएगा ।
नये तेलंगाना राज्य का गठन होने के बाद आंध्र प्रदेश में नियामक आर्थिक पहलुओं के मद्देनजर योजना आयोग में एक समर्पित इकाई का गठन किया जाएगा जो विशेष तौर पर पुनर्गठित राज्य के मसले देखेगी और इसकी कमान सीधे योजना आयोग के उपाध्यक्ष के पास होगी ।
यह इकाई सुनिश्चित करेगी कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन और केन््रद से पर्याप्त धन हस्तांतरण की मदद से क्षेत्र का बहुआयामी विकास हो, विशेष तौर पर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्र में विकास सुनिश्चित हो ।
केन््रदीय गृह मंत्रालय मंत्रीसमूह की सिफारिश और सुझावों के आधार पर कैबिनेट के लिए एक अन्य नोट तैयार करेगा, जिसमें आग्रह किया जाएगा कि कैबिनेट राज्य पुनर्गठन विधेयक मंजूर करे और राष्ट्रपति से सिफारिश करे कि विधेयक को राज्य विधायिका के विचारार्थ भेजा जाए ।
दूसरी कैबिनेट बैठक के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से सिफारिश करेंगे कि संविधान के अनुच्छेद-3 के तहत मसौदा विधेयक पर राज्य विधायिका का नजरिया 30 दिन के भीतर हासिल करने के लिए उसे राज्य विधायिका को भेजा जाए ।
राज्य विधायिका की सिफारिशों को मसौदा विधेयक में शामिल किया जाएगा और इसकी समीक्षा कानून मंत्रालय करेगा । फिर राज्य पुनर्गठन विधेयक के मसौदे को लेकर तीसरा नोट तैयार किया जाएगा और इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा ताकि विधेयक को संसद में पेश किया जा सके ।
संसद के दोनों सदनों में पेश होने के बाद विधेयक को साधारण बहुमत से पारित कराना होगा । इसके बाद विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और नया तेलंगाना राज्य अस्तित्व में आ जाएगा ।

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