THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Tuesday, December 23, 2014

ये साल कथगा ठंड पोड़ली ? अनुवाद : भीष्म कुकरेती

 ये साल  कथगा ठंड पोड़ली  ?

                                            अनुवाद  :   भीष्म कुकरेती 

           मथि मुलकौ छ्वीं छन,   आधुनिक जुग कि छ्वीं छन,  एक आदि वासी समाज की छ्वीं छन। ऊंन अबि अपण एक नेता चुन। नेता तैं अपण समाजक रीति रिवाज कुछ बि पता नि छौ । वैतैं अपण समाजौ पुराणा भेद , राज , गुप्त बात कुछ बि नि पता छौ किलैकि वैकि शिक्षा राजधानी मा हिन्दू कॉलेज मा जि ह्वे छा।  जनि वु नेता बौण वै तैं वैक लोगुंन पुछण शुरू कार - पधान जी ! पधान जी !  ये बार कथगा ठंड पोड़लि ?
नै पधान तैं पता इ नि छौ कि कनकै पता लगाये जाव कि कथगा ठंड पोड़ल ! वैन असमानै तरफ देखिक ब्वाल बल भौत ठंड पड़न वाळ च तुम लखड़ जमा कौरी द्यावो। लोगुंन लखड़ जमा करण शुरू कर दे। 
जड्डूक बारा मा पक्का आस्वश्थ  हूणौ बान पधान गाँव से दूर एक टेलीफोनौ बूथ मा गे अर वैन जलवायु पूर्वानुमान विभागौ कुण फोन कार - ये साल कथगा ठंड पड़लि ?
अधिकारिन जबाब दे - इन लगणु च बल ठंड कुछ ज्यादा ही पोड़लि। 
पधान गाँव आयि अर वैन गांवाळु कुण ब्वाल - ठंड कुछ जादा ही पड़न वाळ च तुम लोग हौर ज्यादा लखड़ जमा कर द्यावो।  लोगुंन हौर लखड़ जमा कर देन। 
द्वी चार दिन बाद फिर पधानन जलवायु विभागौ कुण फोन कार - ये साल कथगा ठंड पोड़लि ?
अधिकारीक जबाब छौ - अवश्य ही ठड उम्मीद से अधिक ही पड़लि। 
पधानन गाँव वाळ तैं हौर बि अधिक लखड़ जमा करणो हिदैत दे। 
एक दैं पूरो निश्चित हूणों बान फिर से पधानन जलवायु पूर्वानुमान विभागौ कुण फोन कार - ये साल कथगा ठंड पोड़लि ?
जलवायु पूर्वानुमान विभागौ आधिकारिक जबाब छौ - ये साल यीं सदी की सबसे अधिक ठंड पड़ण वाळ च। 
नया नया पधानन  पूछ - तुम इथगा निश्चय से कनै बोल सकदा कि ये साल यीं सदी की सबसे अधिक ठंड पड़ण वाळ च?
जलवायु पूर्वानुमान विभागौ आधिकारिन उत्तर दे - ये साल आदि वासी इथगा अधिक लखड़ जमा जि करणा छन।  अर आज तक आदि वास्युं जलवायु पूर्वानुमान कबि बि गलत नि ह्वे। 


22/12/14 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India 

   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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