THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Wednesday, December 16, 2015

क्वेटो कथा,पहेली बनारस की!युवा तुर्क अभिषेक श्रीवास्तवा का लिखा।बूझो तो जाने!

क्वेटो कथा,पहेली बनारस की!युवा तुर्क अभिषेक श्रीवास्तवा का लिखा।बूझो तो जाने!


Watch: PM Narendra Modi, Shinzo Abe attend Ganga Aarti at Varanasi
https://www.youtube.com/watch?v=r81SGprx8eM

बनारस से जब कोई ख़बर आती है तो समझ में नहीं आता कि उसे सच मानें या अफ़वाह। दिक्‍कत ये है कि जब से बनारस में प्रधानजी का खूंटा गड़ा है, हर ख़बर में सच की बू आने लगी है। सो साझा नहीं करने का लोभ संवरण भी नहीं हो पाता। तो ताज़ा ख़बर ये है कि काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय के राजनीतिशास्‍त्र विभाग में बरसों तक शिक्षक रहीं प्रोफेसर चंद्रकला पंडि़या जेएनयू की कुलपति बनने जा रही हैं। इस ख़बर का वैसे कोई ठोस आधार नहीं है, सिवाय इसके कि आज के इंडियन एक्‍सप्रेस के मुताबिक 30 दिसंबर को होने वाले कुलपति पद के 15 उम्‍मीदवारों के साक्षात्‍कार में पंडि़या का नाम भी है।

इसके अलावा बनारस वाले एक और ठोस आधार यह गिनवा रहे हैं कि वाइस चांसलर की तलाश के लिए बनी सर्च कम सेलेक्‍शन कमेटी के अध्‍यक्ष धीरेंद्र पाल सिंह हैं जो बीएचयू के कुलपति भी रह चुके हैं। वैसे, बीएचयू से ताल्‍लुक रखने वाले लोग अच्‍छे से जानते हैं कि एनडीए के पहले कार्यकाल में शिक्षा मंत्री रहे मुरली मनोहर जोशी के कृपापात्रों में प्रो. दुर्ग सिंह चौहान और चंद्रकला पंडि़या भी थे। इसके अलावा उस दौर की कई और अंतर्कथाएं हैं परिसर के भीतर की, जिनका जि़क्र यहां करना उचित नहीं है। यह देखना दिलचस्‍प होगा कि पुराने रिश्‍ते आज के दौर में कैसा गुल खिलाते हैं। इतना तो तय लग रहा है कि यह गुल जेएनयू वाला लाल नहीं, केसरिया होगा।

वैसे, एक बात और है जिसकी ओर कुछ लोग इशारा कर रहे हैं। बीएचयू के राजनीतिशास्‍त्र विभाग के डीह के.के. मिश्रा प्रधान सेवक के चुनाव प्रचार के मुख्‍य प्रभारियों में रहने के बावजूद अब तक किसी प्रत्‍यक्ष लाभ से वंचित रहे हैं। पंडि़या के जेएनयू का वीसी बनने से प्रत्‍यक्ष नहीं तो अप्रत्‍यक्ष ही सही, कुछ तो नाम होगा। अगली खबर के लिए 30 तारीख का इंतज़ार करें, जब तीन-चार आखिरी नाम ईरानी मैडम के पास भेजे जाएंगे। हमें पूरा भरोसा है कि मैडम स्‍त्रीवादी हैं और स्त्रियों के हक़ में पंडि़या मैडम के नाम पर अंतिम मुहर लगा देंगी!


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