THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Sunday, March 6, 2016

देश भर के वरिष्ठ पत्रकारों , सभी पत्रकार संगठनों , सभी प्रेस क्लब से अपील है कि नक्सल उन्मूलन अभियान के नाम पर मिली नाजायज स्वतंत्रता का छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा निष्पक्ष पत्रकारिता पर दबाव बनाने के उद्देश्य से बस्तर के पत्रकार साथी सोमारू नाग और संतोष यादव की फर्जी मामलों में जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तारी के विरोध में और पत्रकार सुरक्षा कानून लागु करने की मांग को लेकर 5 मार्च 2016 को आहूत "विधानसभा कूच" करने को लेकर रायपुर में आयोजित " पत्रकार महा आंदोलन " में शामिल होकर इसे सफल बनायें | यह आंदोलन पूरी तरह केवल सोशल मिडिया के माध्यम से चलाया गया है | इसी अभियान के तहत आंदोलन का क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय चरण " 10 अक्टूबर को रायपुर प्रदर्शन " तथा 21 दिसम्बर 2015 को बस्तर (जगदलपुर) में "जेल भरो आंदोलन" के रूप में सफल हुआ था | आप सभी से निवेदन है कि आप बिना किसी फोन या संपर्क की प्रतीक्षा किये बिना और बिना किसी अहम् या नाराज हुए बिना इस अभियान में शामिल हों | मै आंदोलन को सहमति देने वाले और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हिमायती सभी जनसंगठनों , संस्थाओं , राजनीतिज्ञों , बुद्धिजीवियों और

देश भर के वरिष्ठ पत्रकारों , सभी पत्रकार संगठनों , सभी प्रेस क्लब से अपील है कि नक्सल उन्मूलन अभियान के नाम पर मिली नाजायज स्वतंत्रता का छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा निष्पक्ष पत्रकारिता पर दबाव बनाने के उद्देश्य से बस्तर के पत्रकार साथी सोमारू नाग और संतोष यादव की फर्जी मामलों में जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तारी के विरोध में और पत्रकार सुरक्षा कानून लागु करने की मांग को लेकर 5 मार्च 2016 को आहूत "विधानसभा कूच" करने को लेकर रायपुर में आयोजित " पत्रकार महा आंदोलन " में शामिल होकर इसे सफल बनायें | यह आंदोलन पूरी तरह केवल सोशल मिडिया के माध्यम से चलाया गया है | इसी अभियान के तहत आंदोलन का क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय चरण " 10 अक्टूबर को रायपुर प्रदर्शन " तथा 21 दिसम्बर 2015 को बस्तर (जगदलपुर) में "जेल भरो आंदोलन" के रूप में सफल हुआ था | आप सभी से निवेदन है कि आप बिना किसी फोन या संपर्क की प्रतीक्षा किये बिना और बिना किसी अहम् या नाराज हुए बिना इस अभियान में शामिल हों |
मै आंदोलन को सहमति देने वाले और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हिमायती सभी जनसंगठनों , संस्थाओं , राजनीतिज्ञों , बुद्धिजीवियों और समाज सेवियों से भी आह्वान करता हूँ कि वे इस दिन अपनी उपस्थिति पत्रकरिता आंदोलन के इतिहास की इस महत्व पूर्ण घडी में अवश्य दर्ज कराएं |

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