THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Monday, April 2, 2012

पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के संकेत से सेनसेक्स में बहार! राजा के बंगले पर बरसने लगी बहार जब जनता पर पड़ी टैक्सों की ​दे ​दमादम मार!

पेट्रोल की कीमतों में  वृद्धि के  संकेत से सेनसेक्स में बहार!

राजा के बंगले पर बरसने लगी बहार जब जनता पर पड़ी टैक्सों की ​दे ​दमादम मार!

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

पेट्रोल की कीमत 3 से 5 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकती है। हालांकि, तेल कंपनियां पेट्रोल पर 9 रुपये प्रति लीटर दाम बढ़ाना चाहती हैं। पेट्रोल की कीमतों में  वृद्धि के  संकेत से सेनसेक्स में बहार लौटने लगी। राजा के बंगले पर बरसने लगी बहार जब जनता पर पड़ी टैक्सों की ​दे ​दमादम मार! कोषों और खुदरा निवेशकों द्वारा की गई लिवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज करीब 80 अंक की मजबूती के साथ 17484.25 पर खुला। तीस प्रमुख शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 80.05 अंक अथवा 0.46 प्रतिशत की तेजी के साथ 17484.25 अंक पर खुला। इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 16.20 अंक या 0.26 प्रतिशत की तेजी के साथ 5311.75 अंक पर खुला। कारोबारियों के अनुसार कोषों द्वारा ब्लू चिप कंपनियों की शेयरों की खरीदारी से बाजार में तेजी देखी जा रही है।गौरतलब है कि पेट्रोल की कीमतों में आज भारी बढ़ोतरी का अंदेशा है। दो दिन पहले तक प्रति लीटर पेट्रोल का दाम 3 से 4 रुपए बढ़ने की बात कही जा रही थी लेकिन तेल कंपनियों के रुख को देखते हुए लोगों को इससे कहीं ज़्यादा बढ़ोतरी का डर सता रहा है। 31 मार्च को हुई समीक्षा में तेल कंपनियों ने कहा था कि उन्हें हर लीटर पर क़रीब साढ़े सात रुपए का घाटा हो रहा है। पहली अप्रैल से महंगाई की मार झेल रही जनता को आज एक और जोर का झटका लग सकता है। पहले ही बजट में बढ़े उत्पाद शुल्क से जरूरी सामान और सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी से खाना-पीना, घूमना-फिरना सब कुछ महंगा हो गया है।

ताजा खबर यह है कि पेट्रोल के दाम बढ़ाने को लेकर सस्पेंस कायम है. इंडियन ऑयल ने कह दिया है कि नुकसान के बाद भी सरकार दाम बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है, जबकि पेट्रोलियम मंत्री कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।पेट्रोल के दाम बढ़ाने के मामले मे खुद सरकार के भीतर असमंजस दिख रहा है।इस बीच इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने फिर साफ किया है कि उसे प्रति लीटर पेट्रोल पर 7:67 पैसे का नुकसान हो रहा है. ऐसे में इसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए।जबकि पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी का कहना है कि अभी वो कुछ नहीं कहेंगे।

निवेशकों में जोश नजर आ रहा है और बाजार 0.75 फीसदी मजबूत हैं। दोपहर 2 बजे, सेंसेक्स 104 अंक चढ़कर 17509 और निफ्टी 29 अंक चढ़कर 5324 के स्तर पर हैं। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, पावर, रियल्टी, कैपिटल गुड्स शेयर 4-2 फीसदी चढ़े हैं। पीएसयू, बैंक, तकनीकी, आईटी, मेटल शेयर 1-0.6 फीसदी तेज हैं। ऑटो, ऑयल एंड गैस, एफएमसीजी, हेल्थकेयर 0.3-0.2 फीसदी मजबूत हैं। डीएलएफ 3.5 उछला है। एनटीपीसी, एमएंडएम, एलएंडटी, एसबीआई, टीसीएस, बीएचईएल, सिप्ला, भारती एयरटेल, एचडीएफसी, टाटा स्टील, ओएनजीसी, टाटा पावर, एचडीएफसी बैंक 2.5-1 फीसदी चढ़े हैं। बजाज ऑटो, एचयूएल, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, कोल इंडिया, मारुति सुजुकी में 1.6-0.3 फीसदी की गिरावट है। खराब आर्थिक आंकड़ों के बावजूद यूरोपीय बाजारों में तेजी कायम है। डीएएक्स, सीएसी और एफटीएसई 1-0.4 फीसदी मजबूत हैं। मार्च में यूरोजोन मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 49 से घटकर 47.7 रही है। इस महीने बाजार की नजर क्रेडिट पॉलिसी और चौथी तिमाही नतीजों पर रहेगी। क्योंकि बाजार को दिशा देने में क्रेडिट पॉलिसी और चौथी तिमाही नतीजों की अहम भूमिका होगी। हालांकि बाजार में अभी निचले स्तर काफी सीमित हैं। यूरोप और अमेरिकी बाजारों से अच्छे संकेतों के चलते भारतीय बाजारों में लिक्विडिटी देखने को मिल रही है।

बाजार को राजनीतिक दलों के फर्जी विरोध की कोई परवाह नहीं है क्टोंकि बाजार १९९१ से इस नौटंकी को धखते देखते अघा गयी है।लिवाली और बिकवाली के खेल में राजनीति मसाला जरूर है, पर इस तड़के से बाजार की सेहत पर कोई ज्यादा असर पिछले बीस साल से नहीं हुआ। जब विचारधारा से कट्टर माने जाने वाले वामपंथी उदारीकरण और खुला बाजार को रोक नहीं पाये, तब मौकापरस्तों की सनकी सौदेबाजी की बाजार परवाह करें​ ​ तो क्यों?बाजार को अन्ना ब्रिगेड और बाबा रामदेव के डाबल धमाके से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। बाबा रामदेव कालेधन को लेकर दिल्ली में फिर अनशन की तैयारी कर रहे हैं। रामदेव ने साफ कर दिया है कि वो तीन जून को जंतर मंतर पर फिर से अनशन करेंगे। माना जा रहा है कि समाजसेवा अन्ना हजारे भी इस बार बाबा रामदेव का साथ देंगे। जैसे बाजार आईपीएल प्रायोजित करता है , अनशन कार्यक्रम प्रायोजित करने में भी उसे दिक्कत नहीं आने वाली।रामदेव ने पूरे देश से चार महीने मांगे हैं और लोगों से उनका साथ देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि 3 जून को उनके आंदोलन के पहले चरण का एक साल पूरा हो जाएगा। इस मौके पर इस बार दिल्ली में लाखों नहीं करोड़ों लोग रवाना होंगे। 3 जून को इसकी झलक सरकार को देख लेगी। बहरहाल यह माना जा रहा है कि तेल की कीमत में बढ़ोतरी का राजनीतिक पार्टियां भी विरोध करेंगी। इससे निपटने के लिए बाजार और सरकार के डाबल एजंट प्रणव णुखर्जी की सेवाएं उपलब्ध है। ममता बनर्जी स्पेशलिस्ट प्रणव दादा संसद के बीतर और बाहर अपनी बाजीगरी से राजनीतिक बाध्यताओं के आर्थिक पहल में बदलने की कला में महारत हासिल जो कर ली है।तेल कंपनियों ने मांग की है कि सरकार पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स में कटौती करे। अगर टैक्स पर गौर करें, तो दिल्ली में पेट्रोल पंप पर पेट्रोल 38.42 रुपये प्रति लीटर की दर से पहुंचता है। उस पर 14.35 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 3 पर्सेंट एजुकेशन सेस लगता है, यानी पेट्रोल की कीमत 14 .78 रुपये बढ़ जाती है। इस पर डीलर कमिशन होता है 1.50 रुपए का। फिर वैट लगता है। दिल्ली में ग्राहक को कुल 65.64 रुपये देने पड़ते हैं।

प्रणव मुखर्जी को वित्त वर्ष 2012 के बजट को पेश किए 2 सप्ताह से ऊपर का समय बीत चुका है, लेकिन बजट को लेकर आम आदमी से उद्योग जगत तक में मचा हालाकान थमने का नाम नहीं ले रहा है। बजट में बीमा क्षेत्र के लिए दिए गए प्रस्तावों से इंश्योरेंस इंडस्ट्री में काफी रोष है।इंश्योरेंस इंडस्ट्री के पास बजट के प्रस्तावों को लागू करने का समय ही नहीं है। वहीं इसके लिए इंश्योरेंस प्रोडक्ट में जरूरी बदलाव करने पड़ेंगे। सरकार ने बजट में इंश्योरेंस कंपनियों पर 18 फीसदी न्यूनतम टैक्स(एमएटी) का प्रस्ताव रखा है, जो कि इससे पहले 12.5 फीसदी था।वहीं सरकार ने बजट में शम अश्योर्ड 10 गुना होने पर ही टैक्स छूट देने का प्रस्ताव भी लाया है, जबकि इससे पहले केवल 5 गुना शम अश्योर्ड होने पर टैक्स में छूट दी जाती थी। वहीं 40 साल के ऊपर के पॉलिसीधारकों को इस प्रस्ताव के तहत टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा।उधर वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर के मुताबिक अक्टूबर से लगातार व्यापार घाटा तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। जुलाई में निर्यात की रफ्तार 82 फीसदी से लगातार नीचे आया है। जानकारों के मुताबिक वित्तीय साल 2012 में निर्यात करीब 300 अरब डॉलर के आसपास रहने की उम्मीद है। जबकि इसी दौरान आयात 425 अरब डॉलर से ज्यादा रहने का अनुमान है। ऐसे में व्यापार घाटा करीब 170 अरब डॉलर तक रह सकता है।निर्यात के मोर्चे पर एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है। फरवरी में निर्यात की ग्रोथ 3 माह में सबसे कम रह गई है। निर्यात में सिर्फ 4.25 फीसदी ग्रोथ दर्ज की गई है।वहीं निर्यात की तरह एचएसबीसी पीएमआई यानी मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग इंडेक्स 3 माह में सबसे कम रह गया है। फरवरी के 56.6 के मुकाबले मार्च में ये घटकर 54.7 रह गया है। लेकिन अच्छी बात ये है कि नए कारोबार में ग्रोथ काफी बेहतर रही है। एचएसबीसी पीएमआई सर्वे के मुताबिक नए ऑर्डरों में कमी आई है।

खबर है कि एक्साइज ड्यूटी का विरोध कर रहे जौहरियों का गुस्सा शांत कराने के लिए वित्त मंत्रालय जल्द ही नए आदेश जारी करने वाला है।जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय अपने सभी लोकल एक्साइज ऑफिस को एक सर्कुलर जारी कर ये कहने जा रहा है कि वो ड्यूटी की वसूली के दौरान जौहरियों को किसी भी तरह से परेशान ना करें।जल्द ही 15 मुद्दों का सर्कुलर जारी किया जाएगा। जौहरियों के लिए बिक्री की रसीद का सत्यापन जरूरी नहीं होगा। लेकिन जौहरियों को खुद बिक्री का खुलासा करना होगा। ऐसे में जौहरियों के आंकड़ों के आधार पर ही एक्साइज ड्यूटी की वसूली होगी।खास बात यह है कि सर्कुलर में जौहरियों की सभी दुकानों के रजिस्ट्रेशन पर छूट मिल सकती है। साथ ही सोने की आवाजाही के लिए गेट पास जरूरी नहीं होगा। माना जा रहा है कि इन आदेशों से वित्त मंत्रालय को जौहरियों का विरोध शांत होने की उम्मीद है।


आईपीएल का समां बंधने से पहले चीयरिनों के आविर्भाव के ऐन मौके पर किंगफिशऱ माडल पूनम पांडे के सेक्सी फंडे की तरह विमानन कंपनियों के मंझधार संकट में किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख विजय माल्या ने कहा है कि वह इसी हफ्ते से अपने कर्मचारियों के रुके वेतन का भुगतान आरंभ कर देंगे। उनका कहना है कि वह यह टैक्स विभाग द्वारा उनकी कंपनी के बैंक खातों पर लगी रोक के उठने के बाद कर पाएंगे। आर्थिक तंगी से जूझ रही विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस ने अपने कर्मचारियों को एक पत्र लिखकर कहा है कि वह इस सप्ताह से ही कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना शुरू कर देगी। केंद्रीय कर व राजस्व विभाग की ओर से अपना बकाया कर भुगतान के लिए मिली मोहलत के बाद ही कंपनी ने यह फैसला लिया है।कंपनी के निदेशक विजय माल्या ने पत्र में लिखा है कि कंपनी के सभी छोटे दर्जे के कर्मचारियों को इस्टर से पहले वेतन दे दिया जाएगा। 4 अप्रैल तक जूनियर स्टाफ के वेतन का भुगतान हो जाएगा। वहीं पायलट व इंजीनियरों को आगामी सोमवार तक वेतन का भुगतान किया जाएगा। गौरतलब है कि विभाग की ओर से कंपनी के बंद खातों को रविवार को ही खोल दिया गया है। क्योंकि कंपनी ने 31 मार्च से पहले ही विभाग को अपनी बकाया कर राशि चुका दी थी।एयर इंडिया के बाद विजय माल्या के स्वामित्व वाली निजी क्षेत्र की दूसरी बड़ी एयरलाइन किंगफिशर के वित्तीय संकट में फंसने से पूरे भारतीय विमानन क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है।

आर्मी चीफ के बवाल से कोयला घोटाले पर परदा तो पड़ा ही अब राष्ट्रीय सुरक्षा के बहाने मामले को भी रफा दफा करने की पूरी तैयारी है और इससे बाजार में फिर जोश लौटने लगा। चमेली और बेला की तरह आखिर राजनीतिक दलों को भी राजा के बंगले से ही लिपटे जो रहना है, बाजार से अच्छा इस मुजरे का मतलब कौन जानें!ब्रिटिश हेज फंड दि चिल्ड्रेन इंवेस्टमेंट फंड(टीसीआई) ने कोल इंडिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का इरादा पक्का कर लिया है।टीसीआई ने भारत में अपने कानूनी सलाहकार लूथरा एंड लूथरा को कोल इंडिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का आदेश दे दिया है। टीसीआई के मुताबिक उनको अब तक कोल इंडिया से किसी भी तरह का आश्वासन नहीं मिला है।सरकार के बाद दि चिल्ड्रेन इंवेस्टमेंट फंड कोल इंडिया का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सेदार है। दरअसल टीसीआई ने कोल इंडिया पर भारतीय कॉरपोरेट कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है। टीसीआई के मुताबिक कोल इंडिया बिना निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकारी पॉलिसी का पालन कर रही है।

कार का प्रीमियम बढ़ाने के बाद बीमा नियामक ने निजी वाहन मालिकों को एक और झटका दिया है। अब निजी कार के लिए कम क्लेम मिलेगा। दरअसल, बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने अनिवार्य कटौती (कंपलसरी डिडक्टेबल) राशि 100 फीसदी तक बढ़ा दी है।इरडा के एक आंतरिक सर्कुलर के मुताबिक, अब 1500 सीसी तक की निजी कार पर 1,००० रुपए तक का क्लेम नहीं मिलेगा। वहीं, 1500 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता वाली कार पर 2,००० तक का क्लेम नहीं मिलेगा। इसी तरह दोपहिया वाहनों के लिए न्यूनतम क्लेम राशि अब 100 रुपए हो गई है। इरडा ने कंपलसरी डिडक्टेबल राशि में वृद्धि 10 साल बाद की है। यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2012 से प्रभावी हो गई है। दूसरी तरफ लेकिन देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की वाहन बिक्री मार्च माह में 3.28 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1,25,952 वाहन हो गई है। यह कंपनी द्वारा किसी एक महीने में बेचे गए सर्वाधिक वाहन है।कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले साल इसी महीने में उसने 1,21,952 वाहन बेचे थे। हालांकि पूरे वित्त वर्ष (2011-12) के दौरान कंपनी की बिक्री 2010-11 के 12,71,005 वहन के मुकाबले 10.80 प्रतिशत गिरकर 11,33,695 वाहन रह गई।मार्च 2012 में घरेलू बाजार में कंपनी के कुल यात्री वाहनों की बिक्री 2.08 प्रतिशत बढ़कर 1,12,724 इकाइयों की रही, जो कि एक रिकार्ड है। कंपनी पिछले साल इसी महीने में 1,10,424 वाहनों की बिक्री की थी। दुपहिया वाहन निर्माता कम्पनी इंडिया यामाहा मोटर ने शनिवार को कहा कि मार्च में उसकी बिक्री में 13.9 फीसदी की वृद्धि हुई है।टाटा मोटर्स ने अपने वाणिज्यिक वाहनों की संपूर्ण रेंज की कीमतें 60,000 रुपये तक बढ़ा दी हैं। बजट में उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने के मद्देनजर कंपनी ने यह कदम उठाया है।टाटा मोटर्स ने कहा कि वह फयूचरिस्टिक इन्फेंटरी कंबेट वेहीकल (एफआईसीवी) के विकास तथा इसके निर्माण के लिए कारखाना लगाने पर लगभग 600 करोड़ रुपए निवेश कर सकती है।

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि वोडाफोन जैसे सीमा पार हुए सौदों को कर दायरे में लाने के लिए आयकर अधिनियम में पूर्वगामी प्रभाव के साथ संशोधन करने के सिवा और कोई उपाय नहीं है।कलकत्ता चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक साक्षात्कार सत्र में मुखर्जी ने कहा, ''मैं आपके सामने एक सीधा प्रश्न रख रहा हूं। आप भारत को बगैर कर वाला देश बनाना चाहते हैं या कर वाला देश बनाना चाहते हैं।''

उन्होंने कहा, ''भारत में स्थित सम्पत्तियों के लेन-देन पर कर लगाया जाए या नहीं। यदि जवाब यह है कि इस पर कर लगाया जाए, तब सवाल यह पैदा होता है कि इस पर भारत में कर लगाया जाए या सम्बंधित कम्पनी के स्रेत पर कर लगाया जाए.. तब सवाल पैदा होता है कि इसे दोहरे कराधान निवारण समझौता या कर हस्तांतरण सूचना समझौता से कैसे बचाया जाए। इसके अलावा और कोई उपाय नहीं है।''

मुखर्जी ने 2०12-13 के बजट में 1962 के आयकर अधिनियम में पूर्वगामी प्रभाव से संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसका वोडाफोन ने विरोध किया।
सर्वोच्च न्यायालय ने वोडाफोन कर मामले में दिए आदेश में कहा था कि भारतीय कम्पनी हचीसन एस्सार में हांगकांग की कम्पनी हचीसन टेलीकॉम की 67 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने पर वोडाफोन पर कर की देनदारी नहीं बनती है, क्योंकि सौदा दो विदेशी कम्पनियों के बीच विदेश में हुआ था।

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