THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Monday, June 25, 2012

रिजर्व बैंक से भी ज्यादा शक्तिशाली हैं कुछ बैंक

Monday, 25 June 2012 16:23

नयी दिल्ली, 25 जून (एजेंसी) रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाई.वी. रेड्डी ने कहा है कि कुछ वित्तीय संस्थान और बैंक तो रिजर्व बैंक से भी ज्यादा शक्तिशाली हैं। 
रेड्डी ने इस मौके पर प्रमुख रेटिंग एजेंसियों के मुद्दे को भी उठाया जो कि बाजार पर गहरा प्रभाव रखती हैं, उन्होंने कहा कि कुछ बड़े अंतरराष्ट्रीय बैंकों का कई देशों की राजनीतिक अर्थव्यवस्था बड़ा दबदबा है। 
रेड्डी ने कहा ''कई बार देखा गया है कि वे :अंतरराष्ट्रीय बैंक: किसी एक देश में ऐसे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन के सौदों में शामिल होते हैं जिनकी वैधता पर संदेह होता है, पर वे ऐसा संबंधित दोनों देशों हमेशा एक जैसा व्यवहार नहीं करते हैं।''

रेड्डी कल स्विटजरलैंड के बेसल में पेर जैकॉब्सन फाउंडेशन व्यखान-2012 दे रहे थे। उन्होंने कहा ''अंतरराष्ट्रीय बैंकों के पास कर अपवंचना से जुड़े कारोबार को करने के लिये मौके और प्रोत्साहन दोनों ही होते हैं। ऐसे संचालनों के जरिये अंतरराष्ट्रीय बैंकों को कई देशों में आर्थिक राजनीति में उल्लेखनीय प्रभाव हासिल होता है।''
रिजर्व बैंक के पूर्व प्रमुख ने कहा ''मौजूदा वैश्विक वित्तीय बाजार परिवेश में कुछ बड़े वैश्विक वित्तीय समूह काफी व्यापक और शायद कुछ केन्द्रीय बैंकों से भी ज्यादा शक्तिशाली हो गये हैं।''

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