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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Monday, February 25, 2013

वर्धा विश्विद्यालय में यौन उत्पीड़न

वर्धा विश्विद्यालय में यौन उत्पीड़न


आरोपी स्त्री विमर्श का शिक्षक

हमेशा विवादों में रहनेवाले महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में एक अध्यापक द्वारा एक छात्रा के यौन-उत्पीड़न का मामला चर्चा में है. कुलपति विभूति नारायण राय स्त्री विरोधी टिप्पणियों के लिए पहले से ख्यात रहे हैं...


साहित्य विभाग के एक युवा असिस्टेंट प्रोफेसर ने स्त्री अध्ययन विभाग की एक छात्रा को पढ़ाने के बहाने अपने घर बुलाकर उसके साथ कई बार शारीरिक छेड़छाड़ की और चुप रहने की धमकी भी दी. अध्यापक ने अपने प्रभावों का इस्तेमाल करके उस लड़की को एम.ए. कोर्स में फेल भी करा दिया. आरोपी अध्यापक इसी विश्वविद्यालय में साहित्य विभाग के पूर्व छात्र रहे हैं और अब ये शिक्षक साहित्य विभाग में स्त्री-विमर्श पढ़ाते हैं.

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भुक्तभोगी लड़की द्वारा शिकायत करने के बाद विश्वविद्यालय महिला सेल में इस मामले की जांच चल रही है. लेकिन पूरे कैंपस को पता है कि विश्वविद्यालय के कुलपति जो अपने स्त्री-विरोधी और दलित-विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने लगातार पड़ते बाहरी दबाव के बाद महिला सेल को यह निर्देश दिया है कि इस मामले को रफा-दफा कर दिया जाए. गौरतलब है कि विश्विद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय स्त्री विरोधी टिप्पणियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ख्यात रहे हैं. 

महिला सेल की चल रही ढुलमुल जांच-प्रकिया को देखते हुए यह बात सच लग रही है. कैंपस में सबको यह पता है आरोपी अध्यापक कुलपति के सामने जाकर अपनी गलती स्वीकार कर चुका है और पैर पकड़कर माफी भी मांग ली है. लड़की अल्पसंख्यक समुदाय की है और गरीब परिवार से है जबकि आरोपी ब्राह्मण वर्ग से है और इसका श्वसुर इस यूनिवर्सिटी में कर्मचारी रह चुका है. वह भी इस केस को खत्म करवाने के काम में जुटा हुआ है.

दूसरी तरफ कुछ लोग पैसे के लेन-देन की बात भी कह रहे हैं. बाकी इस वक्त विश्वविद्यालय के अधिकांश ब्राह्मण प्राध्यापक, कर्मचारी और छात्र आरोपी अध्यापक के समर्थन में खड़े हैं. कुछ प्रगतिशील छात्र-छात्राओं ने लड़की के पक्ष में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया है. लेकिन कुलपति या महिला सेल पर उसका कोई असर नहीं है. 

महिला सेल की अध्यक्षा साहित्य विभाग की हैं और गर्ल्स हॉस्टल की वार्डेन भी हैं. वार्डेन साहिबा केवल लड़कियों को परेशान करने और उनको सताने के लिए जानी जाती हैं. इस कैंपस में लड़कियां पहले से ही सुरक्षित नहीं हैं और इस घटना के बाद उनमें और डर व्याप्त है . आरोपी अध्यापक के खिलाफ जांच जारी है लेकिन वह अभी भी कक्षाएँ ले रहा है, जो कि गैर-कानूनी है.इस बीच वह जांच कमेटी के कुछ सदस्यों के घर जाकर चाय-नाश्ता भी कर चुका है.

इस घटना से आम छात्र-छात्राओं में काफी आक्रोश है. कैम्पस के बाहर भी माहौल गरम है. लेकिन इस विश्वविद्यालय में केवल एक ही कानून चलता है और वह है कुलपति विभूति नारायण राय का और उनकी कृपा आरोपी अध्यापक पर है. सो मामला अब तक ठंडे बस्ते में है.

http://www.janjwar.com/campus/31-campus/3723-sexual-harrasment-case-in-vardha-vishvidyalaya

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