Sunday, 01 April 2012 13:16 |
देहरादून, एक अप्रैल (एजेंसी) उत्तराखंड के हालिया विधानसभा चुनावों के बाद सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री पद तक के अपने सफर के हर पड़ाव पर अग्नि परीक्षाओं में खरे उतरकर राज्य में अपना वर्चस्व कायम करने में कामयाब रहे । राज्य की सत्ता गंवाने वाली भाजपा ने जब मुख्यमंत्री पर विधान सभा में विश्वासमत हासिल करने का दबाव बढ़ाया तो बहुगुणा ने बिना किसी हिचकिचाहट के पिछले दिनों विधान सभा में एक वाक्य का प्रस्ताव पेश कर विपक्षियों को भी चौंका दिया तथा उस प्रस्ताव पर प्रत्यक्ष रूप से वोटिंग करा अपना बहुमत साबित कर दिया जिसके विरोध में भाजपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया था । सदन में विपक्षी सदस्य गुप्त मतदान की मांग कर रहे थे । उन्हें यह उम्मीद थी कि यदि गुप्त मतदान हो जाएगा तो बहुगुणा के कथित विरोधी खेमे के विधायक मुख्यमंत्री को झटका दे सकते हैं लेकिन इस परीक्षा में भी बहुगुणा पूरे खरे उतरे तथा उनके पक्ष में 39 विधायकों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन दिया तथा उनकी सरकार द्वारा पेश किये गये लेखानुदान को भी पारित कर दिया । बहुगुणा ने सबसे महत्वपूर्ण अग्निपरीक्षा उस समय पास की जब राज्यसभा के लिये हुये चुनाव में गुप्त मतदान के जरिये 39 विधायकों ने कांग्रेस उम्मीदवार महेन्द्र सिंह माहरा को अपना मत दिया जबकि भाजपा उम्मीदवार अनिल गोयल को मात्र 31 मत ही मिले तथा उनकों आठ वोटों से पराजय का मुंह देखना पडा । भाजपा ने इस चुनाव में गुप्त मतदान के चलते क्रास वोटिंग के साथ बसपा और निर्दलीयों के वोट की भी उम्मीद की थी लेकिन उनकी आस धरी की धरी रह गयी । मुख्यमंत्री के तौर पर बहुगुणा ने विपक्ष की उम्मीदों को धराशायी कर अपना वर्चस्व स्थापित कर दिया । |
Sunday, April 1, 2012
अग्नि परीक्षा में खरे उतरकर बहुगुणा ने कायम की अपनी धाक
अग्नि परीक्षा में खरे उतरकर बहुगुणा ने कायम की अपनी धाक
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