THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Wednesday, May 29, 2013

Fwd: JNUSU came in support of Rihai Manch's indifinite dharna on 7th day. JNUSU put 9 point memorandum asking arrest of Khalid's killers.




RIHAI MANCH
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
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रिहाई मंच के अनिश्चित कालीन धरने के समर्थन में पहुंचा जवाहरलाल नेहरु
विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) का प्रतिनिधि मंडल
खालिद के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए जेएनयूएसयू ने मुख्यमंत्री को
सौंपा नौ सूत्रीय मांग पत्र
इलाहाबाद के हंडिया उप चुनाव में खालिद की हत्यारी सपा सरकार को बेनकाब
करेगा रिहाई मंच
मीडीया के एक हिस्से का आईबी कर रही है इस्तेमाल- रिहाई मंच
सातवें दिन जारी रहा खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों
की गिरफ्तारी के लिए रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना

लखनऊ 28 मई 2013/ खालिद मुजाहिद के हत्यारोपी पुलिस अधिकारियों की
गिरफ्तारी, निमेष कमीशन की रिपोर्ट को तत्काल जारी करने और आतंकवाद के
नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम युवकों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर
चल रहे रिहाई मंच के अनिश्चित कालीन धरने के सातवें दिन दिल्ली से आए
जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्रसंघ  (जेएनयूएसयू) ने भी समर्थाल
दिया। छात्रसंघ ने रिहाई मंच को अपना समर्थन पत्र देते हुए मुख्यमंत्री
के नाम नौ सूत्रीय मांग पत्र भी दिया। खालिद की हत्यारी आईबी जिस तरह से
खालिद को लेकर अखबारों में झूठी खबरें प्लांट करवा रही है उससे आईबी
छटपटाहट को समझा जा सकता है कि वो जेल जाने से कितनी भयभीत हो गई है।

रिहाई मंच ने कहा कि खालिद मुजाहिद को इंसाफ दिलाने की यह लड़ाई अब
इलाबाद के हंडिया में होने वाले विधान सभा उप चुनाव तक ले जाई जएगी। जहां
आवाम के बीच खालिद की हत्या कराने वाली सपा हुकूमत को बेनकाब किया जाएगा।

धरने का समर्थन देने आये जवाहर लाल नेहरू छात्रसंघ के महामंत्री शकील
अंजुम ने कहा कि खालिद मुजाहिद की हत्या सिर्फ इस सूबे का मसला नही है,
बल्कि आज इस तरह की घटनाएं पूरे देश में होने लगी हैं जहां निर्दोष
मुस्लिम युवकों को आतंकवादी बता कर शिकार बनाया जा रहा है। उन्हांेने कहा
कि यह हत्यायें भारतीय राज्य द्वारा एक सोची समझी फासीवादी रणनीति के तहत
की जा रही हंै। लिहाजा इस मुस्लिम विरोधी सियासत के खिलाफ तमाम प्रगतिशील
और लोकतांत्रिक संगठनों को एक होकर मुलायम सिंह जैसे सांप्रदायिक नेताओं
को बेनकाब करना होगा।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के उप मंत्री पियूष राज ने कहा
कि जिस तरह से सपा ने न सिर्फ आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह मुस्लिम युवकों
की रिहाई के सवाल पर पीछे हटी बल्कि उसके संरक्षण में खालिद जैसे बेगुनाह
नौजवान की हत्या कर दी गई ने साफ कर दिया है कि सपा हुकूमत मुसलमानों की
हिमायती नहीं बल्कि उनकी कातिल है।

जेएनयू छात्र संघ के प्रतिनिधि मंडल में शामिल आॅल इंडिया स्टूडेन्ट्स
फेडरेशन के राहुल और सुधांशु ने कहा कि आज पूरे देश में लोकतंत्र को
बचाने की लड़ाई लड़ी जा रही है कहीं पूर्वोत्तर में इरोम शर्मिला को
आफ्स्पा जैसे कालू कानूनों को खत्म करने के लिए एक दशक से धरने पर बैठना
पड़ रहा है तो कहीं कश्मीर में आवाम को भारतीय संविधान द्वारा दिए गए
जीने के अधिकार की रक्षा के लिए लड़ना पंड़ रहा है आखिर इस देश के शासक
देश को कहा ले जाना चाहते हैं।

धरने के समर्थन में आए एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष शर्फुद्दीन अहमद ने
कहा कि एक साल में सत्ताईस दंगे कराने के बाद अब खालिद की हत्या से
मुसलमानों को समझ लेना चाहिए कि मुलायाम लोहियावादी नहीं बल्कि आरएसएस के
एजेण्डे को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। जिसका मुंहतोड़ जवाब हमें 2014 में
देना होगा।

व्रिष्ठ पत्रकार अजय सिंह ने खालिद की हत्या सिर्फ किसी मुसलमान की हत्या
नहीं है बल्कि पूरी न्याय प्रक्रिया की हत्या है। क्योंकि एक पूर्व
न्यायाधीश आरडी निमेष की रिपोर्ट ने इस बात को साफ कर दिया है कि
खालिद-तारिक की गिरफ्तारी संदिग्ध थी और दोषी पुलिस कर्मियों को सजा की
बात भी यह रिपोर्ट करती है। ऐसे में खालिद के जीते जी जो न्याय इस राज्य
व्यवस्था ने उसे नहीं दिया उसे किसी भी हद तक हम लड़ कर लेगें क्योंकि
खालिद की मौत के बाद यह जिम्मा तमाम उन अमन पसंद लोकतांत्रिक नागरिकों का
है कि वो खालिद के न्यााय के लिए संघर्ष करें।

प्रगतिशील लेखक संघ की किरन सिंह, प्रज्ञा पांडे और ऊषा राय ने भी रिहाई
मंच के अनिश्चित कालीन धरने का समर्थन किया।

रिहाई मंच ने खालिद के न्याय के लिए अनिश्चित कालीन धरने में आवाम से
अपील की है कि वो अधिक से अधिक संख्या में धरने में शामिल हों।

धरने को रिहाई मंच के महासचिव व पूर्व पुलिस माहिनिरिक्ष एसआरदारापुरी,
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब, सामाजिक कार्यकर्ता संदीव पांडे,
एसडीपीई के तबारक हुसैन, मो0 रईस, नौशाद अहमद, तौसीफ अंसारी, हाजी फहीम
सिद्ीकी, पूर्व सांसद इलियास आजमी, आॅल इंडिया मुस्लिम फोरम के डा0 एमके
शेरवानी, सोशलिस्ट फ्रंट के मो0 आफाक, मो0 मोईद, आदियोग, रामकृष्ण, आलोक
अग्निहोत्री, एपवा की ताहिरा हसन, आईएनएल के मो0 शमी, शायर तस्ना आलमी,
मौलाना जकी नूर अलीम, मौलाना मेराजुल हसन, फैजाबाद के मो0 आफाक, शाह आलम,
हरेराम मिश्र, तारिक शफीक, नेलोपा के चैधरी चन्द्र पाल सिंह, एहसानुल हक
मलिक, आइसा के अश्विनी कुमार यादव, सीमा चंद्रा, इनायतुल्ला खान, नितीश
कन्नौजिया, अब्दुल मजीद, शाने इलाही, इशहाक, शाहनवाज आलम और राजीव यादव
ने संबोधित किया।

द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
09415254919, 09452800752
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Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
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        Email- rihaimanchindia@gmail.com

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