THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg

Monday, September 30, 2013

সারা বছর ওদের পৌষমাস প্রতিদিন প্রতিক্ষণ আমাদের সর্বনাশ যা দেবায় সর্বদেশে জনসংহাররুপেণ সংস্থিতে নমস্তসৈ নমো নমো ওম স্বাহা उनका उत्सव हर मौसम में माझा सत्यानाश सर्वकाले या देवाय सर्वदेशे जनसंहाररुपेण संस्थिते नमसस्तस्यै नमो नमो सर्व भारतवर्षे नमो नमो ओ3म स्वाहा

সারা বছর ওদের পৌষমাস

প্রতিদিন প্রতিক্ষণ আমাদের সর্বনাশ

যা দেবায় সর্বদেশে জনসংহাররুপেণ সংস্থিতে

নমস্তসৈ নমো নমো

ওম স্বাহা

उनका उत्सव हर मौसम में

माझा सत्यानाश सर्वकाले

या देवाय सर्वदेशे

जनसंहाररुपेण संस्थिते

नमसस्तस्यै नमो नमो

सर्व भारतवर्षे नमो नमो

ओ3म स्वाहा

Government to kick-start its disinvestment programme in first week of October


पलाश विश्वास

Defence prowess: All about India's 5 Agni missiles

The DRDO has over many decades developed a range of Agni missiles, boosting India's prowess in a world that has seen progress in the field.

'Cong shot itself in foot; Rahul undermined PM's dignity'

The remarks triggered talk that Gandhi's utterances had humiliated the PM, much like diplomat Venkateswaran who was insulted by his father 26 yrs ago.


देहात को मार दिया, लाश लावारिश

खून लावारिश रो रहा है और उसी में

निष्णात खुला बाजार फिर भी

प्रधानमंत्री देहाती महिला कहने

पर भारी अपमान हो गया है

इधर फुल स्केल सेल आफ है

क्या गुल खिला दिये बाजार के

ईश्वर ने,इस पर कोई चर्चा

होताइच नहीं है,सब बरोबर

सबकुछ ठीकठाक है जेल में


সারা বছর ওদের পৌষমাস

প্রতিদিন প্রতিক্ষণ আমাদের সর্বনাশ

যা দেবায় সর্বদেশে জনসংহাররুপেণ সংস্থিতে

নমস্তসৈ নমো নমো

ওম স্বাহা

उनका उत्सव हर मौसम में

माझा सत्यानाश सर्वकाले

या देवाय सर्वदेशे

जनसंहाररुपेण संस्थिते

नमसस्तस्यै नमो नमो

सर्व भारतवर्षे नमो नमो

ओ3म स्वाहा


गजब तमाशा है देखो भाई मदारी का खेल

राष्ट्रपति ने दागियों को हरी झंडी का

अध्यादेश रोक दिया और राहुल बाबा ने भी

बकवास कह दिया ,फिर सुप्रीम कोर्ट से

आया आदेश ईवीएम पर वह बटन भी

होगा जिससे खारेज कर दें सारे विकल्प

अब अल्पमत यह सरकार बिना

जनादेश कैसे कर रही अवमानना

सर्वोच्च न्यायालय की बार बार

कैसे हो रहा है दुरुपयोग संसद का

भारतीय राजनीति से कौन करे

यह यक्ष प्रश्न,देखते रहे तमाशा लाइव


इसी बीच खास खबर यह है

आपके लिए कि असुरों में भी

होने लगा है जागरण अपने

नरसंहार के खिलाफ और

बंगाल के आदिवासी इलाकों में

बड़े पैमाने पर अबकी दफा मनाया

जा रहा है करम पर्व के साथ

असुर उत्सव भी खूब,जेएनयू

से बाहर निकल रहे महिषासुर


दुर्गा कोई वैदिकी देवी हैं नहीं

सती पीठ की कहानी भी

प्राचीन कतई है नहीं

वंदे मातरम की भारत माता भी

दुर्गा नहीं श्रृंखलित काली है

ऐसा हमने लिखा बार बार है

Subject: venue of Assur Utsab

various places where assur HUDUR DURGA  commemoration ceremony will be held are-

LET US GO TO KNOW OUR HISTORY. .....

SC /ST /OBC/ SUDRA / MULNIBASI AND THE CONVERTED MINORITIES FROM THIS COMMUNITIES.

WE NEED FREEDOM FROM BRAHMINICAL SLAVERY.

PLACES OF ASSUR UTSAB :


Gajol Block- ------    ( Amlidanga, Bhalukdanga, Rahulghutu, Chhayghati[Chaknagar], Baro Alampur, Baromasia )

Habibpur Block------------( Kanturka, Kumarpur[Srirampur], Dhumpur, Talpukur )

Old Malda Block------------(Srirampur, Baldahura )

Bamongola Block----------(Ailechora)

KASIPUR (PURULIA) ---- Bhalagora

Arsha Block  (Purulia)

Ranibandh  ( Bankura)

Contact persons:  David Das -9733132505, Anil Hasda -8001928388, Ajit p hembrom -8972113531 , Charian Mahato - 9933000702


EXTEND YOUR CO-OPERATION.

CHARAN BESRA - THE CHAIRMAN OF MULNIBASI SAMITI -8348573507




अदालती फैसलों पर हर बार

हो जाता है हंगामा,पहले भी

लालू गये जेल में,सत्ता लेकिन


बनी रही उन्हींकी जो कारपोरेट

आंखों के तारे,जेलयात्रा में

कम होती नहीं सहूलियतें


किसी की और कानून का राज

जिस देश में अनुपस्थित

अर्थव्यवस्था से और लोकतंत्र से भी

निनानब्वे फीसद जहां बहिस्कृत


भूगोल जहां नस्ली अस्पृश्यता का शिकार

अनवरत युद्ध जनता के विरुद्ध

संविधान लागू हुआ नहीं आज तक


कैसे उम्मीद करें कि फैसले अदालती

अमल में होंगे बहुत जल्द

सामाजिक न्याय और समता

जहां आर्थिक नरसंहार का पर्याय


नमोमय है सारा देश इस वक्त

कारपोरेट शक्ति धर्मोन्मादी

राष्ट्रवाद के अश्वमेधी घोड़े की लगाम

थाम सकें ऐसा कौन माई का लाल


मुद्दों पर कोई बोल नहीं रहा

उनके सत्ता समीकरण

और कारपोरेट राज के

आईपीएल खेल से कामोत्तेजित


तमाम आत्मघाती जन गण

श्रीनि का किसने क्या

उखाड़ लिया, पक्ष विपक्ष के


दिग्गज तमाम दागी महादागी

कालेधन के कारोबारी निरंकुश

हजारों हजार करोड़ के

धंधे में बराबर के साझेदार



कोई फर्क नहीं पड़ता यारो

चाहे हो चंद्रमुखी या पारो

पीनेवालों को पीने का बहाना चाहिए


पीने का सबसे स्वादिष्ट

शीतल पेय स्वजनों का खून है

वही हम पी रहे प्यारे


अपने ही आगे पिछवाड़े

धारदार कीलें ठोंककर

कर्मकांडी हम सभी

खुले बाजार का जश्न मना रहे हैं


भूकंप हो या भूस्खलन

जलप्रलय हो या सुनामी

अतिवृष्टि हो या बाढ़

अनियंत्रित बेरोजगारी हो

या फिर भुखमरी चारों तरफ


बेशर्म क्रयशक्ति का नंगा

नाच जारी है,जो त्योहार है

धर्मनिरपेक्ष सांस्कृतिक उत्सव है


यह  इस वधस्थल में हमें

बंधुआ कबंध बनाने का खेल है

और महिषासुर वध जारी है


देहाती औरत पर शोर है बहुत

लेकिन जो फुल शेल आफ

की ब्लू प्रिंट हुई तैयार

और महिषासुर वध जारी है


बाजार विश्वव्यवस्था के

हेडक्वार्टर में, जहां गले

मिलते हैं जनता को मौत का

तोहफा देने वाले


देश को युद्ध गृहयुद्ध में

धकेलने वाले राष्ट्रनेता तमाम

साथ साथ लिस्ट मुताबिक

खरीदते हैं आयुध नरसंहार के

और महिषासुर वध जारी है


उस पर लेकिन कोई नहीं बोल रहा

वहां नहीं है कोई स्टिंग

खामोश हैं सोशल मीडिया के दिग्गज भी

और महिषासुर वध जारी है


कारपोरेट मीडिया तो

युद्ध गृहयुद्ध और बाजार सजाने

की गरज से रैंप पर

खड़ा कर दें किसी को

और महिषासुर वध जारी है


लेकिन प्यारे,हमारी अक्ल

कहां घास चरने गयी है

ससुरे,आखिर इतने बुड़बकै हैं हम

और महिषासुर वध जारी है


सरेबाजार लुटे जा रहे हैं

सरेबाजार मारे जा रहे हैं

सरेबाजार दिनदहाड़े हो

रहे बलात्कार के शिकार


फिर भी जय हो

जय जय जय हो

का जयकारा है

और महिषासुर वध जारी है


फिरभी बरोबर है

फिरभी सबकुछ

ठीकठाक है

और महिषासुर वध जारी है



गौर करें,न्यूयॉर्क

में क्या करते रहे

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

जब मोदी दहाड़ रहे थे दिल्ली में

राहुल अध्यादेश फाड़ रहे थे


बुनियादी ढांचे और रक्षा

फिर गौर करें,बुनियादी ढांचे

और रक्षाजैसे क्षेत्रों में

अमेरिकी कंपनियों को

भारत में निवेश का न्यौता दिया

सुधारों के ईश्वर ने

और महिषासुर वध जारी है


दीर्घकालीन अवसरों का

जिक्र करते हुए और जोर देकर कहा

सारी  चिंताएं बेबुनियाद हैं

डालर देश बंधुआ भारत में

विकास की संभावनाओं और

आर्थिक नीति के माहौल के बारे में

और महिषासुर वध जारी है


अमेरिका में प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री

सच के सिवाय कुछ नहीं बोलते

अमेरिका में विपक्ष के तमाम रंगबिरंगे

क्षत्रप और महारथी कुछ नहीं बोलते


सच के सिवाय,वहां से हर धड़कन पर

हर आवारा सपने पर

और खासकर विचारों पर

डिजिटल बायोमेट्रिक रोबोटिक

निगरानी है विश्वबाजार के हर कोने में

और महिषासुर वध जारी है


अपने हितों के लिए वे बलि

चढ़ा देंगे किसी की भी

मोहरा पिट गया तो

फौरन बिसात से बाहर


अमेरिका में हमारे मसीहा समुदाय

के लिए सच बोलने को किसी

धर्मग्रंथ की शपथ लेने की जरुरतै नहीं

और महिषासुर वध जारी है


लेकिन देश में पल प्रतिपल

भारी अर्थ संकट,सब्सिटी खत्म

आग लगी है इतनी प्रलयंकर

कि आग बुझाने को जरुरी है कि


हर नागरिक अपना सबकुछ

बाजार को स्वाहा करें

वहीं अधिष्ठित हैं यज्ञ के अधिकारी

और महिषासुर वध जारी है


अमेरिका रवानगी से पहले

ईश्वर ने कारपोरेटराज को किया

अभयदान कि सुधार सारे होंगे लागू

और महिषासुर वध जारी है


अमेरिका रवानगी से पहले

ईश्वर ने बुनियादी ढांचे की

योजनाओं की कर दी घोषणा


बिना जनसुनवाई

बिना पर्यावरण हरी झंडी

कर दी चालू लंबित

सारी परियोजनाएं

और महिषासुर वध जारी है




फाइनल हो गयी डीएमआईसी

यानी दिल्ली मुंबई सत्यानाश

गलियारा जो आदिवासी भूगोल

मे फिर दोहरायेगा ताड़का वध


अमेरिका रवानगी से पहले

ईश्वर ने अमेरिका जाने सा पहले

पूरे देश को ऊर्जा देश बनाने की

भी शपथ ली निजी पूंजी और

अबाध विदेशी पूंजी प्रवाह के लिए

और महिषासुर वध जारी है


अमेरिका रवानगी से पहले

गोधरा दोहराया गया

मुजफ्फरनगर में फिर

और महिषासुर वध जारी है

आग अभी जल रही धूधू


सच है कि रावण की चिता की

आग कभी बुझती ही नहीं है

उसी चिता की आग की नींव में

सदैव उनकी ही विजया दशमी

और महिषासुर वध जारी है


अमेरिका रवानगी से पहले

अमृतसर कोलकाता

सत्यानाश गलियारा फाइनल


हो गया तय कि हर खेत से

दौड़ेगा स्वर्णिम कारपोरेट राजमार्ग

देहात का वध होगा

हर गांव अब शहर होगा

हर गांव अब महासेज होगा

हर गांव अब भट्टा परसौल होगा

पर कहीं नहीं होगा नंदीग्राम

या सिंगुर का जन प्रतिरोध


ऐसा चाकचौबंद इंतजाम है

और इसीका प्रतीक

देहाती औरत का यह शोर


रामप्यारी का सत्यानाश है दरअसल

देहात अब भंवरी देवी है

जिसका लाश का अता पता नहीं


या फिर आदिवासी माता सोनी सोरी

जिसकी योनी में पत्थर डालकर

देश की योनी बेच रहे सौदागर

और महिषासुर वध जारी है



फिर भी सबकुछ सही सलामत है

सब बरोबर है सब ठीकठाक

इस अनंत गैस चैंबर में

जहां हर मसीहा आसाराम बापू

या साक्षात हिटलहर हिटलर है



सगलै किंतु मिथ्या सांगले स्वदेश मध्ये

मी बोलतो नाही,शांतता देश

सब बरोबर,सब बरोबर

धर्मोन्मादी वस्त्र झाल्या

राष्ट्रद्रोही बरोबर आहेत

और महिषासुर वध जारी है



SFIO calls Rs 1,700 cr Tata-Unitech deal dubious

The SFIO has strongly questioned the deal, bringing to life an episode from the past that the salt-to-software conglomerate might have thought was dead and buried.

http://economictimes.indiatimes.com/markets/stocks/market-news/sensex-ends-347-pts-lower-ahead-of-cad-data-banks-metals-down/articleshow/23303177.cms


प्रधानमंत्री ने विदेशी निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए यहां कहा कि भारत में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने 1991 के बाद से सुधार की प्रक्रिया का समर्थन किया है, जिससे देश की आर्थिक नीतियों की भविष्य में दिशा के बारे में भरोसा पैदा हुआ है। सिंह ने वाशिंगटन से यहां पहुंचने के तुरंत बाद अमेरिकी सीईओ के फोरम को संबोधित करते हुए यह बात कही।


उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि भारत के विकास की गति धीमी हुई है और विकास दर पिछले एक दशक से अधिक समय की औसत आठ प्रतिशत की तुलना में पांच प्रतिशत रह गई है, लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार के उठाए कदमों के अलावा मॉनसून में अच्छी बारिश होने के कारण मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्थिति में बदलाव आएगा।


सिंह ने व्यापार जगत के नेताओं से कहा, मैं जानता हूं कि अमेरिका के व्यापार समुदाय में भारत की विकास की संभावनाओं, वृहत् आर्थिक स्थिरता और आर्थिक नीति के माहौल को लेकर कुछ चिंताएं है। इस संबंध में हमारी गंभीरता को लेकर आशंकाएं व्यक्त की गई हैं। यह एक गलत धारणा है।


और महिषासुर वध जारी है

भारत और अमेरिका के बीच 100 अरब अमेरिकी डॉलर के व्यापार के मौजूदा स्तर को दोनों देश पांच गुना बढ़ाना चाहते हैं और उन्होंने बाधाओं को दूर करने तथा दोनों देशों में व्यवसाय के माहौल में सुधार के लिए व्यापार और निवेश नीति से संबंधित सभी मुद्दों का तेजी से समाधान करने का संकल्प किया है।


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच वार्ता के बाद इस संदर्भ में दोनों पक्षों ने एक उच्च स्तर की द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई जो दोनों देशों में आर्थिक वृद्धि और नौकरी पैदा करने की दिशा में खुलेपन, पारदर्शिता और पूर्वानुमेयता को प्रोत्साहित करेगी ।


वे विनिर्माण क्षेत्र में निवेश पर एक संयुक्त समिति की स्थापना के लिए विचार करने पर भी सहमत हुए।


बातचीत के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, 'यह उल्लेख करते हुए कि 2001 से दोतरफा व्यापार पांच गुना होकर करीब 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक का हो चुका है, राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री सिंह इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय व्यापार को पांच गुना और बढ़ाने में कोई जटिल अड़चनें नहीं हैं।'


बयान में कहा गया कि ओबामा ने विश्वास जताया कि भारत की अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए जारी भारतीय आर्थिक सुधार और नीतिगत कदम आर्थिक वृद्धि को तेज करेंगे और दोनों देशों में व्यापार तथा नौकरियों के सृजन के लिए बड़े द्वार खोलेंगे।


इस बीच, एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया है कि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके अमेरिकी समकक्ष जैकब ल्यू 13 अक्तूबर को वाशिंगटन में भारत-अमेरिका आर्थिक वार्ता के अगले दौर की बैठक करेंगे।

Government to kick-start its disinvestment programme in first week of October


The finance ministry, in consultation with its disinvestment department, is likely to scale back of the disinvestment target by 10,000 crore to 30,000 crore.

Editor's Pick

Indian Oil Corporation Ltd.

BSE

208.05

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NEW DELHI: The government will kick-start its stuttering disinvestment programme in the first week of October but it is likely to scale back the target for the current fiscal, a senior official told ET.


The official said an offer for shares of Indian Oil CorporationBSE -1.54 % is likely after the shraadh period. Shraadh is a Hindu ritual performed to pay homage to one's ancestors. Hindus consider the period of shraadh inauspicious for new ventures.


The finance ministry, in consultation with its disinvestment department, is likely to scale back of the disinvestment target by 10,000 crore to 30,000 crore, the official said. The government also plans to launch public issues of Power Grid CorporationBSE -0.76 %and Coal India Limited by December or January, the official said.


Road shows for 10% stake sale in IOCBSE -1.54 % will start in the first week of October and the offer-for-sale could be wrapped by next month. The government expects to raise around 5,000 crore from the issue. "We are trying to get sovereign funds from the Middle East and will hold road shows in Dubai and countries like Singapore and Malaysia," another government official said on condition of anonymity. The government had put on hold its disinvestment programme because of the weakening rupeeand the impending tapering of the quantitative easing (QE) programme by the US Federal Reserve. The rupee has recovered in the past few weeks following a spate of measures taken by the government and the Reserve Bank of India.


"Now that we have this window where the QE tapering will happen by the end of this year or probably next year, so we need to push some of the big-ticket issues," the official quoted above said. According to the government's disinvestment roadmap, it will try to push 4% stake sale in Power Grid Corporation and 10% in Engineers India Limited through a follow-on offer before December 15. The government hopes to raise around 3,000 crore from these two issues.


It is also trying to push Coal India, NHPC Limited and NMDC Limited to go for buy-backs, hoping that they will help it raise around 12,000 crore.


"It is still being worked out if Coal India should go ahead with the buy back before the 5% stake sale through offer-for-sale route. If the market conditions are conducive, we will go ahead with the stake sale in early January," the official said.


The government, which so far collected 1,323 crore through disinvestment in six state-run firms, is expected to revise the target after it holds review by the end of this year. "If 10% stake sale in Coal India had gone off smoothly, we could have met the target. But now we need to optimise from limited issues," the above quoted official said.


Experts are of the opinion that the government should re-launch its programme with small issues to gauge the market response.


"There should be some momentum but the government carefully needs to plan the timing of the Coal India issue, which will be the most important issue of their disinvestment programme," said Jagannadham Thunuguntla, strategist and head of research at SMC Global Securities.


अब इस पर भी गौर करें

बीजेपी के पीएम इन वेटिंग नरेन्द्र मोदी को लेकर अमेरिका में जारी गतिरोध लगता है अब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। गुजरात दंगों के बाद मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से इंतार कर दिया था, जिसके बाद वो रोक अब तक लागू है। मोदी के पीएम कैंडिडेंट बनने के बाद अब लगता है कि उनके प्रति गतिरोध धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। अमेरिका के दो वरिष्ठ विद्वानों ने कहा है कि बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री बनने क बाद भारत-अमेरिका के बीच संबंधों में कोई बुनियादी बदलाव नहीं होगा, बल्कि इसमें और मजबूती आ सकती है। 'कार्नेजी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस' नामक संस्था के एश्ले टेलिस ने एक सम्मेलन मे कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से रिश्तों में कोई बुनियादी बदलाव नहीं होने वाला है। हलांकि मोदी के पीएम बनने पर इस बात की ज्यादा संभावना है कि आज की तुलना में उस समय रिश्ते ज्यादा मजबूत होंगे। उन्होंने ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के काल में भारत-अमेरिका के बीच संबंधों में काफी बदलाव हुए थे। एश्ले टेलिस का मानना है कि अगर अगले साल मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें अमेरिका आने की इजाजत मिल जाएगी।


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पीएम ने माना, देश गंभीर आर्थिक संकट में

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में लगातार गिरावट के साथ खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस सच्चाई को स्वीकार किया है कि देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। उसकी बाहरी और घरेलू समेत तमाम वजहें हैं। इन सबका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। लिहाजा, शुक्रवार को संसद में वह खुद देश की इस कठिन वित्तीय संकट की स्थिति पर बयान देंगे।

पढ़ें: आर्थिक आपातकाल

हाल के दिनों में रुपये की लगातार गिरती कीमत से खड़े हुए नए वित्तीय संकट पर गुरुवार को संसद भी काफी चिंतित दिखी। लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव समेत दूसरे सदस्यों ने इस मसले को उठाया। सरकार से जवाब की मांग को लेकर सदन की कार्यवाही भी दो बार स्थगित करनी पड़ी। जबकि, राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही नेता विपक्ष अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी में यह मुद्दा उठाया। जेटली ने कहा कि इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य 20 प्रतिशत तक गिर चुका है। एक डॉलर की कीमत 68 रुपये से ऊपर जा चुकी है। देश के लोग दहशत में हैं। वे जानना चाहते हैं कि रुपये का यह अवमूल्यन कहां जाकर रुकेगा?

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ रहा है। खाने-पीने की चीजों की कीमतें ही नहीं बढ़ रहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के चलते महंगाई का भी आयात कर रहे हैं। सवाल यह है कि इन स्थितियों में सरकार क्या करने जा रही है? प्रधानमंत्री भी चुप हैं। वह बताएं कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर (पुनर्जीवित) लाने के लिए उन्होंने क्या सोचा है। उन्हें देश और सदन को विश्वास में लेना चाहिए। माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि आर्थिक सुधारों की शुरुआत के 22 साल बाद आखिर देश फिर इस स्थिति में कैसे पहुंचा?

सदन में मौजूद प्रधानमंत्री ने माना कि देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। अमेरिका की मौद्रिक स्थिति और सीरिया में पैदा हुए तनाव के चलते तेल के दाम बढ़े हैं। उसका सबका असर भी देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। इन अनिश्चितताओं को भी समझना होगा। हालांकि, इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि इस संकट की वजहें घरेलू भी हैं। लिहाजा, वह शुक्रवार को इन स्थितियों पर संसद में खुद बयान देंगे।

उधर, लोकसभा में सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री पर तंज किया कि अर्थशास्त्र में पीएचडी किए बैठे लोगों से अर्थव्यवस्था नहीं संभल रही है। रुपये से देश की प्रतिष्ठा जुड़ी है और यह लगातार गिर रहा है। सपा के मुलायम सिंह यादव ने मौजूदा आर्थिक संकट के लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। 1991 में देश का सोना गिरवी रखना पड़ा था। इस बार भी दुनिया की नजर हमारे सोने पर है। इस मुद्दे पर ही दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। आखिरकार कार्यवाही तभी चल पाई, जब प्रधानमंत्री ने वहां भी सदन में आकर शुक्रवार को बयान देने का भरोसा दिया।





Apna Bihar
पटना में धुमधाम से मनाया जाएगा महिषासुर महोत्सव
पटना( अपना बिहार, 30 सितंबर 2013) – दुर्गा महिषासुर की पत्नी थी। देवताओं ने साजिश के तहत दुर्गा की शादी महिषासुर के साथ करवाया। नौ दिनों तक उसके साथ हमबिस्तर होने के बाद दुर्गा ने साजिश के तहत ही सोये अवस्था में शुद्रों के महानायक महिषासुर का वध कर दिया। ये बातें जाने-माने सामाजिक कर्मी उद्यन चंद्र ने कल राजधानी पटना के दारोगा राय पथ में दारोगा राय सभागार में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए कही। read more on www.apnabihar.org

बंगाल देवी दुर्गा के साथ महिषासुर के पूजन का भी गवाह बनेगा

बंगाल से बाहर बंगाल की चर्चा की एक खास वजह है दुर्गा पूजा। शक्ति की उपासना के इस पर्व में बंगालियों की तल्लीनता देखते बनती है। पंडालों और मूर्तियों में इनके इनोवेशन को देखने दुनिया भर के पर्यटक कोलकाता और राज्य के दूसरे हिस्सों का भ्रमण करते हैं। लेकिन, इस साल बंगाल देवी दुर्गा के साथ महिषासुर के पूजन का भी गवाह बनेगा। आदिवासी बाहुल्य पुरुलिया जिले में दो स्थानों पर विजयादशमी को महिषासुर के कथित शहादत का उत्सव मनाए जाने की तैयारी है।

कोलकाता से करीब 225 किलोमीटर दूर झारखंड की सीमा पर बसा है पुरुलिया। 90 के दशक में विदेशी एयरक्राफ्ट से यहां के कुछ गांवों में अत्याधुनिक हथियार गिराए जाने के कारण देशी-विदेशी मीडिया में पहली बार चर्चा में आया यह आदिवासी बाहुल्य जिला महिषासुर की कथित शहादत का जश्न मनाने की योजनाओं के कारण एक बार फिर चर्चा में है। जिले के झापड़ा कस्बे में 'खेरवाल बिर लॉक्चर कमिटि' ने विजयादशमी (13 अक्टूबर) को आदिवासियों के असुर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले महिषासुर की शहादत पर मेला लगाने की योजना बनाई है। इसके आयोजन में जुटे अजीत हेम्ब्रोम ने इसकी पुष्टि की। 32 वर्षीय इस आदिवासी युवा ने बताया कि उक्त समारोह में भागीदारी के लिए देश भर के आदिवासियों को निमंत्रण भेजा गया है। इसमें झारखंड व बंगाल के अलावा छत्तीसगढ़, ओडिशा, असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली आदि राज्यों के सैकड़ों लोग शामिल होंगे। इस दौरान महिषासुर की पूजा की जाएगी।
अजीत की मानें तो देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच कोई युद्ध नहीं हुआ था। महिषासुर का असली नाम हुडुर दुर्गा था और साजिश के तहद उनकी हत्या की गई थी। यह आर्यो-अनार्यो की लड़ाई थी, जिसमें महिषासुर मारे गए।
इसी तरह पुरुलिया के ही भेलागोड़ा, काशीपुर में 'आदि शहीद स्मारक फेस्टिवल महिषासुर स्मरण' नामक समारोह आयोजित किया जाने वाला है। यहां के समारोह के संचालन में चरियन महतो जुटे हैं। वह भी आदिवासी हैं। महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हैं।
बहरहाल, इस आयोजन की सफलता के लिए फेसबुक पर भी अभियान चलाया जा रहा है। 'असुर आदिवासी विजडम डाक्यूमेंटेशन इनिशियेटिव' नामक फेसबुक पेज पर इस आयोजन में शामिल होने की अपील की गई है। इस पेज को सैकड़ों आदिवासियों ने लाइक किया है और दर्जनों लोगों ने इसके साथ लगी महिषासुर की फोटो को अपने वाल पर शेयर भी किया है।
http://ambedkaractions.blogspot.in/2013/09/blog-post_6008.html

Navbharat Times Online
नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी इलाके में इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक कॉलेज में घुसकर फायरिंग की और दर्जनों स्टूडेंट्स को मौत के घाट उतार दिया।

लिंक पर क्लिक करें और पढ़ें पूरी खबर...
http://nbt.in/JJJmIa

और महिषासुर वध जारी हैशिवगंगा (तमिलनाडु) : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार को यहां कहा कि संप्रग सरकार का लक्ष्य समाज के सभी वर्गों का विकास सुनिश्चित करना है।


यहां बैंक आफ महाराष्ट्र की 1856वीं शाखा का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में बैंक शाखाएं खोली गई हैं जिससे स्वयं सहायता समूहों और छोटे व्यापारियों को लाभ मिल सके।


उन्होंने कहा कि व्यापार अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए ऋण हासिल करने के संबंध में किसी भी बैंक से संपर्क कर सकते हैं।


चिदंबरम ने कहा, ' कारोबार या उद्योग के लिए कर्ज लेने में कोई हर्ज नहीं है। ऋण लेना व्यापारियों का अधिकार है. और ऋण देना बैंक का दायित्व है। यदि बैंक ऋण नहीं देते हैं तो वे मुनाफा नहीं कमा सकेंगे। लेकिन ऋण लेने वालों को उचित ढंग से कारोबार करना चाहिए ताकि वे रिण लौटा सकें।'

Amitabh Bachchan
FB 346 - Walking into the portals of the KBC extravaganza, the start of the day and my abode till late in the night .. and with the 'doosra mauka' contestant Johnson Philem form Manipur, wearing the scarf he gave to me, locally made signifying the symbolic coming together in a bond of friendship between those in Manipur that live in the hills and of those that live in the valley .. it has now become that element of togetherness between Johnson and me .. !!!

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Modi lambasts Sharif over 'dehati aurat' remark on PM

Nawaz Sharif, how dare you address my nation's prime minister as a village woman? There cannot be a bigger insult of the Indian prime minister," Modi said.


Sensex ends 347 pts lower ahead of CAD data; banks, metals down

By ECONOMICTIMES.COM | 30 Sep, 2013, 03.43PM IST


According to ET Now Poll estimates, India's CAD for 1Q FY14 is likely to be at $23 billion vs $18.1 billion, Q-o-Q. According to analysts, weak rupee and GDP growth contraction are likely to impact CAD.

Editor's Pick

Tata Steel Ltd.

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ET SPECIAL:

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MUMBAI: The S&P BSE Sensex witnessed sharp selling pressure in the last half and hour of trade and closed 347 points down on back of weak global cues and ahead of the current account deficit (CAD) data.


According to ET Now Poll estimates, India'sCAD for 1Q FY14 is likely to be at $23 billion vs $18.1 billion, Q-o-Q. According to analysts, weak rupee and GDP growth contraction are likely to impact CAD.


The 50-share Nifty index closed at 5,735.30, down 97.90 points or 1.68 per cent. The index touched intraday high of 5,810.20 and a low of 5,719.45.


The Sensex ended at 19,379.77, down 347.50 points or 1.76 per cent. It touched a high of 19,651.31 and a low of 19,320.73 in trade today.


The S&P BSE Midcap Index was down 0.35 per cent and the S&P BSE Smallcap Index fell 0.49 per cent.


Among the sectoral indices, the S&P BSE Bankex fell 3.21 per cent, the S&P BSE Capital Goods Index was 2.91 per cent lower, the S&P BSE Metal Index declined 2.54 per cent and the S&P BSE Realty Index was 2.27 per cent lower.


Tata SteelBSE -5.65 % (5.37 per cent), ICICI BankBSE -4.15 % (4.60 per cent), Coal India (4.33 per cent), BHELBSE -4.58 % (4.20 per cent) and L&T (3.64 per cent) were among the top Sensex losers.


Shares of Tata Steel and other metal stocks were under pressure following proposed 15 per cent hike in railway freight tariff from October 1 and lower-than-expected China's PMI data for the month of September.


HULBSE 1.06 % (0.83 per cent), Infosys (0.15 per cent), Sun Pharma (0.04 per cent) were the only index gainers.


The market breadth was negative on the BSE with 896 gainers against 1,393 losers.


The foreign institutional investors sold shares worth Rs 244.95 crore while domestic institutional investors were net sellers worth Rs 115.27 crore on Friday as per the provisional data from the National Stock Exchange.


(Except Sensex and Nifty, all figures are provisional)

http://economictimes.indiatimes.com/markets/stocks/market-news/sensex-ends-347-pts-lower-ahead-of-cad-data-banks-metals-down/articleshow/23303177.cms


Gods forbid: Temples guard their gold from government

Indians buy as much as 2.3 tonnes of gold, on average, every day - the weight of a small elephant - and what they don't give to the gods is mostly hoarded.


Aaj Tak
गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी दिल्ली में दहाड़े. तस्वीरों में देखिए मोदी की रैली के रंग... http://aajtak.intoday.in/gallery/modi-address-rally-in-delhi-1-5862.html

Earth. We are one.

www.ewao.net

Reuters India
Banking stocks fall on worries about higher non-performing loans and the possibility of RBI raising rates one more time with its new found focus on inflation, dealers say.

Sensex falls over 250 points; banks decline

in.reuters.com

The BSE Sensex falls over 1 percent on caution ahead of the April-June current account deficit, which is expected to have widened from the previous quarter.

Aaj Tak
दिल्‍ली की रैली में #NarendraModi ने कहा, भारत की गरीबी दिखाकर अवॉर्ड जीतने वाले फिल्‍म निर्माताओं की तरह #ManmohanSingh ने देश की गरीबी को बेचा. वीडियो में देखें और क्‍या-क्‍या बोले मोदी... http://bit.ly/17eK4hA

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Aaj Tak
इस साल की मोस्ट अवेटेड फिल्मों में से एक 'धूम-3' का पोस्टर रिलीज हो गया है. पोस्टर में उदय चोपड़ा, अभिषेक बच्चन, आमिर खान और कैटरीना कैफ नजर आ रहे हैं...
http://aajtak.intoday.in/story/dhoom-3-poster-release-1-743277.html

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Laxman Singh

September 23


जातिवादी दलित विरोधी तथाकथिटी प्रगतिशील लोगों के संश्थान की पोल खुली आर टी आई से .

एन एस डी में एक भी आदिवासी या दलित टीचर नहीं है. पूछने पर जवाब मिला की पिछले १९ साल में कोई भी काबिल व्यक्ति नहीं मिला वंचित समुदायों से ....इस खबर को फैलाएं कृपया it is reveled by RTI that

casteist and anti dalit institute NATIONAL SCHOOL OF DRAMA have not recruited even a single teacher from SC ST category ever .though it claims to be a very progressive institute .please share this news.

ET NOW
#MarketsNow: Quick market update @ 12:33 pm, 30th Sep. On#ETNOW, get the news that moves the market.

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Dilip C Mandal
तुलसीदास का कलियुग वर्णन. मूल पाठ, टीका समेत. उत्तरकांड/रामचरितमानस....

जे बरनाधम तेलि कुम्हारा। स्वपच किरात कोल कलवारा।
नारि मुई गृह संपति नासी। मूड़ मुड़ाइ होहिं संन्यासी॥

तेली, कुम्हार, चांडाल, भील, कोल और कलवार आदि जो वर्ण में नीचे हैं, स्त्री के मरने पर अथवा घर की संपत्ति नष्ट हो जाने पर सिर मुँड़ाकर संन्यासी हो जाते हैं।

ते बिप्रन्ह सन आपु पुजावहिं। उभय लोक निज हाथ नसावहिं॥
बिप्र निरच्छर लोलुप कामी। निराचार सठ बृषली स्वामी॥

वे अपने को ब्राह्मणों से पुजवाते हैं और अपने ही हाथों दोनों लोक नष्ट करते हैं। ब्राह्मण अपढ़, लोभी, कामी, आचारहीन, मूर्ख और नीची जाति की व्यभिचारिणी स्त्रियों के स्वामी होते हैं।

सूद्र करहिं जप तप ब्रत नाना। बैठि बरासन कहहिं पुराना॥
सब नर कल्पित करहिं अचारा। जाइ न बरनि अनीति अपारा॥

शूद्र नाना प्रकार के जप, तप और व्रत करते हैं तथा ऊँचे आसन (व्यास गद्दी) पर बैठकर पुराण कहते हैं। सब मनुष्य मनमाना आचरण करते हैं। अपार अनीति का वर्णन नहीं किया जा सकता।

दो० - भए बरन संकर कलि भिन्नसेतु सब लोग।
करहिं पाप पावहिं दुख भय रुज सोक बियोग॥ 100(क)॥

कलियुग में सब लोग वर्णसंकर और मर्यादा से च्युत हो गए। वे पाप करते हैं और (उनके फलस्वरूप) दुःख, भय, रोग, शोक और (प्रिय वस्तु का) वियोग पाते हैं॥ 100(क)॥

http://www.hindisamay.com/contentDetail.aspx?id=966&pageno=7
तुलसीदास :: :: :: रामचरितमानस :: कविता
www.hindisamay.com
तुलसीदास,रामचरितमानस,कविता,तुलसीदास रामचरितमानस
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Prakash K Ray
A shameful day for Bihar: Two former CMs- RJD's Laloo Prasad and JD(U)'s Jagannath Mishra (a former veteran Congressman) along with 44 others convicted in the notorious fodder scam by a CBI Court in Ranchi. There were 56 accused in the case- seven accused died, two turned approvers, one admitted to the crime and one was discharged.
Abhishek Srivastava
***तस्‍वीर का परदाफाश***

यह तस्‍वीर, जिसे इंडिया टुडे कल हुई मोदी की रैली की बता रहा है वह 4 नवंबर, 2012 को प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के समर्थन में कांग्रेस द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित की गई रैली की है, लिंक देखें (http://www.thehindu.com/news/sonia-india-needed-a-large-dose-of-investment-of-which-fdi-was-a-part/article4064418.ece)

तस्‍वीर पीटीआई की है, जिसे दि हिंदू ने अपनी खबर में क्रेडिट दिया है।

अब India Today के पास क्‍या कोई जवाब है? — with Dilip C Mandal and 18 others.
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Vidya Bhushan Rawat
मोदी की देहाती औरत वैसे ही है जैसे सुषमा और उमा की नज़र में विधवा महिलायें ? शायद आपको याद होगा के २००४ में इन दोनों ने सोनिया के प्रधान मंत्री बन्ने के विरोध में 'विधवाओं' की तरह जीवन यापन करने का निर्णय था. संघ और हिंदुत्व इन महिलाओं को किस नज़रिए से देखता है वो सुष्माजी के भाषणों और लछेदार जुमलो में अक्सर नज़र आता है और आज 'देहाती' औरत का अपमान केवल सामंती नवाज़ शरीफ ने ही नहीं किया अपितु देश की संस्कृति के ठेकेदार नरेन्द्र मोदी ने भी किया ? आखिर देहाती औरत बोलकर कौन सा अपमान हो गया ? नवाज़ शरीफ मानते होंगे के देहाती औरतो के कोई दिमाग नहीं होता और मोदी मानते हैं के देहाती औरत के कोई सम्मान नहीं होता लेकिन भारत लेकिन भारत को चलाने वाली असली महिलायें देहाती ही हैं जो हमारे खेतो में काम करती हैं और असली किसान हैं है. यह देहाती महिलायें ही हमें अन्न देती हैं और वे वेवकूफ नहीं है जो मोदी सोचते हैं . लानत है ऐसे सोच पर . हकीकत यह है के मोदी और शरीफ एक ही सिक्के के पहलू हैं और दोनों को एक दुसरे की जरुरत होती है . मुस्लिम लीग और संघ के विचारो में समानता जग जाहिर है और दोनों महिलाओं और दबे कुछ्ले लोगो को कैसे समझते हैं इसके लिए हमें बहुत ज्यादा इतिहास को खंगालने की जरुरत नहीं है . दोनों को चुनाव जीतने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण चाहिए और खास बात यह है के दोनों 'आधुनिक ' होने का दावा भी करते हैं। मतलब पूंजी और धर्म के सबसे बेहतरीन उपयोग लीग और हिंदुत्व के ठेकेदारों ने ही किया है. भारत को ऐसी ताकतों से.
Himanshu Kumar
भारत की फिल्मों में हीरो के चारों तरफ दसियों लड़कियां नाचती हैं,

और वो अपनी मर्दानगी में मगरूर उन लड़कियों को बुरी तरह अनदेखा करता है जैसे कि वे महिलायें वहाँ हैं ही नहीं .

असल इस तरह हमें दिखाया जाता है कि मर्द कितना महत्वपूर्ण है और औरतें कितनी महत्वहीन होती हैं .
दुनिया में किसी और देश में इस तरह से महिलाओं को को चित्रित नहीं किया जाता .

हम असल में एक पिछड़े और बीमार ,सामंती दिमाग के अवशेष हैं .
Rajiv Nayan Bahuguna
मोदी की दिल्ली रैली में उमड़े सैलाब से हतप्रभ होने की आवश्यकता नहीं है . मैं भी दिल्ली में होता , तो अवश्य यह देखने जाता कि आखिर एक निर्मम , बर्बर , प्रगल्भ और झूठा आदमी दीखता कैसा है और सफ़ेद झूठ बोलते हुए ज़बान लडखडाती है या नहीं
Abhishek Srivastava
मोदी की रैली का एक और रहस्‍य:

मंच के दाहिनी ओर मीडिया प्रवेश द्वार के पास कैमरों के लिए एक जगह दी गई थी जहां सारे चैनलों के कैमरे ट्राइपॉड पर तने हुए थे। वहां से सिर्फ ग्रेजि़ंग एंगल पर (यानी सतह से समानांतर) शॉट लिए जा सकते थे। मंच के सामने क्रेन वाले सिर्फ दो कैमरे हवा में श्रोताओं के सिर पर मंडरा रहे थे। अब ये कैमरे भाजपा के हों, किसी न्‍यूज़ एजेंसी के या किन्‍हीं दो समाचार चैनलों के, सवाल उठता है कि सारे चैनलों को एक ही फीड कैसे मिली जिसमें ''लाखों'' की जनता को दिखाया गया?

चूंकि सारे समाचार चैनलों पर एक ही विजुअल चला है, इसलिए यह दो क्रेन वाले कैमरों की सिंगल फीड होने के नाते या तो चैनलों के बीच का आपसी बंटवारा था या फिर बीजेपी के रैली आयोजकों का कमाल, जिन्‍होंने डिजिटल मंच बनाकर एक ही फीड सारे चैनलों को मुहैया कराई।

कृपया कोई तकनीकी ज्ञान वाला व्‍यक्ति इस रहस्‍य पर से परदा उठाए। — withYashwant Singh and 6 others.
ET NOW
#MarketsNow: Quick market update @ 9:48 am, 30th Sep. On#ETNOW, get the news that moves the market.
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anjay Khobragade
हमारे देश में दो तरीकेका न्याय है ...... न्याय करने के पहिले अन्याय जिसके ऊपर हुवा है वो किस तबके का है उसकी जाती क्या है इस पर से मिडिया ठहराता है की उस मुद्दे को उठाना है या नहीं और किस हद तक उसे उठाना है. अन्याय चाहे खैरलांजी जैसा भयानक हो या हरियाणा में हाल ही में हुवी बलात्कार की घटना हो मिडिया ये उच्च्वर्निय तबके के लिए ही काम करता है और अगर निर्भया जैसा केस आगे आता है तो मीडिया इसे देश की जनभावना के साथ जोड़ने में सफल हो जाता है. फिर राजनेता घडयाली आसू बहाते है तो फिल्मस्टार आगे आके अपनी संवेदना जताते है. हर कोई अपनी संवेदना जताने सडको पर निकलता है क्योंकि मिडिया में आना है. येही बात अगर बहुजन समाज के किसी परिवार के साथ घटती है तो जनभावना तभी आएगी जब मीडिया दिखाएगा. अगर मिडिया ने दिखाया ही नहीं तो आप कितना भी चिल्ला लो खाक न्याय मिलेगा. निर्भया के केस में न्याय व्यवस्था कहती है हमें जनभावनावो का आदर करते हुवे सारे आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए. जबकि खैरलांजी हत्याकांड ये इससे भी घृणित तरीकेसे से किया गया जहा हत्याकांड, बलात्कार, अवयव काट के फेकना, लोहे की सलाख गुप्तांगो में घुसेड़ना और न जाने क्या क्या मगर सजा मिली आजन्म कारावास .............. कोई फिल्मस्टार, राजनेता मीडिया के माध्यम से आंसू बहाने टीवी पर दिखा ही नहीं ......... इस देश की व्यवस्था को ठीक करने के लिए महात्मा फुले और बाबासाहब को कितनी बार यहाँ जन्म लेना पड़ेगा ?
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Alok Putul
http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/09/130929_pds_chattisgarh_fake_ration_card_aa.shtml
छत्तीसगढ़: 'परिवार 56 लाख, राशन कार्ड 64 लाख' - BBC Hindi - भारत
www.bbc.co.uk
देश में पहला खाद्य सुरक्षा क़ानून लागू करने का दावा करने वाले छत्तीसगढ़ में खाद्य सुरक्षा योजना को लेकर विवाद शुरू हो गए हैं. अब राज्य में लाखों फ़र्ज़ी राशन कार्ड बनाए जाने के आरोप लगे हैं.
GUJARAT DEVELOPMENT
24 Ghanta
চিটফান্ড প্রতিরোধ বিল প্রত্যাহার করল রাজ্য সরকার
http://zeenews.india.com/bengali/zila/chitfund-bill-withdraw_16862.html


Umesh Tiwari
एक ऐसे गुनाह के लिए जो 17 साल पहले किया गया, आज लालू यादव को दोषी करार दिया गया। इन 17 सालों में वो देश के राजकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे, संसद में दनदनाते रहे, कानून बनाने की प्रक्रिया को प्रभावित करते रहे ......काश हमारे कोर्ट त्वरित न्याय देने में सक्षम होते तो ये लोग सामान्य अपराधी की तरह जेल जाते न कि राजनेताओं की तरह। ज़मानत मिलेगी और लूट के पैसे से उनके रिश्तेदार अपनी राजनीति चमकाएंगे.....हाँ वो अब सांसद नहीं रहेंगे, किसी को धन्यवाद करना चाहेंगे ?

चन्द्रशेखर करगेती
क्या क्या माँगे सुप्रीम कोर्ट से ?

इस देश में विधायिका के हर चुनाव में जहां अधिकतम 50 से 60 फीसदी के बीच मतदान होता हो, वहाँ सुप्रीम कोर्ट का "इनमें से कोई नहीं" के फैसले पर इतनी खुशी जताने की जरुरत कहाँ रह जाती है ? देश में होने वाले विधायिका के हर चुनाव में 40 से 50 फीसदी जनता तो पहले से ही कह देती है कि "इनमें से कोई नहीं" और यही कारण है कि इतनी बड़ी तादात में जनता कभी मतदान करने नहीं जाती ! अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बस यह हो सकता है जिसे रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराना हो वो ही मतदान केंद्र पहुंचेगा, लेकिन प्रश्न आज भी खड़ा है, क्या इससे भारत की मतदान प्रक्रिया सुधरेगी ?

मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि जब तक देश में अनिवार्य मतदान का कानून लागू नहीं कर दिया जाता है तब तक सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश का कोई महत्व नहीं रह जाता, क्योंकि विधायिका के हर चुनाव में जो 40 से 50 फीसदी लोग मतदान करने नहीं जाते हैं, उनका मतदान से विमुख होना उम्मीदवारों की नापसंदगी ही है !...See More— with Rajiv Nayan Bahuguna and 18 others.

Unlike ·  · Share · September 28 at 8:00am · Edited ·

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  • चन्द्रशेखर करगेती समीर रतूड़ी जी लोकतंत्र की मजबूती के लिए आदर्श स्थिति यही है कि हरेक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करे। इस नाते 2005 में भाजपा के एक सांसद लोकसभा में 'अनिवार्य मतदान' संबंधी विधेयक लाए भी थे । लेकिन बहुमत नहीं मिलने के कारण विधेयक पारित नहीं हो सका । क...See More

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  • चन्द्रशेखर करगेती कमल पांडे जी मतदान की अनिवार्यता अल्पसंख्यक व जातीय समूहों को 'वोट बैंक' की लाचारगी से भी छुटकारा दिलाएगी । राजनीतिक दलों को भी तुष्टिकरण की राजनीति से निजात मिलेगी । क्योंकि जब मतदान करना जरूरी हो जाएगा तो किसी धर्म, जाति या क्षेत्र विशेष से जुड़े मतद...See More

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  • चन्द्रशेखर करगेती Sameer Raturi भाई उम्मीद करता हूँ आपकी सभी शंकाओं का समाधान हो गया होगा, वे बंद पड़े किवाड़ अब खुल चुके होंगे जहाँ से मेरी बात आपके दिलोघर तक पहुँच सके...

  • 16 hours ago · Like

  • मनोरथ कोठारी अगर चुनाव आयोग एक शर्त यह जोड़ दे

  • कि यदि सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले प्रत्याशी को मिले मत 'इनमें से कोई नहीं' के मत से कम हों तो चुनाव रद्द हो जायेगा, तो शायद कुछ बदलाव हो सके....!!!!

  • 15 hours ago via mobile · Like

चन्द्रशेखर करगेती
क्या देहाती औरत सम्मान के लायक नहीं ?

हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को न्यूयार्क में पाकिस्तान के वजीरे आजम नवाज शरीफ ने देहाती औरत कहा कि नहीं इसको लेकर संशय बरकरार है । इस पर एक लंबी चौड़ी बहस भी की जा सकती है, लेकिन जिस अंदाज में भाजपा से पीएम पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी ने देहाती औरत शब्द पर जोर देकर जिस तरह से देहाती औरत को लेकर अपनी सोच का प्रदर्शन किया उससे ये तो जाहिर होता ही है कि गांवों में बसने वाले भारत में आज किसी को देहाती कहे जाने पर नरेन्द्र मोदी को अपमान महसूस हो रहा है । उन्हें मनमोहन सिंह को देहाती औरत कहे जाने पर ऐतराज है । आखिर क्यों..?

क्या मोदी की नजर में एक देहाती औरत का कोई सम्मान नहीं है..? क्या आपकी नजर में देहाती औरत समाज में रहने लायक नहीं है..? मोदी के इस गुस्से और हाव भाव देखकर तो कम से कम यही अंदाजा हो रहा है कि देहाती औरत न हो गयी अछूत हो गयी..!

यह ठीक है कि दूसरे देश के प्रधानमंत्री खासकर पाकिस्तान के वजीरे आजम नवाज शरीफ के हमारे प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करने पर मोदी ने आपत्ति जतायी, लेकिन मोदी ने गुस्सा प्रकट किया और उनका गुस्सा सिर्फ इस बात पर हैं कि हमारे प्रधानमंत्री को देहाती औरत की संज्ञा दे दी गयी । नवाज शरीफ ने जो कहा, नहीं कहा...उसे छोड़िए लेकिन मोदी ने देश की राजधानी में भरे मंच से देश की जनता के सामने एक देहाती औरत का क्या मान रखा यह गुर करने वाली बात है ?

गांवों में बसने वाले भारत की एक देहाती औरत के सम्मान की तो आपने एक पल में ही धज्जियां उड़ा दीं ? क्या सोच रहे होंगे लोग गांवों में बसने वाले भारत की उन औरतों के लिए जो दिन रात बिना किसी ऐशोआराम की चाहत के बिना अपने परिवार का ख्याल रखती हैं ? जो किसी बनावटी मुस्कान के बिना ही अपनों का दिल जीत लेती हैं । जो अपने सपनों का गला घोंट कर अपने परिवार की खुशी के लिए हर दुख हंसते हंसते सहन कर लेती है । जो शहर की चकाचौंध से दूर आज भी न सिर्फ भारतीय संस्कृति को जिंदा रखे हुए हैं बल्कि इस परंपरा को बिना रुके आगे बढ़ा रही हैं ।

मोदी जी ये देहाती औरत ही है जो आज भारतीय संस्कृति को जिंदा रखे हुए है । इनके लिए तो दिल में सम्मान का भाव पैदा होना चाहिए न कि इनसे किसी की तुलना करने पर गुस्सा आना चाहिए ।
चोरी करने के बाद सीना जोरी करने वाले पाकिस्तान के वजीर नवाज शरीफ की भारत के प्रधानमंत्री मनोमहन सिंह पर टिप्पणी पर गुस्सा आना लाजिमी है लेकिन गांवों में बसने वाली भारतीय महिलाएं जिसे देहाती औरत कहा जा रहा है, उसका अपमान करना तो जायज नहीं है, वो भी उस व्यक्ति का जो देश की राजनीति में अपने आपको संस्कृति का झंडा बरदार कहलाने का दंभ भरने वाली पार्टी से अगले 2014 के लोकसभा चुनाव के पश्चात बहुमत पाने पर प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के ख्वाब संजोये हुए हो !

साभार : दीपक तिवारी
Satya Narayan
रैली में आखिर लाखों लोग आए कहां से? क्‍या सिर्फ 26 मेट्रो से? बसों और निजी वाहनों से तो जाम लग जाता, जबकि ग़ाजि़याबाद से रोहिणी और वहां से वापस रिंग रोड, आउटर रिंग रोड व भीतर की पंजाबी बाग वाली रोड को कुल 125 किलोमीटर हमने पूरा नापा। ग़ाजि़याबाद का जि़क्र इसलिए विशेष तौर पर किया जाना चाहिए क्‍योंकि राजनाथ सिंह यहां से सांसद हैं और पिछले दो दिनों से बड़े पैमाने पर यहां रैली की तैयारियां चल रही थीं। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि मोदी की जनसभा में जितने भी नेताओं के कटआउट आए थे, सब ग़ाजि़याबाद से आए थे जिन्‍हें एक ही कंपनी ''आज़ाद ऐड'' ने बनाया था। सवेरे साढ़े आठ बजे तक ये कटआउट यहां ट्रकों में भरकर पहुंच चुके थे, हालांकि ग़ाजि़याबाद से श्रोता नहीं आए थे। वापस पहुंचने पर इंदिरापुरम, ग़ाजि़याबाद के स्‍थानीय भाजपा कार्यकर्ता टीवी पर मोदी का रिपीट भाषण सुनते मिले।
http://www.bhadas4media.com/state/delhi/14822-2013-09-29-12-56-02.html
#Feku #Modi #Modiyapa #BJP #मोदी #भाजपा #रैली
Abhishek Srivastava via Junputh
''भारत माता की जय'' के साथ कवि की बेढंगी कविता शुरू हुई। फिर एक और कवि आया जिसने छंदबद्ध गाना शुरू किया। कराची और लाहौर को भारत में मिला लेने के आह्वान वाली पंक्तियों पर अपने पीछे लाइनें दुहराने की उसकी अपील नाकाम रही क्‍योंकि कार्यकर्ता अपने प्रचार कार्य में लगे थे और दुहराने वाली जनता अब भी नदारद थी।

जनपथ : विकास रैली की पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट: दिल्‍ली, 29 सितंबर 2013

www.junputh.com

Abhishek Srivastava
*** रैली में आई लाखों जनता के विजुअल का परदाफाश***

मित्र Ankit Agrawal के सौजन्‍य से यह जानकारी मिली है कि नरेंद्र मोदी की रोहिणी में हुई रैली में मंच के सामने लगे दोनों क्रेन वाले कैमरे ideal communication नाम की एजेंसी के थे जिसे भाजपा ने दस लाख रुपये में हायर किया था। यह जानकारी उन्‍हें मंच के सामने स्‍क्रीन ऑपरेट कर रहे एक एजेंसी के कर्मचारी और भाजपा के वॉलंटियर ने दी।

इन्‍हीं दो क्रेन कैमरों से सारे चैनलों को आउटपुट जा रहा था और हमें लाखों की जनता के विजुअल देखने को मिल रहे थे। — with Dilip C Mandal and 10 others.
Jagadishwar Chaturvedi
मोदी के बडबोलेपन और हिटलर के विचारों में काफ़ी साम्य है़

Arun Maheshwari

An excerpt from my book on RSS :


हिटलर कहा करता था : हमारे पास जितनी भौतिक सामग्रियाँ हैं, वे सभी कुछ महान लोगों की तपस्या की बदौलत हैं...हमें नहीं भूलना चाहिए कि संस्कृति के सभी लाभों को फौलादी घूसे से लागू करना होगा। (विलियम शिरर, द राइज एंड फाल आफ द थर्ड राइख, पृ. 265)


'संस्कृति के लाभों', 'श्रेष्ठ जर्मन संस्कृति' को फैलाने के लिए हिटलर ने पहले जर्मनी को ही रौंदा, लाखों-लाखों को मौत के घाट उतार दिया। जनतंत्र का जब्ह किया और फिर पूरी दुनिया के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया जिसके विवंस के इतिहास के बारे में कौन नहीं जानता। जर्मन राष्ट्र को 'जगाने' के बाद मौत और बरबादी के उस महा-ताण्डव का प्रारम्भ करते हुए हिटलर ने अपने सहयोगियों को ललकारते हुए कहा :


अब हमारा सबसे फौलादी इरादा है। अब और पीछे की ओर नहीं देखना है।...शान्ति का काल हमारे कुछ काम का नहीं...पौरुष का परिचय देना है...हमारे पास बहादुर पुरुष है...विरोा के लोग कमजोर हैं...1918 में राष्ट्र कमजोर था...1918 में राष्ट्र परास्त हुआ था क्योंकि उसमें आवश्यक आत्मिक शक्ति का अभाव था।


युद्ध के प्रारम्भ के लिए मैं एक प्रचारमूलक तर्क तैयार करूँगा। यह कभी मत सोचो कि वह सच है या नहीं, विजेता से बाद में कोई नहीं पूछेगा कि उसने सच कहा था या नहीं। युद्ध छेड़ने और चलाने में 'सहीपन' का कोई मतलब नहीं है, सिर्फ जीत का मतलब होता है।


छोटी चीजों के प्रति यान मत दो। पूरी निर्दयता के साथ उतरो। आठ करोड़ लोगों का जो अधिकार है उन्हें मिलना चाहिए...कठोर और निष्ठुर बनो। भावनाओं के सभी संकेतों के खिलाफ फौलादी बनो...जिसने भी इस विश्व पर विचार किया है, जानता है कि इसका एकमात्र अर्थ है शक्ति के बल पर श्रेष्ठ की सफलता। (शिरर, वही, पृ. 709)


उपरोक्त बात की रोशनी में नरेन्द्र मोदी और उसके समर्थकों का तेवर देखिये ।


CAD for Q1 FY14 may rise to $23 billion: ET Now Poll


A rapid slide in the rupee to an all-time low of 68.81 to the dollar at the end of August had raised concerns over a ballooning current account deficit.

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NEW DELHI: The Current Account Deficit(CAD) for the first quarter of the current financial year is expected to come in at $23 billion versus $18.1 billion quarter-on-quarter, says an ET Now Poll. The consensus estimates of the poll range from $22 billion to $28 billion.


According to the poll, weak rupee and GDPgrowth contraction would have impacted the CAD. "A high trade deficit will impact CAD, Q1 trade deficit is at $50.2 billion," says the poll.


The participants of the poll feel that government and Reserve Bank of India's (RBI) steps will help improve CAD going forward. Better external demand and weak rupee will boost exports, which in turn will reduce CAD, the poll says.


The FY14 CAD is likely to stand at $75 billion, lower than the $87.8 billion in FY13, the poll adds.


ET on Monday reported that predictions of a balance of payments crisis in India similar to the one in 1991 may have been exaggerated. Based on the latest data, the finance ministryexpects the CAD for the current year at 2.6% of GDP or $48.2 billion, much below its August estimate of $70 billion or 3.7% of GDP and a big improvement over the record 4.8% posted last fiscal.


Finance minister P Chidambaram should not only be able to fund this deficit, as he has been repeatedly promising, but also add $20 billion to the foreign exchange kitty in the fiscal."The numbers are looking much better now," said a senior government official aware of the latest current account deficit projections.


Some private estimates have also pointed to a dramatic improvement in this measure of the economy's external health.


A rapid slide in the rupee to an all-time low of 68.81 to the dollar at the end of August had raised concerns over a ballooning current account deficit.


A Credit Suise note pegs the 2013-14 current account deficit even lower than the ministry estimates, assuming better inflow from invisibles, including IT exports.


"India's high invisibles (services exports mainly) mean CAD decline is even sharper. CAD of $35 billion is possible if IT services exports rise 7%," the brokerage said, adding that it can be funded easily just with FDI flows and NRI deposits. "I expect it to be lower than $70 billion... It could be between 3-3.5%," said Abheek Barua, chief economist, HDFC BankBSE -2.63 %.


The dramatic improvement is based on better-than-expected exports, compression in goldand other imports and tempered demand for oil. Exports rose 4% in April-August, against the ministry's earlier estimate of 1.8% growth.


If this rate is maintained, and indications are it will be, the ministry expects exports for the full year at $319 billion against $312 billion estimated in the current account deficit break-up given by the finance minister in August that pegged the shortfall at $70 billion.

http://economictimes.indiatimes.com/news/economy/indicators/cad-for-q1-fy14-may-rise-to-23-billion-et-now-poll/articleshow/23304099.cms

Raghuram Rajan panel opens window for giving special category status to BiharThe Raghuram Rajan panel report has opened the window for according special category status to Bihar and other backward states.

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PATNA: The Raghuram Rajan panel report has opened the window for accordingspecial category status to Bihar and otherbackward states but all that will require a political will, said panel member Shaibal Gupta. The panel set up to evolve a methodology for devolution of funds to states on the basis of their need and performance recently submitted its report to the Centre.


The report, which categorised Bihar among the 10 least developed states buttressing their case for seeking larger quantum of funds, however, remained silent on the special category status demand, an issue which is now being raked up by the Opposition BJP in Bihar.


Gupta defended the report describing it as a very positive development which will change the discourse of development in the country.


"The committee adopted variables for formulating composite index development of states. We would have been far happier if variables like per capita income, energy consumption, credit deposit ratio were adopted by the committee for formulating new methodology for measuring the backwardness of the states,"Gupta told reporters here on Sunday.


At the same time, Gupta said the report was not a static piece of document and the criteria recommended by the committee could be revisited after every five years. "I even submitted my dissent note to the committee hoping our variables will be adopted later. The report opens the window for necessary course correction in future," Gupta remarked.


Anyway, he said, the first round of battle has been won with Bihar all set to garner larger quantum of fund following its categorisation as the second most least developed state in the country.

http://economictimes.indiatimes.com/news/economy/policy/raghuram-rajan-panel-opens-window-for-giving-special-category-status-to-bihar/articleshow/23289668.cms


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