THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Tuesday, November 10, 2015

आज से पूर्व सैनिक अपने अवार्ड्स और मेडल्स वापस करने जा रहे हैं. ये अवार्डस और मेडल्स भी किसी सरकार ने नहीं बल्कि देश ने दिए थे. साहित्यकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के अवार्ड वापस करने से ज़्यादा सैनिकों की अवार्ड वापसी से दुनिया में हमारी बदनामी होने वाली है. संभावना है कि कल अनुपम खेर इस अवार्ड वापसी के खिलाफ भी अपने "उन्हीं" साथियों के साथ राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालेंगे. संभावित प्रश्न जो भाजपा के खैर ख़्वाह इन सैनिकों से पूछ सकते हैं- - आपने तब अपने मेडल्स क्यों नहीं लौटाए जब पाकिस्तानियों ने कारगिल में घुसकर कब्ज़ा कर लिया था? - आपने तब मेडल्स क्यों नहीं लौटाए जब पाकिस्तान की फौजों ने भारतीय सैनिकों के सर कलम कर दिए थे? - आपने तब मेडल्स क्यों नहीं लौटाए जब आतंकवादी समुद्री सीमा से मुंबई में घुस आये थे? - आपने तब अपने अवार्ड्स क्यों नहीं लौटाए जब संसद पर आतंकवादियों का हमला हुआ था? - आपने तब अपने अवार्ड्स क्यों नहीं लौटाए जब मोदी ने कश्मीर में सेना पर ज़्यादती का आरोप लगाने वाले मुफ़्ती मुहम्मद सईद से हाथ मिलाया और साझा सरकार बनाई थी? इसके अलावा भी ये बहुत सारे नए नए सवाल गढ़ने में



जो लोग इस खुशफहमी में हैं कि अवार्ड वापसी सिर्फ बिहार चुनाव के लिए ही थी उनके लिए खबर है कि आज से पूर्व सैनिक अपने अवार्ड्स और मेडल्स वापस करने जा रहे हैं. ये अवार्डस और मेडल्स भी किसी सरकार ने नहीं बल्कि देश ने दिए थे. साहित्यकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के अवार्ड वापस करने से ज़्यादा सैनिकों की अवार्ड वापसी से दुनिया में हमारी बदनामी होने वाली है. संभावना है कि कल अनुपम खेर इस अवार्ड वापसी के खिलाफ भी अपने "उन्हीं" साथियों के साथ राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालेंगे. संभावित प्रश्न जो भाजपा के खैर ख़्वाह इन सैनिकों से पूछ सकते हैं-
- आपने तब अपने मेडल्स क्यों नहीं लौटाए जब पाकिस्तानियों ने कारगिल में घुसकर कब्ज़ा कर लिया था?
- आपने तब मेडल्स क्यों नहीं लौटाए जब पाकिस्तान की फौजों ने भारतीय सैनिकों के सर कलम कर दिए थे?
- आपने तब मेडल्स क्यों नहीं लौटाए जब आतंकवादी समुद्री सीमा से मुंबई में घुस आये थे?
- आपने तब अपने अवार्ड्स क्यों नहीं लौटाए जब संसद पर आतंकवादियों का हमला हुआ था?
- आपने तब अपने अवार्ड्स क्यों नहीं लौटाए जब मोदी ने कश्मीर में सेना पर ज़्यादती का आरोप लगाने वाले मुफ़्ती मुहम्मद सईद से हाथ मिलाया और साझा सरकार बनाई थी? 
इसके अलावा भी ये बहुत सारे नए नए सवाल गढ़ने में माहिर हैं. इंतज़ार कीजिये.… 
-व्हाट्सऐप सेवा॥ 😂😂😂😂😂
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Comments
दुर्गाप्रसाद अग्रवाल
दुर्गाप्रसाद अग्रवाल और इस बात को कोई कैसे भूल सकता है कि जब साहित्यकार/कलाकार अपने सम्मान लौटा रहे थे तो सरकार के (या दल विशेष के) हिमायती उछल उछल कर कह रहे थे कि ये पुरस्कार/सम्मान तो जोड़-तोड़ या चापलूसी से मिले हैं इसलिए लौटाये जा रहे हैं! अगर कोई सैनिक अपनी वीरता के दम पर अर्जित सम्मान लौटाता तो कोई बात भी थी!
Like · Reply · 5 · 12 hrs
Sanjaya Kumar Singh
Sanjaya Kumar Singh भक्त कह रहे थे कि सेना में अवार्ड भक्ति से नहीं मिलते हैं इसलिए वे नहीं लौटा रहे हैं। अब देखें क्या कहते हैं। प्रेरित तो उन्हीं लोगों ने किया है।
Like · Reply · 3 · 12 hrs
Laxminarayan Sharma
Laxminarayan Sharma शुरुआत भाजपा ने राम मंदिर आंदोलन के ऊदोरान की जब सेना से सेवा निवृत हुए सैकड़ों जरनलों कर्नलों के पार्टी ज्वाइनिंग की फिर सैनिक पार्टी के साथ जातिवाद मे सेना के कारिंदों का प्राक्टय हुआ। जब देश की संपत्तियों व जन जिवन की सुरक्षा की शपथ लेने वाले सेना के कुछ लोग पूर्व अफसर बसे रेल बिजली सडकों सहित सम्पत्तियां क्षति ग्रस्त की। आगज़नी व खूनखराबे के शाक्ष्य बने । 
अब मजा आगया राजनीति की काली करतूतों का।
Like · Reply · 1 · 11 hrs · Edited
Mohammed Anwar Khan
Mohammed Anwar Khan But they will not accept
Like · Reply · 2 · 11 hrs
Surinder Rattu
Surinder Rattu सरकार की चूलें हिल रही हैं, और वह चैन की बंसी बजा रही है ......................दुखद है यह सब | सरकार लोगों की मन की बात समझो |
Like · Reply · 1 · 11 hrs
Krishan Kumar Purohit
Krishan Kumar Purohit यह अवार्ड वापसी OROP को लेकर है।
Like · Reply · 2 · 11 hrs
Surendra Grover
Surendra Grover पहली पंक्ति में साफ लिखा है कि सरकार के हिमायतियों में यह गलतफहमी थी कि बिहार चुनावों को देखते हुए साहित्यकार सम्मान लौटा रहे हैं.. सबके अपने अपने मुद्दे हैं..
Like · Reply · 2 · 10 hrs
Krishan Kumar Purohit
Krishan Kumar Purohit जी, है तो अवार्ड वापसी। साहित्यकारों ने विरोध की नई राह जो दिखा दी। लेकिन किसानों के पास तो अवार्ड भी नहीं। वे बेचारे कैसे विरोध करेंगें ! देश की 99 फीसदी जनता के पास कोई अवार्ड नहीं है, उनकी कौन सुनेगा ?
Like · Reply · 8 · 10 hrs · Edited
Surendra Grover
Surendra Grover सुप्रीम कोर्ट ने भी टिप्पणी कर दी है कि किसानों की समस्याओं के प्रति सरकार गम्भीर नहीं है..
Like · Reply · 2 · 10 hrs
Anil Chaurasia
Anil Chaurasia जनविरोधी सरकारों को जवाब
देने के लिए निश्चय ही कुछ और प्रतिरोध के औज़ार खोजने होंगे . यह दौर अब थमने वाला नहीं है ......
Like · Reply · 2 · 7 hrs
Vijayjjn Jangid
Vijayjjn Jangid उनका अलग मामला है साहेब
Like · Reply · 6 hrs

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