THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA
INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES
PalahBiswas On Unique Identity No1.mpg
Monday, July 29, 2013
Himanshu Kumar गृह मंत्रालय ने अभी हाल ही मे आदिवासी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बुला कर आदेश दिया है कि मानवाधिकार की आवाज़ उठाने वाले संगठनों और व्यक्तियों को जेलों मे डालना शुरू कर दिया जाय
गृह मंत्रालय ने अभी हाल ही मे आदिवासी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बुला कर आदेश दिया है कि मानवाधिकार की आवाज़ उठाने वाले संगठनों और व्यक्तियों को जेलों मे डालना शुरू कर दिया जाय
तो जनाब कमजोरों पर ज़ुल्म होता देख कर या तो चुप हो कर घर बैठे रहिये या ज़ुल्म का विरोध कर के जेल जाकर पिटने के लिये तैयार हो जाइए . और मज़े की बात तो यह है कि आप नक्सल समर्थक हैं या नहीं यह घोषित कर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल मे ले जाकर पीटने का अधिकार किसको होगा ? १ - अमीरों से रिश्वत खाकर गरीबों की ज़मीनें छीनने वाले पुलिस वाले आपको नक्सल समर्थक सिद्ध कर सकेंगे २- थाने मे ले जाकर महिलाओं से बलात्कार करने वाले , औरतों के गुप्तांगों मे पत्थर भरने वाले , औरतों की योनी मे मिर्चें भरने वाले कल्लूरी और अंकित गर्ग जैसे पुलिस अधिकारी आपको नक्सली घोषित कर जेल मे डाल सकेंगे . २- गडकरी और राबर्ट वडेरा जैसे भ्रष्ट लोगों की '' राष्ट्रवादी '' पार्टी कांग्रेस और भाजपा के '' देशभक्त'' कार्यकर्त्ता अगर आपके बारे मे पुलिस से शिकायत कर देंगे कि साहब ये व्यक्ति कम्पनी वाले सेठ को कारखाना लगाने के लिये ज़मीन देने के बारे मे आदिवासियों को उनके अधिकारों के बारे मे बता कर भड़का रहा है तो भी आपको एस पी साहब जेल मे सड़ा देंगे .
३. आदिवासियों की ज़मीने छीनने के लिये ताक मे बैठे हुए उद्योगपति भी आपके बारे मे पुलिस अधिकारी को कह कर आपको नक्सली समर्थक कह कर जेल मे डलवा सकेंगे .
लेकिन जनाब इन होम मिनिस्ट्री मे बैठे हुए सत्ता की शराब मे धुत्त लोगों को सत्य और जनता की ताकत का पता ही नहीं है .
मैं इस पत्र द्वारा केन्द्र सरकार , गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों को विनम्र सलाह दे रहा हूं कि आप ऐसी कोई बेवकूफाना हरकत करने की जुर्रत मत करना . वर्ना हालात् आपके हाथ से नकल सकते है .
आप ये भूल जाओ कि जनता आपकी जेल , लाठी या गोली से डर कर अपनी ज़मीनें और बेटियाँ आपको सौंप देगी .
आप को आदिवासियों और अन्य ग्रामीणों की ज़मीनें छीनने के गैर कानूनी काम मे एक एक गाँव मे एक एक घर से भयंकर प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा .
और अगर आपको लगता है कि अन्याय का विरोध करने को अपराध घोषित करने से लोग डर जायेंगे तो हम खुले आम घोषणा कर रहे हैं कि हम अपनी आख़िरी सांस तक प्रत्येक अन्याय का विरोध करेंगे . एक इंसान होने के नाते यह हमारा कर्तव्य और धर्म है भले ही आप हमारे इस काम को किसी भी कानून के द्वारा गैरकानूनी घोषित कर दें .
मैं सोनी सोरी और हज़ारों आदिवासियों पर सरकारी ज़ुल्मों का विरोध करने का अपराध कर रहा हूं आइये इस अपराध के लिये मुझे गिरफ्तार कर लीजिए और जेल मे ले जाकर मेरी हड्डियाँ तोड़ डालिए .
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