THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA

THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Sunday, November 30, 2014

क्रांतिज्‍योती सावित्रीमाई फुले के कार्य प्रति समर्पित एक अखंड कार्य की ज्योत

क्रांतिज्‍योती सावित्रीमाई फुले के कार्य प्रति समर्पित एक अखंड कार्य की ज्योत

"क्रांतिज्‍योती'' इस नाम का उच्चार करते ही हमारे मन में आदरभाव निर्माण होता हैजब कभी क्रांती हुई तब तब्दीली हुई हैशांतीसे क्रांती करके महिलाओंमें हम प्रगतिशील परिवर्तन लाना चाहते है और इसकी प्रेरणा हमें 'क्रांतिज्‍योती सावित्रीमाई फुलेइनसे मिली है। उनके सामाजिकशैक्षणिक तथा वैचारिक कार्यों की विरासत को आगे ले जानेमे समर्पित होकर ट्रस्ट का नाम 'क्रांतिज्‍योतीरखा गयाक्रांतिज्‍योती ट्रस्ट को जानने से पहले हमें इसकी प्रेरणास्‍त्रोत सावित्रीमाई फुले और उनके कार्यो को जानना जरुरी है। भारत देश के आधुनिक सामाजिक आंदोलन की पहली नेता है सावित्रीमाई फुले। महाराष्‍ट्र के सातारा जिले में नायगाव नामक छोटे से गांव मे पिछडी जाती मे जन्मे सावित्रीमाईने अपने पती राष्ट्रपिता ज्‍योतीबा फुले के सहयोग से उन्‍नीसवी सदी मे बुरी तरह व्‍याप्‍त अशिक्षाछुआ- छुतसतीप्रथाबाल-विवाह तथा विधवा विवाह निषेध जैसी कुरितियांसेसमाज की रुढीवादी परम्‍पराओंसे लोहा लेते हुएघोर ब्राम्‍हणवाद के वर्चस्‍व को सीधी- चुनौती देते हुए शूद्र एवं स्‍त्री शिक्षा का आरंभ करके नये युग की नींव रखी।
  आज कई महिलाए शिक्षित है पर आगे आकर अपने हक्‍क तो क्या;अपनी इच्‍छाये तक व्‍यक्‍त नहीं करतीविषमतावादी व्यवस्था से महिला अपने हकसे वंचित आज भी है। बच्चो पर सबसे ज्‍यादा प्रभाव होता है अपनी मॉं का। पर वह खुद यहा भय के साये मे है। सक्षम और निडर महिला ही अपना और अपने परिवार का विकास कर सकती हैइसी विचार और सावित्रीमाई के कार्य से प्रभावित होकर 'क्रांतिज्‍योतीट्रस्ट की स्‍थापना २०११ मे हुई| 'क्रांतिज्‍योतीने जाना की जब तक महिलामे नेतृत्व गुण ना हो और वह आर्थिकरुपसे आत्मनिर्भर ना हो तबतक वह खुदको सक्षम तथा स्वतंत्र नही पाएगी। अत: महिलाओंमे नेतृत्‍व गुण और आर्थिकरुपसे आत्मनिर्भर करने के लिए उदयोजकता गुण विकसित करना इन दो मुख्य मुद्दो पर 'क्रांतिज्‍योतीट्रस्ट ने अपना काम करना शुरू किया।

नेतृत्‍व तथा उदयोजकता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम:
नेतृत्‍व तथा उदयोजकता गुण विकसित करने के लिए क्रांतिज्‍योती ट्रस्ट कृति कार्यक्रम आयोजित करती है। Community Level Leadership Training Program (CLLTP) सामुदायिक स्तरीय नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओंमें नेतृत्‍व गुण विकसित मे जुडी हैइस प्रशिक्षण मे महिलाओंकी समस्याए तथा उनका निवारणनारीविषयक कायदेहक-अधिकारसंवाद कौशल्य और सरकारी पत्रव्‍यवहार संबंधी जानकारी दी जाती हैबस्ती में रहनेवाले लोगों की समस्‍या तथा उसका निवारण कैसे किया जाए इस पर चर्चा होती हैउनमें नेतृत्‍व गुण विकसित करके उन्हे स्वंय कीपरिवार की और फिर समाज की समस्याए स्वंय होके सुलझानेके लिए तयार करना ही क्रांतिज्‍योती ट्रस्ट का मकसद है। महिला सशक्तिकरण मे महिलाओंमे वैचारिकशारिरिक तथा मानसिक सभी स्‍तर पर आत्‍मविश्‍वास पैदा कर उन्‍हें सशक्‍त बनाने का प्रयास होता हैमहिलाओकों अपने जीवन की गरिमा को सुरक्षित रखने और सम्‍मानित जीवन जीने का पुर्ण अधिकार प्राप्त करने के लिए तयार करते हैपहले नाम बताने के लिए भी कतरानेवाली महिला आज महत्वपुर्ण विषयोंके चर्चामे खुलकर अपने विचार रखती हैअनुभवोंसे मार्गदर्शन भी करती है।
दुसरा महत्वपूर्ण मुद्दा है महिलाओंको आदरपुर्ण रोजगार देना तथा आर्थिक रुप से सक्षम करना। अपने पैरों पर खडे होने के लिए महिलाओंको आर्थिक सक्षम करने का कार्य क्रांतिज्‍योती द्वारा रमाई वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर (RVTC) में किया जाता है| RVTC मे महिलाओंकों उद्योजकता के हर अंग का प्रशिक्षण दिया जाता है। उनके द्वारा बनाये गए वस्‍तूओंकी मार्केटिंग तथा बेचने की जिम्‍मेदारी भी क्रांतिज्‍योती मे कार्यरत महिलाए ही 'ब्‍ल्‍यू बर्ड्सशॉप मार्फत पुरी करती है। महिलाओं की बनाई सभी वस्‍तुओंको बाजार मे स्थान मिलेलोग उसे खरिदे और महिलाओंको अर्थार्जन हो इस हेतू से ब्‍ल्‍यू बर्ड्स शॉप शुरु किया। आजतक २०० से अधिक महिलाओंने विविध प्रशिक्षण प्राप्त किया है और अपना व्‍यवसाय चला रही है। ज्यादातर महिलाए अकेले तो कईयोंने मिलकर व्यवसायिक गट बनाकर अपना व्यवसाय चालू किया हैजिसका लाभ होते वो देख रही है।
बचत गट के तहत महिलाए बनी उद्यमकर्त्ता:
आज क्रांतिज्‍योती के कुल २५ बचत गट है। ६०० से ज्यादा महिलाओंका नेटवर्क है। बचत गट के माध्यमसे महिलाए एकत्रित होकर एक दूसरे की समस्‍या को समझती है तथा उसका निवारण करने मे सहाय्य करती है|इसी के साथ बचतगट द्वारा स्‍वयंरोजगार को प्रेरित करने के लिए उद्यमकर्त्ता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम (Entrepreneur Development Training Program) आयोजित होता है। आज कई महिलाए बचत गट व्दारा गेहुदालतेल इ. का होलसेल भाव मे सफलतापुर्वक व्यवसाय करके आदर के साथ जिंदगी जी रही है। साथ ही वैचारिक विकास के लिए प्रत्येक बचत गट हर हफ्ते अपने अपने इलाके मे एकत्रित होकर विविध विषयोंपर वाचनचर्चासत्रशिबिरकार्यशाला आयोजित करके अपना आत्मविश्वास बढाती है। हर प्रशिक्षित महिला अब खुद चलके अपने जैसे और महिलाए बनाने के लिए तैयार है।
संगणक तथा शिक्षा मे भी नही अब पिछे:
क्रांतिज्‍योती स्टडी अ‍ॅन्ड ट्रेनिंग सेंटर (KSTC) प्रकल्प के अंतर्गत यहॉं अल्‍पशिक्षित महिलाए अत्‍यंत नाममात्र शुल्‍क में संगणक प्रशिक्षण का लाभ उठाती हैसंगणक का महत्‍व बस्तीमें रहनेवाली सभी महिलाए और विदयार्थी समझ सके इसलिए खास बस्तीमे जाके इसकी जानकारी उन्हे दी जाती है। बस्ती तथा मध्यम वर्गिय ८वी९वी और १०वी कक्षा के छात्रों को उनकी पाठशाला मे जाके व्यवसायिक मार्गदर्शन (करियर गायडन्‍स) किया जाता है। तथा ७ वी८ वी और ९ वी कक्षा मे पढ रही लडकियोंके बदलते शारिरीक और मानसिक विकास को मद्दे नजर रखते हुए हर साल सावित्रीमाई फुले स्मृतिदिन१० मार्चको इन शालेय छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति परिक्षा (क्रांतिज्‍योती स्‍कॉलरशिप) का आयोजन किया जाता हैं और विजेता ९ छात्राओंको प्रत्येकी २००० रुपये छात्रवृत्ति दि जाती है। छात्रवृत्ति परीक्षा प्रा. ग़ौतम निकम लिखित किताब 'तेजस्विनीपर आधारीत होती है जिसमे महानायिकोंका का पूरा चरित्र अंकित है। हमने पाया की कई लडकियोंमे इससे जागरुकता और आत्मविश्वास निर्माण हुआ है।
आज महिलाओंके समस्याओंपर काम करनेवाली अनेक गैर सरकारी संस्थाए है। वह राष्ट्रिय और अंतरराष्ट्रीय स्तरपर पॉलीसी लेवल पर कार्य करती है। इस कार्य की अपनी एक अहमियत है लेकीन जमिनी कार्य (ग्रासरूट वर्क) को नजरअंदाज नही कर सकते। क्योंकि भारत की महिलाएं रुढियोंपरंपराओंके बोज़ की शिकार तथा वाहक बनकर चल रही  है। जातवर्ग तथा लिंग हर स्तर पर वह शोषित है। यही सब भेदभावअसमानतामहिलाओंका गौन अस्तित्व मिटाने के लिए क्रांतिज्‍योती बस्ती तथा पुरे मागासवर्गियबहुजन समाज के लिए कार्य करती हैइसमें किसी विशिष्‍ट जाती का समावेश नही हैइतना ही नही बल्कि क्रांतिज्‍योती में काम करनेवाली सभी महिलायें भी विभिन्‍न जाती से हैपर सभी का उद्देश्‍य एक ही हैकी नारी को सक्षम करना जिससे की आगे चलकर वह नारी जाती पर हो रहे अन्‍याय से लढ सके|  

(इस लेख की लेखिका रुपाली जावा यह क्रांतिज्‍योतीटिम मेंबर तथा संगणक प्रशिक्षक है।)

 

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