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THE HIMALAYAN TALK: PALASH BISWAS TALKS AGAINST CASTEIST HEGEMONY IN SOUTH ASIA INDIA AGAINST ITS OWN INDIGENOUS PEOPLES

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Wednesday, June 5, 2013

शारदा घोटाले से बरी हो गयी राजनीति, दीदी हावड़ा में जीत का अंतर घटने से बेपरवाह!

शारदा घोटाले से बरी हो गयी राजनीति, दीदी हावड़ा में जीत का अंतर घटने से बेपरवाह!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


जैसा कि पहले से ही साफ हो चुका है हावड़ा संसदीय उपचुनाव में कम से कम शारदा फर्जीवाड़े का कोई ज्यादा असर नहीं हुआ है। तृणमूल की जीत बले ही कम अंतर से हुआ और एक लाख ८४ हजार मतों की पिछली बढ़त  मात्र सत्ताइस हजार के आसपास सिमट गयी, लेकिन इसकी बड़ी वजह कांग्रेस तृणमूल गठबंधन टूटना है न कि चिटफंड घोटाला।हालांकि चुनाव परिणाम के आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस से गठबंदन टूटने के असर से सिरे से इंकार कर दिया है। उन्होंने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में चिटफंड घोटाले के लिए फिर वाममोर्चा को दोषी ठहराते हुए कहा कि चुनावों में इस घोटाले का कोई असर नहीं होगा। क्योंकि इसके लिए तृणमूल जिम्मेवार है ही नहीं। यह सिलसिला ज्योति बसु के जमाने से चल रहा है और बुद्धदेव के मुख्यमंत्रित्व काल में तेज हुआ। उनकी सरकार तो आम निवेशकों के हित में कदम उठा रही है। जाहिर है कि अब अपने दागी साथियों के खिलाफ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं दीदी।दीदी हावड़ा में जीत के अंतर में गिरावट से एकदम बेपरवाह हैं।


आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर दिल्ली में आज तमाम सूबों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। इस बैठक में नक्सलियों की बढ़ती हिंसा के खिलाफ खास तौर पर चर्चा की गई। लेकिन तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में शिरकत नहीं की। जयललिता ने इसे सालाना खानापूर्ति करार दिया है।


कोंद्रीय एजंसियों की जांच पड़ताल का शोर अब सुनायी नहीं पड़ रहा है। न ही कही आम निवेशक और एजंट सड़कों पर दिखायी दे रहे हैं। राजनीतिक दलों ने अब इस मामले में चुप्पी अख्तियार कर ली है। बुंबा की गिरफ्तारी और उसके बयान से जांच की दिशा एकदम बदलकर सुदीप्त और देवयानी, एक पूर्व आई पीएसअफसर और उनकी पत्नी और एक दूसरे आईपीएस अफसरों तक सीमाबद्ध हो गयी है। राजनीति अब इस ​​घोटाले से बरी है। हालांकि इसी बीच शारदा समूह के दो चैनलों के अधिग्रहण के फैसले को केंद्र की ओर से अवैध करार दिये जेना के बादसूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के  शारदा ग्रुप द्वारा संचालित चैनलों को अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देशों का कथित उल्लंघन करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।बुंबा के मुताबिक शारदा समूह के कारोबार संभालते थे पूर्व पुलिस अफसर ही। दागी नेताओं के खिलाफ अब कोई नया खुलासा नहीं हुआ है।


पश्चिम बंगाल सरकार ने  शारदा समूह के दो टेलीविज़न चैनलों को अपने हाथ में लेने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संबंध में घोषणा करते हुए रायटर्स बिल्डिंग में संवाददाताओं को बताया कि यह फैसला तारा न्यूज और तारा म्युजिक चैनलों के कर्मचारियों के सरकारी हस्तक्षेप की मांग के बाद किया गया है।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से भी यह स्पष्ट करने को कहा है कि चैनलों का संचालन करने वाली कंपनी के निर्देशकों के तौर पर नए लोगों को नामित करने के बारे में पता लगने के बाद भी क्या उसके द्वारा चैनल को दी गई मंजूरी वैध है।अधिकारियों के अनुसार, मंत्रालय को चैनलों की मालिक कंपनी की हिस्सेदारी के स्वरुप में बदलाव के बारे में मालूम पड़ा है जिससे यह पता चलता है कि कंपनी पर सारदा समूह ने कब्जा कर लिया है। यह भी पाया गया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को बताए बिना कंपनी के निर्देशकों के तौर पर तीन लोगों को नामित किया गया, जो नियमों का उल्लंघन है। अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ने मंत्रालय के कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया है। अब उसे गृह मंत्रालय के जवाब का इंतजार है।



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