RIHAI MANCH
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
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निमेष कमीशन सिर्फ जारी करने के लिए नहीं दोषी पुलिस अधिकारियों को जेल
भेजने के लिए बना था- रिहाई मंच
विक्रम सिंह, बृजलाल, अमिताभ यश जैसे पुलिस अधिकारियों का बाहर घूमना देश
की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा- रिहाई मंच
खालिद के हत्यारों की गिरफ्तारी तक जारी रहेगा रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना
चैदहवें दिन भी जारी रहा खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी
अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना
लखनऊ 4 जून 2013/ मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी
अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार एक्शन
टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषी पुलिस व आईबी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने
और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर
रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना चैदहवें दिन भी जारी रहा। आज क्रमिक
उपवास पर सोशलिस्ट फ्रंट के मोहम्मद आफाक और स्मार्ट पार्टी के हाजी फहीम
सिद्की बैठे।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने आज
आधे-अधूरे मन से आरडी निमेष रिपोर्ट को सार्वजनिक किया वह बताता है कि
सरकार इस रिपोर्ट को दबाए रखना चाहती थी। क्योंकि जिस रिपोर्ट को रिहाई
मंच के लोगों ने 18 मार्च 2013 को ही जारी कर दिया था उस पर सपा सरकार को
आज यह बताना चाहिए था कि वो इस पर क्या एक्शन ले रही है और किन-किन दोषी
पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाई कर रही है, जो उसने नहीं बताया जो सरकार
की मंशा पर सवाल उठाता है।
मुहम्मद शुऐब ने कहा कि आज जब निमेष कमीशन खालिद-तारिक की गिरफ्तारी को
गलत बता चुका है तो ऐसे में सवाल उठता है कि जो डेढ़ किला आरडीएक्स और
जिलेटिन की छड़े एसटीएफ ने उनके पास से बरामद दिखाईं थी वह एसटीएफ को
कहां से मिली थीं। यह सवाल तब और गंभीर हो जाता है जब खालिद को लेकर इस
गिरफ्तारी के दोषी अधिकारी तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह गौरवान्वित होकर
बयान देते हंै कि खालिद आतंकवादी था और रहेगा। तब ऐसे में सवाल उठता है
कि खाकी के भेष में आरडीएक्स रखने वाले इन राज्यद्रोही पुलिस अधिकारियों
को सरकार क्यों नहीं जेल भेज रही है। क्योंकि निमेष कमीशन ने जिन दोषी
पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाई की बात कहीं है चाहे वो विक्रम सिंह,
बृजलाल, मनोज कुमार झां, अमिताभ यश, चिरंजिव नाथ सिन्हा, एस आनंद और आईबी
के अधिकारी हों यह सब प्रदेश में उच्च पदों पर आज भी कैसे तैनात है, जो
देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इन दोषी पुलिस आतंकियों को
तत्काल गिरफ्तार कर देश को सुरक्षित करते हुए इनके वैश्विक आातंकी
संगठनों के गठजोड़ की जांच कराई जाय।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं शाहनवाज आलम, राजीव यादव ने कहा कि जिस तरह
तारिक-खालिद के मामले में निमेष जांच आयोग ने गिरफ्तारियों पर सवाल उठाया
है उससे यह जरुरी हो जाता है कि और भी ऐसी गिरफ्तारियों समेत उन तमाम
आतंकवाद के मुकदमों की फिर से जांच कराई जाए जिसमें पुलिस की बरामदगी के
आधार पर ही सजांए तक हो चुकी हैं। साथ ही आतंकवाद के आरोप में बरी हो
चुके और ऐसी ही झूठी पुलिसिया कहानियों पर जो सजाएं काट रहे हैं उन
मुकदमों की भी पुर्नविवेचना कराई जाय। रिहाई मंच ने कहा कि यह अनिश्चित
कालीन धरना तब तक चलेगा जब तक कि खालिद के हत्यारे दोषी पुलिस व आईबी के
अधिकारियों को जेल नहीं भेजा जाता।
पिछड़ा समाज महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुल हक मलिक ने कहा कि 27
दंगे और खालिद की हत्या से साफ हो गया है सपा को मुसलमानों और वचित
पिछड़े तबकों की जरुरत सिर्फ वोट बैंक के बतौर है और सरकार अब ब्राहमणों
को खुश करने के लिए मनुवादी एजेंडे पर चल रही है जिसका प्रमाण प्रमोशन मे
ंआरक्षण का विरोध और ब्राहमणों पर दर्ज दलीत उत्पीड़न के मुकदमें हटाने
की घोषणा है।
अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए आजमगढ़ रिहाई मंच के नेता तारिक
शफीक ने कहा कि सपा सरकार ने फरुखाबाद में 65 लोगों जो कि विश्व हिन्दू
परिषद, विधार्थी परिषद, बीजेपी के थे पर से मुकदमा हटाया है उससे साफ हो
रहा हे कि यह सरकार किसकी हिमायती है।
धरने के समर्थन में मुंबइ्र से आए लेखक आजम शहाब ने कहा कि वे मुंबई से
धरने में शामिल होने इसलिए आए हैं कि खालिद का सवाल सिर्फ यूपी का सवाल
नहीं है बल्कि पूरे देश के मुसलमानों के समक्ष खुफिया एजेंसियों द्वारा
खड़ा किए गए असुरक्षा का सवाल है।
धरने के समर्थन में गोण्डा से आए जुबैर खान ने कहा कि खालिद मुजाहिद की
हत्या कराकर सपा हुकूमत ने अपनी उल्टी गिनती शुरु कर ली है, जिसका एहसास
उसे 2014 के लोकसभा चुनाव में मुसलमान करा देगा।
धरने को मैग्सेसे पुरस्कार से सम्माानित संदीप पांडे, सदर जामा मस्जिद
कमेटी उन्नाव जमीर अहमद खान, इंडियन नेशनल लीग के प्रदेश अध्यक्ष मो0
समी, गोंडा से मुशीर खान, खतीबुल्ला, मो0 सुल्तान खान, फखरुद्दीन खान,
आदियोग, रामकृष्ण, मुस्लिम फोरम के डा0 आफताब अहमद खां, कारी जुबैर अहमद,
मुसन्ना, डा0 कमरुद्ीन कमर, कमर इरशाद, मुस्लिम संषर्ष मोर्चा के आफताब,
अबू जर, आरिफ नसीम, इशहाक, भारतीय एकता पार्टी अध्यक्ष सैयद मोइद,
स्मार्ट पार्टी शहजादे मंसूर, महशर अहमद खां, मौलाना कमर सीतापुरी, डा0
अली अहमहद कासमी, शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने संबोधित किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
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Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
Email- rihaimanchindia@gmail.com
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
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निमेष कमीशन सिर्फ जारी करने के लिए नहीं दोषी पुलिस अधिकारियों को जेल
भेजने के लिए बना था- रिहाई मंच
विक्रम सिंह, बृजलाल, अमिताभ यश जैसे पुलिस अधिकारियों का बाहर घूमना देश
की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा- रिहाई मंच
खालिद के हत्यारों की गिरफ्तारी तक जारी रहेगा रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना
चैदहवें दिन भी जारी रहा खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी
अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना
लखनऊ 4 जून 2013/ मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी
अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार एक्शन
टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषी पुलिस व आईबी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने
और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर
रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना चैदहवें दिन भी जारी रहा। आज क्रमिक
उपवास पर सोशलिस्ट फ्रंट के मोहम्मद आफाक और स्मार्ट पार्टी के हाजी फहीम
सिद्की बैठे।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने आज
आधे-अधूरे मन से आरडी निमेष रिपोर्ट को सार्वजनिक किया वह बताता है कि
सरकार इस रिपोर्ट को दबाए रखना चाहती थी। क्योंकि जिस रिपोर्ट को रिहाई
मंच के लोगों ने 18 मार्च 2013 को ही जारी कर दिया था उस पर सपा सरकार को
आज यह बताना चाहिए था कि वो इस पर क्या एक्शन ले रही है और किन-किन दोषी
पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाई कर रही है, जो उसने नहीं बताया जो सरकार
की मंशा पर सवाल उठाता है।
मुहम्मद शुऐब ने कहा कि आज जब निमेष कमीशन खालिद-तारिक की गिरफ्तारी को
गलत बता चुका है तो ऐसे में सवाल उठता है कि जो डेढ़ किला आरडीएक्स और
जिलेटिन की छड़े एसटीएफ ने उनके पास से बरामद दिखाईं थी वह एसटीएफ को
कहां से मिली थीं। यह सवाल तब और गंभीर हो जाता है जब खालिद को लेकर इस
गिरफ्तारी के दोषी अधिकारी तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह गौरवान्वित होकर
बयान देते हंै कि खालिद आतंकवादी था और रहेगा। तब ऐसे में सवाल उठता है
कि खाकी के भेष में आरडीएक्स रखने वाले इन राज्यद्रोही पुलिस अधिकारियों
को सरकार क्यों नहीं जेल भेज रही है। क्योंकि निमेष कमीशन ने जिन दोषी
पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाई की बात कहीं है चाहे वो विक्रम सिंह,
बृजलाल, मनोज कुमार झां, अमिताभ यश, चिरंजिव नाथ सिन्हा, एस आनंद और आईबी
के अधिकारी हों यह सब प्रदेश में उच्च पदों पर आज भी कैसे तैनात है, जो
देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इन दोषी पुलिस आतंकियों को
तत्काल गिरफ्तार कर देश को सुरक्षित करते हुए इनके वैश्विक आातंकी
संगठनों के गठजोड़ की जांच कराई जाय।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं शाहनवाज आलम, राजीव यादव ने कहा कि जिस तरह
तारिक-खालिद के मामले में निमेष जांच आयोग ने गिरफ्तारियों पर सवाल उठाया
है उससे यह जरुरी हो जाता है कि और भी ऐसी गिरफ्तारियों समेत उन तमाम
आतंकवाद के मुकदमों की फिर से जांच कराई जाए जिसमें पुलिस की बरामदगी के
आधार पर ही सजांए तक हो चुकी हैं। साथ ही आतंकवाद के आरोप में बरी हो
चुके और ऐसी ही झूठी पुलिसिया कहानियों पर जो सजाएं काट रहे हैं उन
मुकदमों की भी पुर्नविवेचना कराई जाय। रिहाई मंच ने कहा कि यह अनिश्चित
कालीन धरना तब तक चलेगा जब तक कि खालिद के हत्यारे दोषी पुलिस व आईबी के
अधिकारियों को जेल नहीं भेजा जाता।
पिछड़ा समाज महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एहसानुल हक मलिक ने कहा कि 27
दंगे और खालिद की हत्या से साफ हो गया है सपा को मुसलमानों और वचित
पिछड़े तबकों की जरुरत सिर्फ वोट बैंक के बतौर है और सरकार अब ब्राहमणों
को खुश करने के लिए मनुवादी एजेंडे पर चल रही है जिसका प्रमाण प्रमोशन मे
ंआरक्षण का विरोध और ब्राहमणों पर दर्ज दलीत उत्पीड़न के मुकदमें हटाने
की घोषणा है।
अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए आजमगढ़ रिहाई मंच के नेता तारिक
शफीक ने कहा कि सपा सरकार ने फरुखाबाद में 65 लोगों जो कि विश्व हिन्दू
परिषद, विधार्थी परिषद, बीजेपी के थे पर से मुकदमा हटाया है उससे साफ हो
रहा हे कि यह सरकार किसकी हिमायती है।
धरने के समर्थन में मुंबइ्र से आए लेखक आजम शहाब ने कहा कि वे मुंबई से
धरने में शामिल होने इसलिए आए हैं कि खालिद का सवाल सिर्फ यूपी का सवाल
नहीं है बल्कि पूरे देश के मुसलमानों के समक्ष खुफिया एजेंसियों द्वारा
खड़ा किए गए असुरक्षा का सवाल है।
धरने के समर्थन में गोण्डा से आए जुबैर खान ने कहा कि खालिद मुजाहिद की
हत्या कराकर सपा हुकूमत ने अपनी उल्टी गिनती शुरु कर ली है, जिसका एहसास
उसे 2014 के लोकसभा चुनाव में मुसलमान करा देगा।
धरने को मैग्सेसे पुरस्कार से सम्माानित संदीप पांडे, सदर जामा मस्जिद
कमेटी उन्नाव जमीर अहमद खान, इंडियन नेशनल लीग के प्रदेश अध्यक्ष मो0
समी, गोंडा से मुशीर खान, खतीबुल्ला, मो0 सुल्तान खान, फखरुद्दीन खान,
आदियोग, रामकृष्ण, मुस्लिम फोरम के डा0 आफताब अहमद खां, कारी जुबैर अहमद,
मुसन्ना, डा0 कमरुद्ीन कमर, कमर इरशाद, मुस्लिम संषर्ष मोर्चा के आफताब,
अबू जर, आरिफ नसीम, इशहाक, भारतीय एकता पार्टी अध्यक्ष सैयद मोइद,
स्मार्ट पार्टी शहजादे मंसूर, महशर अहमद खां, मौलाना कमर सीतापुरी, डा0
अली अहमहद कासमी, शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने संबोधित किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
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